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बिहार: राजीव कुमार झा की किताब 'बोये हुए शब्द' और 'क्या लिखूं मैं' का लोकार्पण, प्रेरक कविताओं का है संकलन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 10, 2021 12:41 IST

राजीव झा की दो किताबें 'क्या लिखूं मैं' और 'बोये हुए शब्द' कविता की किताबें हैं. इन्हें कोरोना लॉकडाउन के दौरान लिखा गया.

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मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में मुजीब गर्ल्स स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान लेखक-कवि राजीव कुमार झा की लिखी दो किताबों को बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने लॉन्च किया. इस मौके पर विद्यालय को स्थापित कराने वाले स्व. कुमार कमला सिंह की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ.

समारोह में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ साथ बीजेपी के नेता और गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार, विधायक शालनी मिश्रा की भी मौजदगी रही.

बिहार का जिला चंपारण (मोतिहारी-बेतिया) साहित्य में अपने अनूठे योगदान के लिए जाना जाता रहा है. गोपाल सिंह नेपाली जैसे राष्ट्रवादी कवि और गीतकार से लेकर रमेशचंद्र झा जैसे स्वतंत्रता सेनानी और लेखक इसी ज़िले से निकले हैं. 

राजीव झा की ये दो किताबें हुई लॉन्च

राजीव झा की जिन दो किताबों 'क्या लिखूं मैं' और 'बोये हुए शब्द' को लॉन्च किया गया है, वे लॉकडाउन के दौरान लिखी गई हैं. ये दोनों कविता की किताबें हैं और विपरीत परिस्थियों में जीना सीखाती है. 

राजीव इस से पहले कहानी संग्रह 'जीरो नंबर' और कविता संग्रह 'बंद पन्ने' से चर्चा में आए और उनकी कविताओं-कहानियों को खूब पसंद किया गया. 

राजीव की कविताएं एक तरफ़ जहां जीवन जीने को प्रेरित करती है वहीं दूसरी तरफ समाज पर व्यंग्य भी करती हैं. इन साहित्यिक रचनाओं के अलावा राजीव झा गर्ल चाइल्ड एजुकेशन पर भी काम कर रहे हैं. 

राजीव ने बताया कि वे न सिर्फ एक शिक्षक के तौर पर सामाजित स्तर पर बदलाव लाना चाहते हैं बल्कि साहित्य के माध्यम से भी अपने समय और समाज को रेखांकित करना चाहते हैं. उनका मानना है कि शिक्षा हर तरह के बदलाव की पहली कड़ी है, खासकर लड़कियों की शिक्षा और वे इस तरफ पूरी तरह से प्रयासरत हैं. 

मुजीब गर्ल्स स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश अस्थाना, मुखिया कुमार मनोज सिंह, भाजपा जिला महामंत्री डॉ लाल बाबू प्रसाद, जदयू प्रवक्ता दिनेश कुमार, जदयू नेता अमरेंद्र सिंह, मुखिया अरविंद कुमार सिंह, जिला शिक्षा पधाधिकारी, वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर गौतम, मुकेश त्रिपाठी एवं विद्यालय के सभी शिक्षक और प्राचार्य आदि मौजूद थे।

टॅग्स :हिंदी साहित्यपुस्तक समीक्षाहिन्दी
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