बिहार: राज्य में बीते 24 घंटे में एक साथ 2803 पॉजिटिव मामलों के सामने आने के बाद मच गया हड़कंप, बिगड़ती जा रही है पटना कि स्थिति
By एस पी सिन्हा | Published: July 25, 2020 08:08 PM2020-07-25T20:08:35+5:302020-07-25T20:08:35+5:30
पटना से सटे मनेर में शव यात्रा में शामिल होना लोगों को महंगा पड़ गया है और 16 लोग कोरोना पॉजिटिवनिकले हैं. शव यात्रा में बहुत सारे लोग शामिल हुए थे. हलांकि इस ईलाके में 36 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बताया जाता है कि इस शव यात्रा में काफी संख्या में जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.
पटना: बिहार में कोरोना का कहर अब और विस्फोट होता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक राज्य में एक साथ 2803 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 36314 हो गई है. हर रोज की तरह पटना में भी कोरोना का कोहराम जारी है. आज फिर 544 कोरोना के मरीज मिले हैं. इस तरह से यहां पर लॉकडाउन लगाने का कोई असर नहीं पड़ा है और संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 24 जुलाई को मिले 1021 नए संक्रमितों में अरवल में 15, औरंगाबाद में 3, बांका में 8, बेगूसराय में 43, भागलपुर में 103, भोजपुर में 101. इसतरह पूरे बिहार में संक्रमितों का आज रिकार्ड तोड आंकडा मिलने के बाद हडकंप मच गया है. वहीं, पटना से सटे मनेर में शव यात्रा में शामिल होना लोगों को महंगा पड़ गया है और 16 लोग कोरोना पॉजिटिवनिकले हैं. शव यात्रा में बहुत सारे लोग शामिल हुए थे. हलांकि इस ईलाके में 36 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बताया जाता है कि इस शव यात्रा में काफी संख्या में जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.
हालांकि लोग आशंका जता रहे हैं कि इस संक्रमण चेन की सही से जांच कराई जाए तो काफी संख्या में लोग संक्रमित मिलेंगे. इस तरह कोरोना संक्रमण को लेकर पटना में दिन-ब-दिन स्थिति खराब होती जा रही है. ऐसे में शहर के पांच प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड नहीं बनाया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम कुमार रवि ने अस्पताल संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि क्यों नहीं आप लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए? डीएम ने अस्पताल प्रबंधकों को नोटिस भेजते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.
जिलाधिकारी ने 17 जुलाई को प्राइवेट अस्पताल के प्रबंधकों के साथ बैठक कर उन्हें आइसोलेशन वार्ड बनाने तथा बेड सुरक्षित करने का निर्देश दिया था. 23 जुलाई को प्राइवेट अस्पतालों की समीक्षा बैठक में पाया गया कि इन अस्पतालों द्वारा कोविड-19 संक्रमितों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है और न ही इस संबंध में अभिरुचि दिखाई है.