Bihar Political Crisis: मुख्यमंत्री नहीं तो समर्थन नहीं, राजद ने कहा-नई सरकार में तेजस्वी यादव बने सीएम!, जदयू में टूट के संकेत, नीतीश की बढ़ी बेचैनी, जानें किसके पास कितने विधायक

By एस पी सिन्हा | Published: August 8, 2022 05:32 PM2022-08-08T17:32:49+5:302022-08-08T17:34:21+5:30

Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार की बैठक पर सियासी निगाहें लगी हुई हैं. बता दें कि बिहार विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 243 है. यहां बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पार्टी को 122 सीटों की जरूरत है.

Bihar Political Crisis RJD said Tejashwi Yadav becomes CM new government No support if not CM break in JDU Nitish Kumar how many MLAs | Bihar Political Crisis: मुख्यमंत्री नहीं तो समर्थन नहीं, राजद ने कहा-नई सरकार में तेजस्वी यादव बने सीएम!, जदयू में टूट के संकेत, नीतीश की बढ़ी बेचैनी, जानें किसके पास कितने विधायक

बदलते सियासी समीकरणों के बीच सूत्रों का दावा है कि राज्य में 15 अगस्त से पहले नई सियासी तस्वीर सामने आ सकती है.

Highlightsबिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है. उसके पास विधानसभा में 80 सदस्य हैं.भाजपा के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19 हैं.भाकपा-माले के पास 12, एआईएमआईएम के पास 01, भाकपा के पास 2 हैं.

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सियासी खेल में अंतरात्मा की आवाज सुनने में माहिर हैं. पहले भी वो कई बडे़ फैसले कर चुके हैं. अब एक बार फिर से कयास लगाया जा रहा है कि बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है, क्योंकि बीते कुछ दिनों में हुए सियासी घटनाक्रम को देखकर कई संकेत मिल रहे हैं.

बदलते सियासी समीकरणों के बीच सूत्रों का दावा है कि राज्य में 15 अगस्त से पहले नई सियासी तस्वीर सामने आ सकती है. वहीं, राजद सूत्रों ने दावा किया है कि तस्वीर बदलने की सूरत में  अगर नया गठबंधन बनता है तो नीतीश कुमार के साथ 150 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हो सकता है.

इस बीच जदयू में टूट के संकेत मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि आरसीपी सिंह जदयू के कई विधायकों से संपर्क में हैं और बिहार में महाराष्ट्र का फॉर्मूला दोहराए जाने की आशंका बनी हुई है. इसी कारण जदयू की राजद से अभी तक बात नहीं बन पाई है. इन सब के बीच जदयू के विधायक गोपाल मंडल ने दावा किया है कि कल की बैठक के बाद सियासी भूचाल आ सकता है.

वहीं, राज्य में जारी सियासी उथल पुथल के बीच खबर है नीतीश कुमार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क बनाये हुए हैं. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार को भरोसा दिया है कि किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए उनकी पार्टी बिहार में जदयू के साथ खड़ी रहेगी.

सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सत्ता परिवर्तन की स्थिति में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने पर अड़ी हुई हैं. ऐसे में सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार के द्वारा सोनिया गांधी को इस बात के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है कि वह (सोनिया गांधी) लालू प्रसाद यादव को इस बात के लिए तैयार करें कि महागठबंधन की सरकार बने और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनें.

लेकिन सोनिया गांधी यह पहल नहीं करना चाहतीं. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि सोनिया गांधी ने इसको लेकर लालू प्रसाद यादव से बात करने से मना कर दिया है. लालू प्रसाद यादव को मनाने की कोशिश की जा रही है कि नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री फिर से बनाया जाए और तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को सरकार में बड़ी जिम्मेवारी दे दी जाए.

ऐसे में मामला अटका हुआ है और रास्ता खोजा जा रहा है. दूसरी ओर राजद चाहती है कि हमारा समर्थन लीजिए, हम देने को तैयार हैं, लेकिन मुख्यमंत्री हमारा होगा. तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे. सूत्रों के अनुसार राबडी देवी जिद पर अड़ी हुई हैं कि महागठबंधन का समर्थन चाहिए तो तेजस्वी को ही मुख्यमंत्री बनाना होगा.

सियासी गलियारों में इसबात की भी चर्चा है कि आने वाले वक्त में नीतीश कुमार अगर पाला बदलते हैं तो वह यूपीए के संयोजक हो सकते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार को एक बड़ी भूमिका दी जा सकती है. लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजद किसी भी हाल में नहीं जाना चाहती है.

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कह चुके हैं कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाया जाए तो वे लोग जदयू के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं. ऐसे में बिहार की सियासत में एक-दो दिन बेहद अहम माना जा रहा है. उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच रात के अंधेरे में मुलाकात हुई है.

उल्लेखनीय है कि भाजपा के अलावा 4 महत्वपूर्ण दलों की अहम बैठकें अगले 2 दिनों में होने वाली है. जदयू, राजद, कांग्रेस और हम पार्टी ये बैठकें करेंगी. वहीं इन बैठकों लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. लेकिन इन दलों की बैठकों का उद्देश्य क्या है, ये अभी तक राज ही बना हुआ है. इसबीच बिहार कांग्रेस ने भी अपने विधायकों और विधान पार्षदों से पटना में रहने के लिए कहा है.

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि मौजूदा सियासी हालात के मद्देनजर हमने सभी विधायकों को शाम तक पटना पहुंचने के लिए कहा है. वहीं नीतीश कुमार और लालू यादव की भी बातचीत कई दफे हो चुकी है. यह राज्य में बदलते हुए सियासी समीकरण का बड़ा संकेत माना जा रहा है.

चर्चा है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से नाराज चल रहे हैं और भाजपा व जदयू का गठबंधन कभी भी टूट सकता है. ऐसे में नीतीश कुमार की बैठक पर सियासी निगाहें लगी हुई हैं. बता दें कि बिहार विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 243 है. यहां बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पार्टी को 122 सीटों की जरूरत है.

वर्तमान आंकड़ों को देखें तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है. उसके पास विधानसभा में 80 सदस्य हैं. वहीं, भाजपा के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, भाकपा-माले के पास 12, एआईएमआईएम के पास 01, भाकपा के पास 2, माकपा के पास 2 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास  04 सदस्य हैं.

ऐसे में जदयू में अगर टूट होती है तो भाजपा को अपने दम पर सत्ता पर काबिज होने के लिए 48 विधायकों की और जरूरत पड़ेगी. हालांकि, यह आंकडा पूरा करना उसके लिए मुश्किल होगा क्योंकि उसका समर्थन करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी का केवल एक विधायक है और एक ही सीट निर्दलीय विधायक के खाते में है. इसके अलावा जो भी सीटें हैं वे भाजपा के विरोधी दलों में हैं, लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है.

Web Title: Bihar Political Crisis RJD said Tejashwi Yadav becomes CM new government No support if not CM break in JDU Nitish Kumar how many MLAs

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे