बिहारः कार्तिकेय सिंह ने दिया इस्तीफा, मोदी ने कहा-अभी पहला विकेट गिरा, ललन सिंह बोले- 'चलनी दूसे सूप को'
By एस पी सिन्हा | Published: September 1, 2022 02:52 PM2022-09-01T14:52:46+5:302022-09-01T14:54:14+5:30
बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री के तौर 16 अगस्त को शपथ लेने वाले कार्तिकेय सिंह ने बुधवार की शाम अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया तथा उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है।
पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से भाजपा नीतीश कुमार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। महागठबंधन की सरकार बनते ही विवादों के घेरे में आने वाले कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का पहले विभाग बदला गया। उनसे कानून विभाग वापस लेते हुए गन्ना मंत्री बना दिया गया।
लेकिन देर रात कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है। कार्तिकेय के इस्तीफा देते ही भाजपा ने नीतीश कुमार को घेरे में ले लिया। इसके बाद जदयू ने भी जमकर पलटवार किया है। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडल के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा है कि अभी पहला विकेट गिरा है। अभी और कई विकेट गिरेंगे।
नीतीश कुमार पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए। अभी तो कार्तिकेय सिंह का पहला विकेट गिरा है। अभी और कई विकेट गिरेंगे। ऐसे में कार्तिकेय सिंह की फजीहत को लेकर अब जदयू ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि 'चलनी दूसे सूप को।'
उन्होंने यूपी कैबिनेट के मंत्री राकेश सचान को निशाने पर लिया। ललन सिंह ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए सुशील मोदी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी जी, नीतीश जी को चुनौती देने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें। उत्तर प्रदेश सरकार के कारनामों को देख लें। यूपी के मंत्री राकेश सचान को कितने साल की सजा हुई है?
सजायाफ्ता होने के बाद भी मंत्री बने हैं कि नहीं? मंत्री जी अदालत से सजा की कॉपी लेकर भाग गए। कुछ बोलने से पहले थोड़ी तो शर्मिंदगी का अहसास कीजिए। नीतीश जी को ज्ञान देने की जरूरत नहीं है। एक कहावत है, 'चलनी दूसे सूप को जिसमें खुद बहत्तर छेद'... नैतिकता का पाठ पढ़ाने से पहले अपनी नैतिकता का भी आकलन कर लें।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि 'लखीमपुर खीरी का जवाब भी जनता आपसे जानना चाहती है। जरा मुंह तो खोलिए, कुछ तो बोलिए..! और जरा यह भी बताइये कि लखीमपुर खीरी की घटना पर सर्वोच्च न्यायालय ने क्या-क्या टिप्पणियां की थी? आपकी उत्तरप्रदेश सरकार पर। आत्ममंथन कीजिए, चिंतन-मनन कीजिए.....तब बोलिए।'