Bihar Politics News: दूर हो सकती है चाचा और भतीजे के बीच दूरी, चिराग और पशुपति पारस आ सकते हैं फिर एक साथ, बिहार में एनडीए और होगा मजबूत
By एस पी सिन्हा | Updated: February 16, 2024 18:41 IST2024-02-16T18:39:27+5:302024-02-16T18:41:10+5:30
Bihar Politics News: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के साथ सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, चंदन सिंह, प्रिंस राज और कृष्ण राज पासवान भी मौजूद थे।

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Bihar Politics News: बिहार की राजधानी पटना में आज आयोजित राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में एक बार फिर पशुपति कुमार पारस को मनोनीत किया गया। इसका ऐलान संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरज भान सिंह ने किया। वहीं चंदन सिंह और प्रिंस राज ने भी इसका समर्थन किया। बिहार में एनडीए सरकार को कैसे 40 सीटों पर जीत दिलाया जाए इसको लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। पशुपति पारस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है। हमारी पार्टी को चुनाव की तैयारी में लगना है। इस बैठक में पार्टी के अध्यक्षऔर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के साथ सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, चंदन सिंह, प्रिंस राज और कृष्ण राज पासवान भी मौजूद थे। वहीं इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।
बैठक में देशभर से आए नेताओं के साथ कई राजनीतिक मुद्दों एवं राजनीतिक विषयों पर चर्चा हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चाएं की गई। बैठक के बाद रालोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच दो साल से चल रहा मनमुटाव जल्द खत्म हो जाएगा और दोनों एक साथ आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दोनों की आपसी लड़ाई है, इसलिए मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा। लेकिन जल्द ही सभी साथ में बैठेंगे और सब कुछ सही हो जाएगा। उन्होंने कहा चुनाव के पूर्व सब कुछ सही होगा। वहीं खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर ने भी सूरजभान सिंह की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि हम सभी चाहते हैं कि दोनों एक साथ हो जाएं। हम लोगों ने रामविलास जी के साथ काम किया है।
पशुपति जी आज हमारे गार्जियन हैं। उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी सांसदों ने अपने क्षेत्रों में अच्छा काम किया है और उम्मीद है कि इस बार फिर हम सभी चुनाव में जनता के बीच होंगे। सीटों के बंटवारे पर दोनों नेता ने कहा कि गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों की बैठक होगी, जिसमें इस पर फैसला होगा। सभी पार्टियों मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी।