बिहार: कोसी में जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने की मांग को लेकर भारी रोष, जन आंदोलन का आह्वान

By एस पी सिन्हा | Published: August 27, 2019 08:37 PM2019-08-27T20:37:31+5:302019-08-27T20:37:50+5:30

बिहार के कोसी इलाके सहरसा और मधेपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग इतना बदहाल हो चुका है कि अब उसके लिए मुहिम चलाने का आह्वान किया गया है।

Bihar: Massive fury against dilapidated roads on Kosi, People demand for mass movement | बिहार: कोसी में जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने की मांग को लेकर भारी रोष, जन आंदोलन का आह्वान

सुरक्षित सड़कों की मांग करते स्थानीय लोग और बच्चे।

बिहार के कोसी इलाके सहरसा और मधेपुरा में जर्जर सड़क एवं एनएच 106, 107 की बदहाल स्थिति को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. परेशान लोगों ने जन आंदोलन की आह्वान पर आज पूरे सहरसा और मधेपुरा को बंद कराते हुए सड़क पर उतर कर जगह जगह प्रदर्शन और नारेबाजी की. बिना किसी दल या संगठन के कोसी बंद में जिस तरह दुकानें बंद रहीं, वाहनों का परिचालन ठप रहा. मधेपुरा सहित सहरसा की सड़कें वीरान रहीं. दुकानें स्वत: स्फूर्त बंद रहीं. व्यावसायिक वाहनों का परिचालन नहीं होने से सफर करनेवालों को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा. 

मधेपुरा में सुबह से ही मधेपुरा, मुरलीगंज, सिंघेश्वर उदाकिशुनगंज समेत तमाम बाजार में दुकानों का शटर गिरा रहा. ई-रिक्शा संघ, ऑटो रिक्शा संघ, बस एसोसिएशन के लोग हड़ताल में स्वत: स्फूर्त सहयोग देते हुए वाहनों का परिचालन ठप कर रखा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने भी अपनी निजी क्लिनिक बंद रखी. निजी स्कूल एसोसिएशन ने बंद का समर्थन करते हुए स्कूलों को बंद रखा. बीएन मंडल विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने भी बंद को समर्थन दिया. बंदी पूरी तरह स्वतःस्फूर्त रही. हर आदमी अपनी सक्रिय रूप से भागीदार बना. सभी लोगों के अंदर गहरी पीड़ा थी कि लंबे समय से जानलेवा हो चुके एनएच को दुरुस्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. यहां तक कि पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भी दुरुस्त करने को लेकर टिप्पणी की थी. इसके बावजूद किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी. हर दुकानदार, हर आम आवाम की जुबान पर बस एक ही बात थी, अब सब्र का घड़ा भर चुका है. अब कितनी भी लंबी लड़ाई लड़नी पड़े, एनएच की सूरत बदल कर ही दम लेंगे.

सहरसा में भी एनएच 106 और 107 सहित शहर की अन्य जर्जर सड़कों को लेकर युवाओं ने आज कोसी बंद रखा. सुबह से ही गैर राजनीतिक लोगों ने चौक-चौराहों पर निकलकर बंद का समर्थन किया. इस कारण अधिकतर जगहों पर स्वतः स्फूर्त दुकान सहित अन्य प्रतिष्ठान बंद रहे. बंद का कारण जान कर आमलोगों ने भी अपना समर्थन दिया. शहर के डीबी रोड, थाना चौक, शंकर चौक, रिफ्यूजी चौक, महावीर चौक तिवारी चौक समेत कई जगहों पर आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर यातायात बाधित कर दिया और सड़क पर टायर जलाकर स्थानीय नेता और जिला प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की. घंटों सड़क जाम से आम लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं, छोटे-छोटे स्कूली बच्चे जाम की वजह से परेशान दिखे. शहर के व्यावसायिकों ने भी अपना व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर जन आंदोलन का समर्थन किया है. जन आंदोलन को सफल बनाने के लिए सुबह से ही लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर रखा है. जो लोग जर्जर सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं. उन सभी लोगों ने अपनी इच्छा अनुसार अपनी अपनी दुकान बंद कर जन आंदोलन का समर्थन किया है और बिहार सरकार के प्रति आक्रोश जता रहे हैं. 

यहां बता दें कि सहरसा से पूर्णियां को जोड़ने वाली एनएच 107 की सड़क गढ्ढे में तब्दील हो गई है. बारिश के दिनों में एनएच की सड़कों की स्थिति नारकीय बन जाती है जो आए दिन हादसे को आमंत्रण करती रहती है. बारिश के दिनों में एनएच 107 पर वाहन लेकर चलने की बात कौन करे साहेब. यहां तो पैदल चलना भी दुस्वार हो जाता है. उसके बावजूद इन समस्या पर ना तो जिला प्रशासन की नजर है और ना ही विभाग की इतना ही नहीं जिला प्रशासन से लेकर विभाग तक की अनदेखी ने शहरवासियों का सब्र का बांध ही तोड़ दिया. जिसके बाद शहरवासियों ने जन आंदोलन का मूड बना लिया और आज सड़क पर उतर आए और जन आंदोलन के तहत सुरक्षित एनएच 107 सड़क की मांग कर रहे हैं.

जन आंदोलन कर रहे लोगों को रिक्शा चालक संघ, ट्रक ऑनर एसोशिएसन, बस ऑनर एसोशिएसन के अलावे जिला वासियों एवं कई सामाजिक संगठन के लोगों के अलावे शहर के व्यवसाइयों अपना व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर जन आंदोलन कर रहे लोगों का भरपूर समर्थन किया, साथ ही बिहार सरकार के प्रति अपनी आक्रोश जताया. वहीं, युवाओं ने बाइक रैली निकालकर एनएच निर्माण में हो रही देरी पर विरोध जताया. 

जबकि, लोगों द्वारा प्रतिरोध मार्च निकाल कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. प्रधानमंत्री, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री, सूबे के पथ निर्माण मंत्री को पत्र भेजकर अविलंब कार्यवाही की मांग की गई है.

Web Title: Bihar: Massive fury against dilapidated roads on Kosi, People demand for mass movement

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