Bihar: बिहार एनडीए में सुनाई पड़ने लगी है खटपट की आवाज, भाजपा नेताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोल दिया है मोर्चा
By एस पी सिन्हा | Updated: June 27, 2024 14:54 IST2024-06-27T14:52:19+5:302024-06-27T14:54:50+5:30
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार एनडीए में सब कुछ सामान्य नजर नहीं आ रहा है।

फाइल फोटो
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार एनडीए में सब कुछ सामान्य नजर नहीं आ रहा है। काराकाट सीट से चुनाव हारने के बाद रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा अब महागठबंधन के करीब बताए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जदयू और भाजपा में भी वोट ट्रांसफर नहीं कराने का आरोप लगाते हुए बयानबाजी जारी है।
दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। इस बीच भाजपा के अंदर भी हालात बेहतर नजर नहीं आ रहे हैं। एक ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व विधान पार्षद संजय पासवान ने कहकर हलचल मचा दी है कि अगर नीतीश कुमार का साथ नहीं होता तो भाजपा जीरो पर आउट हो जाती। भाजपा को बिहार में एक भी सीट राज्य में नहीं मिल पाती।
उधर, लोकसभा का टिकट कटने से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि हमें आयातीत माल नहीं चाहिए बल्कि अध्यक्ष के पद पर पार्टी के मूल सदस्य का होना बहुत ही जरूरी है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने जिस पौधे को सींचा है।
हम उस सिद्धांत को कभी भी छोड़ नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के पद पर कभी भी चाहे वह जिला हो, राज्य हो, प्रदेश हो या केंद्र हो उस पद पर निश्चित रूप से संगठन के मूल का सदस्य होना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है। जब अध्यक्ष मूल का होगा तभी हम देश को आगे बढ़ा सकते हैं और मैं शुरू से ही इसका पक्षधर रहा हूं। चौबे ने यह भी कहा कि बिहार में भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़े।
अश्विनी चौबे ने कहा है कि मेरी खुद की ईच्छा है और मैंने पार्टी को भी बताया है कि भाजपा के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बननी चाहिए। भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ अकेले अपने दम पर आए और अपने सहयोगी दलों को भी आगे बढ़ाए। यह हमारी मंशा है और उसके लिए हर कार्यकर्ता को अभी से लग जाना होगा।
उन्होंने यह भी कहा है कि मुझे लगता है कि हम नीतीश कुमार को भी साथ लेकर चल रहे थे, चल रहे हैं और आगे भी उन्हें साथ लेकर ही चलेंगे। मुख्यमंत्री कौन होगा यह चुनाव के बाद देखा जाएगा। यह पार्टी और केंद्र का नेतृत्व तय करेगा। पहले या बाद में क्या होगा वह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। उधर, संजय पासवान ने कहा कि बिहार में एक ताकत तेजस्वी के साथ गई और एक ताकत का समूह नीतीश कुमार के पास है।
प्रशांत किशोर को लेकर उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की ताकत भी इन दिनों काफी बढ़ रही है। जो हम लोगों के साथ भाजपा में रहे, वो पीके के साथ जा रहे हैं।
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के बारे में कहा जा रहा है कि काराकाट से हारने के बाद अब वह महागठबंधन के करीब हैं। हालांकि उन्होंने एनडीए के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है। उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया है कि 2025 में बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देश में एनडीए की सरकार बनी है और दिल्ली से देश का शासन चल रहा है, ठीक उसी प्रकार बिहार में भी अगले विधानसभा के चुनाव में एनडीए की सरकार बनेगी और इसी तरह पटना से प्रदेश में शासन चलेगा।