बिहार में NDA की बनती सरकार के बीच महागठबंध का भी जारी है गुप्त अभियान, 'तेजस्वी सरकार' मुहिम में जुटे हैं दिग्गज
By एस पी सिन्हा | Updated: November 15, 2020 19:32 IST2020-11-15T19:20:58+5:302020-11-15T19:32:23+5:30
सूत्रों की अगर मानें महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने इसमें अपने कुछ प्रमुख सिपहसालारों को लगाया है. हालांकि जोड़-तोड़ की कोशिशों का खुलासा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी हाल ही में कर चुके हैं.

राजद की तरफ से बाहुबली अनंत सिंह और रीतलाल यादव को महागठबंधन की सरकार के लिए 'जुगाड़' की जिम्मेदारी दी गई है.
पटना: बिहार में एनडीए के द्वारा नीतीश सरकार गठन की जारी तैयारियों के बीच राजद ने कहा है कि बिहार में अभी भी तेजस्वी की सरकार बन सकती है. राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है कि बिहार अपना ही स्वतः स्फूर्त प्लान ले आएगा और शायद जल्द ही. जय हिंद जय बिहार. चर्चा है कि महागठबंधन भी सरकार बनाने की रणनीतियों में जी जान से जुटा हुआ है. बताया जा रहा है कि जोड़-तोड़ की कोशिश के बीच उपमुख्यमंत्री की कुर्सी का भी ऑफर खुल गया है.
सूत्रों की अगर मानें महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने इसमें अपने कुछ प्रमुख सिपहसालारों को लगाया है. हालांकि जोड़-तोड़ की कोशिशों का खुलासा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी हाल ही में कर चुके हैं. ऐसे में राजद सांसद मनोज झा के अनुसार जनादेश नीतीश कुमार के खिलाफ है और हम इसका विकल्प खोज लेंगे. इसके पहले राजद विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि एनडीए सरकार ज्यादा दिनों तक नही चलेगी. सूत्रों की मानें तो राजद की तरफ से बाहुबली अनंत सिंह और रीतलाल यादव को महागठबंधन की सरकार के लिए 'जुगाड़' की जिम्मेदारी दी गई है. इनके अलावे विधान पार्षद सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अमरेंद्र धारी सिंह को भी इस काम में लगाया गया है. उनके सहयोग के लिए राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा को भी लगाया गया है. हालांकि, राजद के नेता जोड-तोड की कोशिशों से इनकार कर रहे हैं. सासंद अमरेंद्र धारी सिंह कहते हैं कि वे जनादेश का सम्मान करते हैं.
सूत्रों की मानें तो राजद सांसद भले ही इनकार करें, लेकिन 'हम' प्रमुख जीतन राम मांझी ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें महागठबंधन की ओर से बुलावा आ रहा है. लेकिन वे मरते दम तक नीतीश कुमार के साथ ही रहेंगे. सूत्रों के अनुसार महागठबंधन की सरकार बनाने की गुप्त मुहिम में 'हम' सुप्रीमो जीतनराम मांझी और विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को अपने पाले में करने की कोशिशें की जा रहीं हैं. उन्हें अपने पुराने घर में लौटने का हवाला देते हुए उपमुख्यमंत्री व अन्य बडे पदों का ऑफर भी दिया जा रहा है. इसके अलावे एआईएमआईएम से भी संपर्क साधा जा रहा है. अगर ऊपर वाला दोनों गणित कामयाब रहा हो तो एआईएमआईएम का सहयोग मिल जाने की पूरी संभावना व्यकत की जा रही है. इसतरह से महागठबंधन भी अपने गुप्त अभियान में पूरी जी जान से लगा हुआ है.