बिहार को विशेष राज्य का दर्जाः पक्ष-विपक्ष में सियासी बयानबाजी तेज, जीतनराम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार का विरोध किया
By एस पी सिन्हा | Published: September 28, 2021 08:00 PM2021-09-28T20:00:41+5:302021-09-28T20:02:23+5:30
एनडीए के घटक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा(हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस मामले में नीतीश कुमार का विरोध किया है.
पटनाः बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर अब नीतीश कुमार की सरकार के द्वारा यू-टर्न ले लिये जाने से सियासत गर्मा गई है.
जदयू नेता व बिहार के योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि नीतीश सरकार मांग करते-करते थक चुकी है, इसलिए अब पीएम मोदी की सरकार से विशेष राज्य के दर्जा की मांग नहीं की जाएगी. इसके बाद पक्ष-विपक्ष में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.
महागठबंधन के घटक दल इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर ले रहे हैं तो सत्ताधारी भाजपा ने राज्य सरकार के स्टैंड का स्वागत किया है. खास बात यह है कि एनडीए के घटक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा(हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस मामले में नीतीश कुमार का विरोध किया है. मांझी नीतीश कुमार के इस निर्णय से सहमत नहीं हैं.
उन्होंने मोर्चा खोलने की घोषणा कर दी है. मांझी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति का विरोध करते हुए पुनर्विचार का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी. मांझी ने कहा कि "हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करते हैं कि वह एक कमिटी बनाये.
ये कमिटी फिर से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलकर बिहार को विशेष राज्य की दर्जा दिलाने की मांग करे. किसी भी कीमत पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाये. हम बिहारी हैं. न थके हैं. न हारे हैं. ज झुके हैं. हम जीतकर अपना हक लेंगे. वहीं, इस मामले में बिहार सरकार में मंत्री व भाजपा नेता नितिन नवीन ने कहा है कि बिहार विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है.
हम याचक नहीं दूसरे की मदद करने वाले बनें. बिहार को विशेष राज्य के दर्जा से अधिक मिल रहा है. उधर, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जदयू को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि अगर 2024 में महागठबंधन बिहार में 39 लोकसभा की सीटें जीतता है, तब उस समय के प्रधानमंत्री खुद बिहार आकर विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा करेंगे.
तेजस्वी ने कहा कि हम नीति, सिद्धांत, सरोकार, विचार और वादे पर अडिग रहते हैं. हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी है, हम जो कहते हैं वह करते हैं. तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिला सके, वे भला बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कैसे दिला सकेंगे?
बिहार के 40 में से 39 सांसदों वाली डबल इंजन सरकार क्या यही है? उन्होंने एक बार फिर कहा कि नीतीश कुमार अब थक चुके हैं. उन्हें सिर्फ कुर्सी की चिंता है. इसीलिए अपमान और विरोधाभास सहते हुए कुर्सी से चिपके हैं. इसबीच कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचन्द्र मिश्रा ने जदयू के बदले निर्णय को जन भावना से खिलवाड़ बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से ही मानती रही है कि जदयू व भाजपा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं हैं. नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर एक दशक से बिहार की जनता को गुमराह किया है.