Bihar Liquor Deaths: जहरीली शराब से मौत पर हंगामा, सत्ता शीर्ष पर जो बैठे हैं, वह जिम्मेदार, संरक्षण देते और राजनीतिक फंडिंग भी हासिल करते हैं, सुधाकर सिंह का निशाना

By एस पी सिन्हा | Updated: December 14, 2022 15:41 IST2022-12-14T15:40:49+5:302022-12-14T15:41:41+5:30

Bihar Liquor Deaths: पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सदन के अंदर आग- बबूला होने को लेकर कहा कि अगर किसी ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।

Bihar Liquor Deaths rjd mla Sudhakar Singh blamed Nitish Kumar 14 death liquor in saran power protection get political funding | Bihar Liquor Deaths: जहरीली शराब से मौत पर हंगामा, सत्ता शीर्ष पर जो बैठे हैं, वह जिम्मेदार, संरक्षण देते और राजनीतिक फंडिंग भी हासिल करते हैं, सुधाकर सिंह का निशाना

राजद के विधायक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर लागू है।

Highlightsसत्ता में बैठे लोग जहरीली शराब से लोगों को मारने का षडयंत्र रच रहे हैं। सदन और सदन के बाहर इसका विरोध किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। राजद के विधायक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर लागू है।

Bihar Liquor Deaths: बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से करीब डेढ़ दर्ज लोगों की हुई मौत पर हंगामा बरपा है। राजद विधायक व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता के शीर्ष पर जो बैठे हैं, वह इसके लिए जिम्मेदार हैं।

वह संरक्षण भी देते हैं और राजनीतिक फंडिंग भी हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग जहरीली शराब से लोगों को मारने का षडयंत्र रच रहे हैं। जिसमें उन्हें कामयाबी मिलती रही है। अब तक कई बार इस पर सदन और सदन के बाहर इसका विरोध किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

राजद के विधायक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर लागू है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराब किसी दिन या किसी भी वक्त बंद नहीं हुआ है। राज्य में किसी को शराबबंदी कानून के तहत पकड़ा जाता है तो वह समाज के गरीब तबके के लोग है और अंतिम पैदान पर खड़े लोग है। इसलिए यह सोंचने वाली बात है कि जब शराबबंदी कानून लागू है और शराब नहीं मिलती है तो ये लोग जेल में कैसे बंद हैं?

यह हकीकत है कि आदमी की जब मौत होती है और लोग उग्र होते हैं और हकीकत सामने आती है। सवाल यह है कि बिहार में शराबबंदी है तो लोग पीते कैसे हैं? यह सवाल तब उठता है जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हो जाती है। वहीं, सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि किसी भी खाने पीने के चीजों पर प्रतिबंध लगाना मानसिक दिवालियापन है।

किस भी चीज पर प्रतिबंध लगाने से पहले इसको लेकर लोगों को जागरूक करना चाहिए। इसके साथ ही पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सदन के अंदर आग- बबूला होने को लेकर कहा कि अगर किसी ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।

अगर ऐसा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जहरीली शराब से इतनी मौतें यह कोई नरसंहार से कम नहीं। सरकारी लोगों को बचाने के लिए बनती है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को संभालने के लिए सरकार ने हर थाने में एक छोटा दारोगा नियुक्त कर रखा है, जो पूरे नेटवर्क को संचालित करता है। विधानमंडल में मिली शराब की बोतलों को लेकर आज तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई।

समझा जा सकता है कि सरकार की मंशा कैसी है? उन्होंने कहा कि जनता का पैसा प्रदेश के लिए मिलता है। लेकिन सरकार सिर्फ जेल बनाने और न्यायिक व्यवस्था को बनाने में ही पैसे खर्च रही है। सरकारें ऐसे नहीं चलती है। आप जनता का पैसा ऐसे बर्बाद नही कर सकते हैं। सरकार का काम होता है कम खर्च में ज्यादा विकास कराए। 

Web Title: Bihar Liquor Deaths rjd mla Sudhakar Singh blamed Nitish Kumar 14 death liquor in saran power protection get political funding

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