बिहार: कुख्यात बदमाश और पुलिस के बीच मुठभेड़ में जांबाज दरोगा शहीद
By एस पी सिन्हा | Published: October 13, 2018 06:14 PM2018-10-13T18:14:57+5:302018-10-13T18:14:57+5:30
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब आशीष को गोली लगी। पिछले साल जब वो मुफस्सिल थाना प्रभारी थे तब भी एक मुठभेड में उन्हें गोली लगी थी लेकिन वो बच गए थे।
पटना,13 अक्टूबर:बिहार के खगडिया के परसाहा में तैनात दारोगा आशीष कुमार का दिनेश मुनि गैंग के साथ हुए मुठभेड के दौरान गोली लगने के बावजूद वो डटे रहे और एक अपराधी को ढेर किया। मिशन सफल पूरा होता दिखाई दे रहा था तभी चार और गोलियां उनके सीने और पेट में समा गईं। इसतरह बिहार पुलिस ने एक जांबाज दारोगा खो दिया।
जनकारों के अनुसार शहीद दारोगा अशीष कुमार को अपनी वर्दी पर नाज था। 2009 में दारोगा की परीक्षा पास करने के बाद वो जहां भी गए उस थाना क्षेत्र में अपनी अलग पहचान कायम की। बेगूसराय में भी दो थाना क्षेत्रों में उन्होंने अपराधियों को नाको चने चबवाया था। उनके साथ गए एक सिपाही को भी कमर के नीचे गोली लगी जिसका इलाज भागलपुर अस्पताल में चल रहा है। जांबाज आशीष बेखौफ होकर अपराधियों से लोहा लेते थे।
मां कैंसर की बीमारी से थीं पीड़ित
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब आशीष को गोली लगी। पिछले साल जब वो मुफस्सिल थाना प्रभारी थे तब भी एक मुठभेड में उन्हें गोली लगी थी लेकिन वो बच गए थे। बताया जाता है कि आशीष कुमार न केवल जांबाज सिपाही थे बल्कि एक बेहद संवेदनशील व्यक्ति थे जो समाज के गरीब गुरबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा आगे आए। उनकी मां कैंसर की बीमारी से पीडित थीं।
आशीष खुद उन्हें लेकर इलाज के लिए दिल्ली आया-जाया करते थे। आशीष का घर सहरसा जिले के सरोमा थाना बलवाह ओपी में है। वो तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनका एक भाई सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में देश की सेवा कर रहा है। दूसरा भाई सिविल इंजीनियर है।
कुख्यात अपराधी दिनेश मुनि गैंग के साथ हुआ मुठभेड़
बताया जाता है कि आशीष कुमार को हमेशा की तरह जैसे ही सूचना मिली कि खगडिया और भागलपुर जिले के बीच दियारा इलाके में कुख्यात अपराधी दिनेश मुनि गैंग के साथ बैठा हुआ है तो वो सिर्फ चार सिपाहियों को लेकर शुक्रवार देर रात दो बजे मिशन पर निकल गए। दियारा का इलाका बेहद बीहड और दुर्गम होता है, इसलिए आशीष कुमार एक ट्रैक्टर से रवाना हुए। वहां एक झोपड़ी में दिनेश मुनि साथियों के साथ बैठा हुआ था।
आशीष कुमार ने अपराधियों को चुनौती दी। तभी मुनि गैंग ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जान की परवाह किए बगैर आशीष मुस्तैदी से डटे रहे और अपने सर्विस रिवॉल्वर से एक अपराधी को ढेर कर दिया। तभी कई अपराधियों ने आशीष को निशाना बना कर फायरिंग कर दी। पांच गोलियां आशीष के सीने और कमर में लगी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनके साथ गए एक सिपाही को भी कमर के नीचे गोली लगी जिसका इलाज भागलपुर अस्पताल में चल रहा है।