सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर जदयू में मचे घमाशान और पिछले दो दिनों से पार्टी के महासचिव पवन वर्मा तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच जारी रस्सा-कस्सी जारी है. कर्पूरी जयंती के अवसर पर पटना में एक कार्यक्रम में शरीक होने आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि पवन वर्मा की चिट्ठी की कोई वैल्यू नहीं है. मुख्यमंत्री ने पत्र लिखने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे कहीं पत्र लिखा जाता है. पहले पत्र को ई-मेल करते हैं उसके बाद उसे मीडिया में जारी कर देते हैं. ऐसे पत्र का क्या मतलब हुआ?
नीतीश कुमार ने कहा कि पवन वर्मा के लिखे पत्र को वे कोई तवज्जो ही नहीं देते. जदयू महासचिव पवन वर्मा के पत्र को लेकर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसको कहते हैं पत्र? कोई आदमी पार्टी का रहता है, पत्र लिखता है, पत्र देता है...तब ना उसका जवाब होता है. इसे पत्र कहते हैं...इमेल पर भेज दीजिए...कुछ और प्रेस में जारी कर दीजिए!
यहां उल्लेखनीय है कि पवन वर्मा ने बीते दिनों एक पत्र लिखकर नीतीश कुमार से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन पर आपत्ति दर्ज की थी तथा इसपर पुनर्चिचार का आग्रह किया था. उन्होंने कई आरोप भी लगाए थे. इसके पहले वे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे.
गुरुवार को भी नीतीश कुमार ने इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उन्हें जहां जाना हो, जाएं. जवाब में पवन वर्मा ने कहा कि जबतक उनके पत्र का जवाब नहीं मिलता, वे कहीं नहीं जाने वाले. फिर आज नीतीश कुमार ने कहा है कि वे पवन वर्मा के पत्र को कोई तवज्जो नहीं देते. उन्होंने कहा कि पत्र लिखने ये कौन सा तरीका है कि पहले पत्र को ई मेल करते हैं, फिर मीडिया में जारी कर देते हैं. यह ठीक नहीं है.
यहां उल्लेखनीय है कि पवन वर्मा के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी सीएए और एनआरसी के मुद्दों पर लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ बयान दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने पहले इन बातों पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब पवन वर्मा ने उन्हें पत्र लिखकर कई आरोप लगाए तथा उसे मीडिया में भी जारी कर दिया.
इसी दौरान प्रशांत किशोर ने सीधे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सीएए व एनआरसी लागू करने की चुनौती देता बयान दे डाला. बताया जाता है कि पवन वर्मा के पत्र तथा प्रशांत किशोर के अमित शाह को घेरते बयान से स्थितियां बिगड़ती देख नीतीश कुमार ने कड़ा रुख अख्तियार किया. फिर विवादों से परहेज करने वाले नीतीश कुमार दो दिनों से अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जाहिर कर रहे हैं. नाराजगी भरे ये बयान अगर कोई संकेत हैं तो साफ है कि पार्टी में पवन वर्मा और प्रशांत किशोर अब हाशिए पर जा चुके हैं.