बिहार में तेजी से पांव पसार रहा है कोरोना, मरीजों में मिल रहे हैं नए लक्षण, जानें सबकुछ
By एस पी सिन्हा | Updated: April 7, 2021 16:28 IST2021-04-07T16:27:18+5:302021-04-07T16:28:17+5:30
कोविड पॉजिटिव मरीजों में 30 से 40 फीसदी मरीज वेंटिलेटर, हाइ फ्लो नेजल कैनुला और ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. बहुत से गंभीर मरीजों ने पेट संबंधित परेशानी बताई है.

महज पांच दिन में राज्य में तीन हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं. (file photo)
पटनाः बिहार की राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव केस में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है.
हाल यह है कि राजधानी पटना के कंकड़बाग, शास्त्री नगर और राजीव नगर तीन ऐसे इलाके हैं जो जल्द ही हॉटस्पॉट बन सकते हैं. ऐसे में कोरोना की वजह लोगों में भय व्याप्त हो चूका है. एक हजार से ज्यादा संक्रमित मिलने के साथ ही राज्य में एक्टिव कोरोना मामले बढ़कर करीब पांच हजार हो गए हैं.
इधर, कोरोना की विस्फोटक स्थिति को देखते हुए राज्य में सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां 31 मई तक रद्द कर दी गई हैं. कोरोना संक्रमण के मामले में पटना जिला की स्थिति बेहद सोचनीय हो गई है. कोरोना की वजह से आइसीयू में इलाज करा रहे मरीजों में पेट संबंधित परेशानी अधिक देखने को मिल रही है. 20 से 25 फीसदी आइसीयू मरीजों को डायरिया और पेट में दर्द की परेशानी बढ़ गई है.
जबकि 30 फीसदी मरीजों ने उल्टी व भूख न लगने संबंधित शिकायत की. यह समस्या शहर के पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में देखने को मिल रही है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि पहली लहर में कोरोना के गंभीर मरीजों में सांस लेने में दिक्कत अधिक देखने को मिल रही थी. जबकि दूसरी लहर में पेट संबंधित परेशानी बढ़ गई है.
पटना एम्स के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर वर्तमान में जागरूकता व सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है. बीमारी उन्हीं लोगों को पकड़ रही है, जो लापरवाह दिख रहे हैं. कोविड पॉजिटिव मरीजों में 30 से 40 फीसदी मरीज वेंटिलेटर, हाइ फ्लो नेजल कैनुला और ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. बहुत से गंभीर मरीजों ने पेट संबंधित परेशानी बताई है.
वहीं, पीएमसीएच में कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि 25 फीसदी मरीजों में डायरिया संबंधित परेशानी देखने को मिल रही है. पिछले साल डायरिया संबंधित परेशानी कम मरीजों में थी. इसबीच पिछले 3 दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. प्रशासन द्वारा जारी आंकडे़ के अनुसार 3 दिन पहले 60 बच्चे बीमार थे, दूसरे दिन बीमार होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 80 हो गई, जबकि मंगलवार को 40 और बच्चों में संक्रमण मिला है. इस प्रकार बीमार होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है.
बीमार होने वालों में अधिकांश बच्चे 6 साल से 14 साल के बीच में हैं. पटना का कंकडबाग, शास्त्री नगर और राजीव नगर काफी घनी आबादी वाला इलाका है. यहां सब्जी मंडी के साथ कई ऐसे स्पॉट हैं जहां लोगों की काफी भीड़ होती है. वहीं अब कोरोना के खतरे को देखते हुए लोगों द्वारा कई कयास लगाये जा रहे हैं.
इसे लेकर लॉकडाउन लगने की आशंका को देखते हुए कई प्रवासियों ने बिहार में पलायन करन भी शुरू कर दिया है. पटना के साथ ही अब भागलपुर, मुजफ्फरपुर और जहानाबाद में तेजी से कोरोना संक्रमण बढ रहा है. राज्य में कोरोना किस तेजी से बढ़ रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज पांच दिन में राज्य में तीन हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं.
कोरोना के बढते संक्रमण के बीच राज्य सरकार ने सभी स्थायी, संविदा डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां 31 मई तक रद्द कर दी है. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी एसएस पांडेय ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना वायरस अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है.
बढ़ते संक्रमण की रोकथाम और इसकी मॉनिटरिंग के लिए सभी डॉक्टर, चिकित्सा पदाधिकारी, जूनियर रेजिडेंट, स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडिकल्स, जीएनएम, एएनएम, लैब टेक्नीशियन की छुट्टियां 31 मई तक रद्द की जाती हैं. इसके पूर्व 17 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश पांच अप्रैल तक के लिए रद्द किए थे. जिसकी मियाद समाप्त होने के बाद आज नए सिरे से आदेश जारी किए गए हैं.