पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार और नजदीकियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई के द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर राजद हमलावर हो गई है। राजद के साथ ही लालू बेटी रोहिणी आचार्या ने एक के बाद एक ट्वीट करके भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने लालू परिवार को डरने नहीं बल्कि लड़ने वाला परिवार बताया है।
रोहिणी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि छापे पे छापा..भाजपा ने खोया अपना आपा। लालूजी और उनका परिवार डरना नहीं लड़ना जानता है। रोहिणी ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि भाजपा सरकार का हिटलर शाही फरमान है। ईमान बेचने का पैगाम है। मगर झुकने को तैयार नहीं। बिहारी माटी का जो लालू तेजस्वी लाल है।
एक अन्य ट्वीट में रोहिणी ने ऑपरेशन लोटस की चर्चा करते हुए वैसे भाजपा नेताओं की सूची जारी की है, जिन्हें भाजपा का विरोध करने पर केंन्द्रीय एजेंसी ने छापा मारा था और फिर जब वे भाजपा में शामिल हो गए तो जांच की प्रकिया रोक दी गई। इस ट्वीट में रोहिणी ने लिखा है कि बस इनका एक ही मकसद है।
किसी भी तरह से लालू परिवार को झुकाना चाहे। नीचता की कितनी भी हदें पार करनी पड़े, ये लोग करेंगे और करते ही रहेंगे। तेरे हर नापाक इरादे को अपने बुलंद हौसले से धूल में मिलाना जानते हैं। हम लालूवादी॥ इसके साथ ही राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने भी इस छापेमारी को लेकर भाजपा के खिलाफ निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि इस छापेमारी से कोई डरने वाला नहीं है। 2024 को देखकर जो पूरी प्लानिंग बनाई गई है और तेजस्वी प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन हमेशा आगे बढ़ता रहेगा। भाजपा 2024 को लेकर यह पूरी कार्रवाई करवा रही है, इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
छापेमारी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की तीन पुत्रियों और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के परिसरों में की गई। अधिकारियों ने कहा कि छापे पटना, फुलवारीशरीफ, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), रांची और मुंबई में लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव और राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना से जुड़े परिसरों में मारे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह मामला, लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में भूखंड प्राप्त होने या इसे बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिये जाने से संबद्ध है।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया है।