बिहार: प्रशांत किशोर ने नीतीश पर किया हमला, तो बचाव में उतरे सुशील मोदी, नरेंद्र मोदी के बहाने पूछा इन सवालों का जवाब
By अनुराग आनंद | Published: February 19, 2020 07:49 AM2020-02-19T07:49:22+5:302020-02-19T07:49:22+5:30
सुशील मोदी ने कहा कि जनता देख रही है कि चुनाव करीब आने पर किसको अचानक किसमें गोडसे के विचारों की छाया दिखने लगी और कौन दूध का धुला सेक्युलर गांधीवादी लगने लगा।
बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही प्रदेश की सियासत में गर्माहट देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां कन्हैया कुमार नीतीश कुमार के सरकार के खिलाफ यात्रा कर रहे हैं और तेजस्वी यादव यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच प्रशांत किशोर ने मीडिया वार्ता कर बिहार के नीतीश सरकार पर हमला बोल दिया है।
प्रशांत किशोर ने बिहार के विकास को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार की विचारधारा को भी गोडसे वाली विचारधारा से मिलता-जुलता बता दिया है। प्रशांत किशोर के इसी बयान के खिलाफ और बिहार के सीएम नीतीश का बचाव करते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर को जवाब दिया है।
सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर के बारे में ये कहा-
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में चंद महीनों बाद चुनाव होने को है, इसलिए हर कोई अभी से अपनी तैयारी कर रहा है। साथ ही अधिकतम लाभ या सफलता को ध्यान में रखकर बयान दे रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार अपने पांच साल के काम जनता के सामने रख रही है।
इसके साथ ही उन्होंने कन्हैया कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि जो बेरोजगार रहे, वे रथ यात्रा निकालकर अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहते हैं और प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना कहा कि जो इवेंट मैनेजमेंट और स्लोगन राइटिंग का काम करते थे, वे नया ठेका पाने में लग गए हैं। सुशील मोदी ने कहा कि जनता मालिक है और वह केवल काम पर आशीर्वाद देने वाली है।
अजीब पाषंड है कि कोई किसी को पितातुल्य बताये और पिता के लिए 'पिछलग्गू' जैसा घटिया शब्द चुने।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 18, 2020
जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो, उसे बताना चाहिए तब मोदी और भाजपा उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे?
पिछले ढाई साल से नीतीश कुमार भाजपा के... pic.twitter.com/TsOvJgLOU4
नरेंद्र मोदी के बहाने प्रशांत किशोर की विचारधारा पर सुशाल मोदी के सवाल-
इसके साथ ही सुशील कुमार मोदी ने प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि इंवेट मैनेजमेंट करने वालों की अपनी कोई विचारधारा नहीं होती, लेकिन वे अपने प्रायोजक की विचारधारा और भाषा तुरंत अपनाने में माहिर होते हैं।
जनता देख रही है कि चुनाव करीब आने पर किसको अचानक किसमें गोडसे के विचारों की छाया दिखने लगी और कौन दूध का धुला सेक्युलर गांधीवादी लगने लगा। उन्होंने कहा कि अजीब है कि कोई किसी को पितातुल्य बताये और पिता के लिए 'पिछलग्गू' जैसा घटिया शब्द चुने।
बिहार में चंद महीनों बाद चुनाव होने को है, इसलिए हर कोई अभी से अपनी तैयारी कर रहा है और अधिकतम लाभ या सफलता को ध्यान में रख कर बयान दे रहा है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 18, 2020
सरकार अपने पांच साल के काम जनता के सामने रख रही है। जो बेरोजगार रहे, वे रथ यात्रा निकाल कर अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहते हैं और.... pic.twitter.com/FZnRSrdKQW
इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहाने सवाल पूछने के अंदाज में सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो, उसे बताना चाहिए तब मोदी और भाजपा उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे?
प्रशांत किशोर ने ये कहा था-
किशोर ने मीडिया के सामने अपनी बात को रखते हुए नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वह मेरे पिता के समान हैं और उन्होंने मुझे अपने बेटे की तरह माना है। इसके साथ ही प्रशांत ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए मेरे मन में सम्मान है लेकिन उन्हें किसी बाहरी आदमी का पिछलग्गू नहीं बनाना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2014 के नीतीश के लिए मेरे मन में ज्यादा सम्मान है। वो बिहार के 10 करोड़ लोगों के नेता हैं, इसलिए भी उन्हें किसी बाहरी शख्स का पिछलग्गू नहीं बनना चाहिए। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी के साथ मेरी चर्चा गांधीजी के विचारों को लेकर होती रही है। हम दोनों के बीच मतभेद रहा है कि गांधी और गोडसे साथ नहीं चल सकते।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को देश के सबसे अग्रणी 10 राज्यों में शामिल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर बेहतर लोगों को हिस्सा लेना होगा। पंचायत स्तर पर सुधार से ही देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हम वो नेता चाहते हैं जो सशक्त हो, जो बिहार के लिए अपनी बात कहने में किसी का पिछल्लगू ना बने। उन्होंने कहा कि पहले और अब के नीतीश में बड़ा अंतर है। बिहार की जनता ही तय करेगी बिहार का नेता कौन होगा, भाजपा नहीं। बिहार के विकास के लिए भाजपा के साथ गठबंधन बिना काम का निकला। सिर्फ सीटों की राजनीति ही कर रही है भाजपा।