बिहारः आठ AK-47 पकड़े जाने के बाद मची सनसनी, जांच के लपेटे में आ सकते हैं कई बड़े नेता

By एस पी सिन्हा | Published: September 17, 2018 04:05 PM2018-09-17T16:05:26+5:302018-09-17T16:05:26+5:30

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि झारखंड के कई बडे नेताओं को दो दर्जन एके-47 डिलीवरी की जानी थी। 

Bihar-Jharkhand: Arms syndicates AK-47 investigation can cover many big leaders | बिहारः आठ AK-47 पकड़े जाने के बाद मची सनसनी, जांच के लपेटे में आ सकते हैं कई बड़े नेता

बिहारः आठ AK-47 पकड़े जाने के बाद मची सनसनी, जांच के लपेटे में आ सकते हैं कई बड़े नेता

पटना, 17 सितंबरःबिहार के मुंगेर से बरामद आठ एके-47 से बिहार-झारखंड में सनसनी मच गई है। पुलिसिया जांच में जो खुलासे हो रहे हैं उसमें झारखंड के कई बडे नेता फंस सकते हैं। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि झारखंड के कई बडे नेता को दो दर्जन एके-47 डिलीवरी की जानी थी। मुंगेर एसपी बाबू राम ने बताया कि मुंगेर के साथ-साथ भागलपुर, जमशेदपुर और जबलपुर में एके-47 हथियारों की डिलिवरी होनी थी।

पुलिस ने इमरान के बहनोई और शमसेर के भाई सेना के जवान मो. नियाजुल रहमान उर्फ गुल्लो उर्फ गुलशन को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा से गिरफ्तार कर लिया है। जिससे की गई सघन पूछताछ में पुलिस ने बरदह गांव में छापेमारी कर दो एके-47 हथियार को बरामद कर लिया है। दरअसल, मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले पुरुषोत्तम लाल उर्फ रमेश और उसकी पत्नी ने जमालपुर आकर तीन बैग में 9 एके-47 हथियार की डिलवरी दी थी। 29 अगस्त को पुलिस ने जमालपुर के जुबली वेल चौक पर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह गांव निवासी मो. इमरान आलम को गिरफ्तार किया था। जिसके पास से एक बैग में तीन एके-47 बरामद हुए थे। उसने पुलिस को बताया था कि मुंगेर में ही तीन बैग की डिलिवरी हुई है। उसकी गिरफ्तारी होने के बाद दो बैग लेकर उसका साथी फरार हो गया। 

पुलिस पूछताछ में यह बात खुलकर सामने आई है कि आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल रजक अप्रैल से ज्यादा सक्रिय हो गया था। एके-47 और मैगजिन की सप्लाई के लिए वह 10 अप्रैल से 28 अगस्त के बीच आठ बार मुंगेर आया था। इस बीच उसने कई डील की थी। पुलिस रिमांड पर 17 दिनों तक जबलपुर में हुई पूछताछ में उसने कई राज उगले हैं। पुलिस को उसके मुंगेर आने के प्रमाण भी मिले हैं। पुरुषोत्तम से पूछताछ के बाद अब बारी है मुंगेर के रहने वाले शमशेर और आर्मोरर से रिटायर्ड नियाजुल हसन से पूछताछ की। जबलपुर पुलिस अब दोनों से मुंगेर आकर पूछताछ करेगी।
 
सूत्रों की मानें तो 19 सितंबर को क्राइम ब्रांच की टीम जबलपुर से मुंगेर पहुंचेगी। यहां से दोनों को ट्रांजिट रिमांड लेकर जबलपुर भी ले जाया सकता है। दरअसल, एक के बाद एक हथियारों की बरामदगी ने दोनों राज्यों के पुलिस की सकते में डाल दिया है। पुलिस अब इस मामले में पूरे जड तक जाना चाहती है। कोशिश है ज्यादा से ज्यादा एके-47 बरामद कर लिये जायें जो बेची गई हैं। दूसरा इसकी सप्लाई में लगे पूरे रैकेटे को बेनकाब करने का। फिलहाल दोनों राज्य की पुलिस मामले की पड़ताल में लगी हुई है और जल्द ही सफलता की मिलने की उम्मीद है। यहां बता दें कि बिहार का मुंगेर शुरुआत से ही अवैध असलहा के निर्माण और बिक्री का मंडी रहा है। 

कई बड़े मामलों में देश की बडी जांच एजेंसियों मुंगेर का चक्कर काट चुकी हैं। यही वजह है जब मुंगेर के रहने वाले नियाजुल हसन जैसे लोग आरमोर्रर के तौर पर सीओडी में काम करने पहुंचे तो वहां से सेना के एके-47 की अवैध सप्लाई का रास्ता खुल गया। यह रास्ता देश भर के सीओडी से चला और मुंगेर में आकर खत्म हुआ। मुंगेर में आने के बाद इसकी कीमत मुंह मांगी हो जाती थी। आरमोर्रर अगर पांच लाख में हथियार बेचते थे तो मुंगेर के इमरान, शमशेर जैसे लोग इसका दोगुना कीमत वसूल कर बेचते थे। इस तरह से पूरा सिंडिकेट मुंगेर से जुड गया। अब जब मामला उजागर हो गया है तो जांच की कडियां मुंगेर से जुडने लगी हैं। 
 
बताया जाता है कि जबलपुर सीओडी में आरमोर्रर के पद पर काम कर चुका पुरुषोत्तम रजक जब पुलिस के हत्थे चढा तो उसने इधर-उधर बरगलाने की कोशिश की। लेकिन जब उसके घर से हथियार और पार्टस मिल गये तो पुलिस ने उसे आठ दिनों के लिए रिमांड पर लिया। फिर दूसरा आरमोर्रर सुरेश ठाकुर पकडा गया। पुलिस को कई ठोस जानकारी तब हाथ लगी जब पुरुषोत्तम पूछताछ में टूट गया। पुलिस के बडे अधिकारियों के सामने पुरुषोत्तम फफक-फफक कर रो पडा। उसे गलती का एहसास हुआ तो उसने कहा कि साहब लालच में आ गया, मैंने गलती किया है, मैं देशद्रोही हूं। जो सजा मिलेगी वह मंजूर है। 

वहीं, सेना के एके-47 की अवैध सप्लाई का राज खुलने के बाद पूरा सिंडिकेट पुलिस के टारेगट पर आ गया है। देश भर के सीओडी (सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो) में जांच पडताल और सख्ती तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, मुंगेर में फिर से बडी कार्रवाई की तैयारी है। एके-47 के तस्कर इमरान, शमशेर, रिजवाना अख्तर, नियाजुल हसन की जांच पड़ताल तो हो ही रही है, इसके अलावा इनके पूरे कुनबे, रिश्तेदारों की कुंडली पुलिस खंगाल रही है। सूत्रों कि मानें तो मुंगेर में अन्य छोटे-बडे असलहा कारोबारियों पर भी गाज गिरेगी। ऊपर से आदेश के बाद मुंगेर की पुलिस ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रही है जो असलहा तस्करी में जेल जा चुके हैं। खास तौर पर वह तस्कर जो जिनका नाम नक्सली संगठनों, डी। कंपनी और आतंकवादी संगठन को असलहा सप्लाई करने का आरोप है। इन लोगों पर देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की तैयारी है।

Web Title: Bihar-Jharkhand: Arms syndicates AK-47 investigation can cover many big leaders

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