बिहार में बाढ़ और बारिश से नदियां उफान पर, बक्सर से लेकर कहलगांव तक तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

By एस पी सिन्हा | Updated: June 21, 2021 20:08 IST2021-06-21T20:07:35+5:302021-06-21T20:08:37+5:30

उत्तर बिहार में बाढ़ का दायरा लगातार बढ़ते जा रहा है. कई नदियां लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं.

Bihar Rivers flood rain submerged water level Ganga rising rapidly in Patna weather | बिहार में बाढ़ और बारिश से नदियां उफान पर, बक्सर से लेकर कहलगांव तक तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

चार दिनों में गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में 3 से 5 मीटर की बढ़ोतरी हुई है. (फाइल फोटो)

Highlightsपटना में गंगा का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा है.पटना के दीघा घाट पर अभी भी गंगा खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. गांधी घाट में गंगा और श्रीपालपुर में पुनपुन खतरे के निशान से करीब एक से डेढ़ मीटर ही नीचे रह गई है.

पटनाः बिहार में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं. इसके चलते उत्तर बिहार की नदियों के रौद्र रूप धारण करने के बाद अब गंगा और पुनपुन का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

दोनों नदियां लाल निशान के करीब पहुंच गई हैं. वहीं, उत्तर बिहार में बाढ़ का दायरा लगातार बढ़ते जा रहा है. कई नदियां लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. पटना में गंगा का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बक्सर से लेकर कहलगांव तक गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है.

मुंगेर में 1.16 मीटर पानी का जलस्तर बढ़ा

पिछले 24 घंटे के दौरान पटना में गंगा नदी 2.67 मीटर ऊपर चढ़ी है, जबकि मुंगेर में 1.16 मीटर पानी का जलस्तर बढ़ा है. भागलपुर में वृद्धि 1.10 मीटर है. राहत की बात यह है कि पटना के दीघा घाट पर अभी भी गंगा खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. गांधी घाट में गंगा और श्रीपालपुर में पुनपुन खतरे के निशान से करीब एक से डेढ़ मीटर ही नीचे रह गई है.

36 से 48 घंटे में लाल निशान के पार

पिछले चार दिनों में गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में 3 से 5 मीटर की बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार गंगा के ऊपरी क्षेत्र में लगातार बारिश से जलस्तर में वृद्धि जारी रहेगी. राजधानी पटना के गांधीघाट पर गंगा प्रति घंटे दो सेमी और श्रीपालपुर में पुनपुन चार सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है. ऐसे में दोनों नदियों के अगले 36 से 48 घंटे में लाल निशान के पार चले जाने की आशंका है.

उधर, पश्चिम चंपारण जिले में बह रही सभी नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. नेपाल से करीब होने के कारण जब भी वहां के बराज से पानी छोड़ा जाता है, बिहार के सटे इलाकों में तबाही का आलम नजर आता है. फिलहाल जिले में गंडक नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है, लेकिन गंडक नदी का पानी दियारावर्ती निचले इलाकों में घुस चुका है.

सहरसा में यह खतरे के निशान से 9 सेंटीमीटर ऊपर

इस वजह से दियारा इलाके में रहने वाले लोगों की परेशानी कई गुना ज्यादा बढ़ गई है. सूबे के अन्य नदियों की बात करें तो गंडक नदी गोपालगंज के साथ-साथ मुजफ्फरपुर और वैशाली में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. कोसी नदी वीरपुर में खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि सहरसा में यह खतरे के निशान से 9 सेंटीमीटर ऊपर है.

उधर, महानंदा पूर्णिया और कटिहार में लगातार उफान पर है. जबकि कमला बलान जयनगर और परमान नदी अररिया में लगातार ऊपर जा रही है. चंपारण के इलाके में भी बाढ़ का असर और ज्यादा देखने को मिल रहा है. पश्चिम चंपारण के 13 प्रखंडों में डेढ़ लाख के आसपास आबादी बाढ़ से प्रभावित है. चंपारण से लेकर सारण तक के इलाके में कई प्रखंड जल मग्न हैं.

गोपालगंज जिले में 6 प्रखंडों के अंदर बाढ़ की स्थिति

गंडक का पानी दियारावासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इन ईलकों के गांवों में बाढ का पानी घुस जाने के कारण हर तरफ सिर्फ और सिर्फ बाढ़ से हुई बर्बादी के निशान ही देखने को मिल रहे हैं. हालात इतने बुरे हैं कि लोग अपने ही घर-गांव में शरणार्थी का जीवन बिताने को मजबूर हैं. वहीं, गोपालगंज जिले में 6 प्रखंडों के अंदर बाढ़ की स्थिति है.

जबकी सारण में तीन प्रखंड ऐसे हैं जहां घरों के अंदर पानी घुस चुका है. इधर कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में बाकी नदियों का जलस्तर भी बढ रहा है. मधुबनी, सीतामढी व दरभंगा में बारिश से नदियों के जलस्तर में मामूली वृद्धि दर्ज की जा रही है. मुजफ्फरपुर के साहेबगंज व पारू में दो दर्जन गांवों में पानी घुस गया है.

राज्य में पिछले 24 घंटे में मुंगेर, लालगंज और कुरसेला में सौ मिलीमीटर से अधिक वर्षा हुई है. इसके अलावा 15 स्थानों पर 50 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हुई है. हाजीपुर में लगभग 90 मिलीमीटर, दरभंगा के कमतौल में 85 मिलीमीटर, गया के डोभी में 75 मिलीमीटर और भागलपुर में 74 मिली मीटर वर्षा रिकार्ड की गई है. लिहाजा छोटी और स्थानीय नदियां उफनाने लगी हैं.

सुपौल जिले में कोसी नदी के कुछ स्परों पर पानी का दबाव बढ़ गया है. वहीं सहरसा और मधेपुरा जिले में भी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. खगड़िया जिले से होकर बहने वाली बागमती नदी के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि हुई है. बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी सभी जगहों पर बढ़ा है. बावजूद यह नदी मुजफ्फरपुर से खगडिया तक लाल निशान से काफी नीचे है.

पटना, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर समेत बिहार के 27 जिलों में आज भी बारिश होने की संभावना

यही हाल अधवारा, खिराई और घाघरा नदियों का है. कमला बलान जयनगर में आज फिर थोड़ा ऊपर चढ़ी है. उधर. मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल अभी राज्य में लोगों को बारिश से निजात नहीं मिलने वाली. मौसम विभाग के मुताबिक पटना, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर समेत बिहार के 27 जिलों में आज भी बारिश होने की संभावना है.

इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी. मौसम विभाग में उत्तर पश्चिम बिहार के 11 जिलों में 25 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. कई इलाकों में वज्रपात भी चेतावनी दी गई है.

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