Bihar Ki Taja Khabar: स्पेशल ट्रेन से लौट रहे प्रवासी मजदूरों से कौन वसूल रहा भाड़ा, केंद्र और राज्य सरकारों के दावों के विपरीत लिए जा रहे पैसे

By एस पी सिन्हा | Published: May 8, 2020 03:01 PM2020-05-08T15:01:50+5:302020-05-08T15:01:50+5:30

यात्रियों में बहुत से ऐसे भी थे जिन्हें अपने कार्यस्थलों पर कंपनी के कार्यालयों में रुपये भुगतान करने के पश्चात टिकट प्राप्त हुआ है.

Bihar Ki Taja Khabar: migrant laborers returning from the special train, money being taken against the claims of the central and state governments | Bihar Ki Taja Khabar: स्पेशल ट्रेन से लौट रहे प्रवासी मजदूरों से कौन वसूल रहा भाड़ा, केंद्र और राज्य सरकारों के दावों के विपरीत लिए जा रहे पैसे

Bihar Ki Taja Khabar: स्पेशल ट्रेन से लौट रहे प्रवासी मजदूरों से कौन वसूल रहा भाड़ा, केंद्र और राज्य सरकारों के दावों के विपरीत लिए जा रहे पैसे

Highlightsकिसी से 650, किसी से 725 और किसी से 850 तो किसी से 1070 तक राशि वसूली गई है. जानकारों के अनुसार प्रथमदृष्टया बड़े पैमाने पर घपले-घोटाले की बू आती दिखाई दे रही है.

पटना: केंद्र सरकार के 85 प्रतिशत और राज्य सरकार के 15 प्रतिशत अंशदान के दावे के बाद भी प्रवासियों से यात्रा टिकट के पैसे वसूले जाने की खबरों लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि कौन सही बोल रहा है और कौन गलत? ऐसे में अब यह भी अनुमान लगाया जाने लगा है कि रास्ते में कहीं खेल रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों के द्वारा तो नही खेला जा रहा है? 

यहां उल्लेखनीय है कि यात्रियों में बहुत से ऐसे भी थे जिन्हें अपने कार्यस्थलों पर कंपनी के कार्यालयों में रुपये भुगतान करने के पश्चात टिकट प्राप्त हुआ है. ऐसे में अब रेलवे की कार्यशैली भी संदेहास्पद लगने लगा है. किसी-किसी ने तो यह भी कहा है कि उनसे टिकट पर अंकित रूपये से ज्यादा की राशि भी वसूली गई है. 

ऐसे में अब प्रश्न उठने लगा है कि जो टिकट स्क्रीनिंग के पश्चात स्टेशन पर ट्रेन में सवार होते वक्त निःशुल्क मिलना चाहिए था, वह टिकट स्टेशन जाने के पूर्व यात्रियों को उनके कार्यस्थल पर उनके नियोक्ता के हाथों कैसे मिला? बिहार पहुंच रहे तमाम यात्रियों से हुई बातचीत के बाद यह बात सामने आ रही है कि केंद्र और राज्य के अलावे एक तीसरी व्यवस्था भी काम कर रही है जो निःशुल्क प्राप्त होने वाले रेलयात्रा टिकट के बदले भाड़ावसूल रहा है. ऐसे में यह संभव है कि रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के मिली भगत से टिकट का धंधा कर जेबें गर्म की जा रही हों? कारण कि यह भी देखा जा रहा है कि यात्रियों से अलग-अलग राशि वसूली गई है. किसी से 650, किसी से 725 और किसी से 850 तो किसी से 1070 तक राशि वसूली गई है. 

ऐसे में अब यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि श्रमिकों के नाम पर एक तंत्र विकसित कर कहीं अवैध वसूली तो नही की जा रही है? जिसे रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों का भी संरक्षण प्राप्त है. कारण कि जो टिकट रेल कर्मचारी द्वारा यात्री को उपलब्ध कराना है उसे निजी हाथों में कौन सौंप रहा है? ऐसे में अब यह जांच का विषय है कि आखिर वसूले गये पैसे किसने लिये और कहां गये? 

जानकारों के अनुसार प्रथमदृष्टया बड़े पैमाने पर घपले-घोटाले की बू आती दिखाई दे रही है. आखिर तीसरी व्यवस्था वह कौन ससी है, जिसके सहारे आपदा के इस कठिन दौर में भी करोडों का वारा-न्यारा किया जा रहा है? मामला चाहे जो भी हो लेकिन आप्रावासी मजदूरों की व्यथा सुनकर रोंगटे खडे हो जा रहे हैं. 
 

Web Title: Bihar Ki Taja Khabar: migrant laborers returning from the special train, money being taken against the claims of the central and state governments

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