बिहार: नीतीश कुमार का छलका भाजपा प्रेम, बोले- "जब तक जिंदा हैं, भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी"
By एस पी सिन्हा | Updated: October 19, 2023 16:16 IST2023-10-19T16:01:17+5:302023-10-19T16:16:19+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान भाजपा से प्रेम छलक कर बाहर आ गया।

फाइल फोटो
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान भाजपा से प्रेम छलक कर बाहर आ गया। नीतीश कुमार ने दीक्षांत समारोह के दौरान मंच से कहा कि जब तक जिंदा है, तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व भाजपा नेताओं की उपस्थिति में उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार का आभार जताया और केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को कोसा भी। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कोसते हुए कहा उन्होंने कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने तो मेरी बात ही नहीं सुनी थी। वो तो 2014 में जब नयी सरकार बनी तो मेरी बात मानी गई।
दरअसल, गुरुवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह हुआ। बिहार दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अलावे भाजपा के कई नेता इस दौरान मंच पर उपस्थित थे।
इसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि उन लोगों से तो हमारा पुराना नाता रहा है। आज भले ही हम अलग हो गए हैं, जितने लोग यहां हैं, सब हमारे दोस्त हैं। छोडिये न भाई, हम अलग हैं, आप अलग हैं। छोड़िये न भाई हमरा तो दोस्ती कभी खत्म होगा, जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ हमेशा से साथ रहा है, हमेशा रहेगा। आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा। चिंता मत करिये।
नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2007 में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था। 2009 में मनमोहन सिंह केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया। बिहार में भी एक विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया गया।
उन्होंने कहा कि मैंने उसी समय केंद्र सरकार से मांग किया था कि इस विश्वविद्यालय को मोतिहारी में खोला जाये। मोतिहारी ही वह जगह है, जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी। बापू ने यहां शिक्षा की अलख भी जगाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने बार-बार तत्कालीन केंद्र सरकार को कहा कि मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोला जाये, लेकिन वह राजी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के समय मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जाकर मुलाकात की।
उन्होंने मुझे खाना खिलाया, लेकिन मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने से मना कर दिया। मैं उन्हें बार-बार कहता रहा कि मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलिए, लेकिन वे माने नहीं। नीतीश कुमार ने कहा कि ”वो तो 2014 में जब केंद्र में नयी सरकार आयी तो मोतिहारी में बापू के नाम पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया। 2016 से यहां काम भी शुरू हो गया।
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उन्होंने कहा कि मैंने कई दफे कहा है कि आपको हम पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में बापू ने जो कमबा करवाया था न, एक-एक चीजबा देखा देंगे। आप आते रहिये। आदरणीय राष्ट्रपति जी हम तो कल से ही कह रहे हैं आप आई है यह अच्छी बात है। हम तो आपको बोलबे किए हैं कल भी कि, अब आप आई है, बहुत ख़ुशी है। हम तो चाहेंगे कुछ-कुछ समय पर आप आते रहिए। उसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नीतीश कुमार की बातों पर सहमति जताई।