बिहार में जांच बढ़ने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रहा है इजाफा, मरीजों की संख्या पहुंची 80 हजार के करीब
By एस पी सिन्हा | Published: August 9, 2020 07:16 PM2020-08-09T19:16:50+5:302020-08-09T19:21:01+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह राशि वैसे प्लाज्मा डोनरों को दी जाएगी, जो स्वेच्छा से अपना प्लाज्मा लोकहित में कोरोना पीड़ित को दान करने के लिए सामने आएंगे.
पटना: बिहार में कोरोना की जांच की संख्या बढ़ने के साथ ही संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है. पाबंदियों के बावजूद राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट के मुताबिक बिहार में 3934 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 79720 हो गई है. अब तक इस बीमारी से 419 लोग दम तोड़ चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पटना में कोरोना के आज 781 कोरोना के मरीज मिले हैं.
हालात ऐसे हैं कि लॉकडाउन के बाद भी यहां तेजी के संक्रमण बढ़ता जा रहा है. सारण में भी कोरोना का कोहराम जारी है. आज फिर 160 कोरोना के मरीज मिले हैं. बेगूसराय में 244, बक्सर में 65, भोजपुर में 109 कोरोना के मरीज मिले हैं. मुजफ्फरपुर में 128 कोरोना के मरीज मिले हैं. कटिहार में 177, नवादा में 18, रोहतास में 131 कोरोना के मरीज मिले है. आज के लिस्ट के अनुसार कई जिलों में आज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. यहां बता दें कि 18 जून को 5182 सैम्पल की जांच के दौरान राज्य में मृतकों की संख्या 44 थी. एक दिन बाद 19 जून को 5978 सैम्पल की जांच हुई तो 185 संक्रमित मिले जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 49 हो गई. वहीं, 23 जुलाईं को 10,120 सैम्पल की जांच में 1625 संक्रमित मिले, किंतु मृतकों की संख्या बढ़कर 212 हो गई. 7 अगस्त को मृतकों की संख्या बढ़कर करीब दोगुनी 400 हो गई. इसतरह कोरोना का कहर बिहार में बढ़ता ही जा रहा है.
इसबीच, बिहार में कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर प्लाज्मा दान करने वाले दाता (डोनर) को राज्य सरकार पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह राशि वैसे प्लाज्मा डोनरों को दी जाएगी, जो स्वेच्छा से अपना प्लाज्मा लोकहित में कोरोना पीड़ित को दान करने के लिए सामने आएंगे. दरअसल, प्लाज्मा थेरेपी अति गंभीर कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए की जाती है. इस थेरेपी के तहत पूर्व में संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके मरीज द्वारा दिये गए रक्त से प्लाज्मा को अति गंभीर मरीजों के शरीर में चढ़ाया जाता है. इससे मरीज के शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है, जो कोरोना संक्रमण समाप्त करने में सहायक होता है. पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज की मंजूरी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), नई दिल्ली ने प्रदान की है. इसके बाद प्लाज्मा दाताओं का निबंधन कर उनके सहयोग से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
इस संबंध में पटना एम्स के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि रक्त से सिर्फ प्लाज्मा निकाल कर शेष रक्त प्लाज्मा डोनर के शरीर में वापस कर दिया जाता है. रक्त से डब्ल्यूबीसी और आरबीसी नहीं लिया जाता है. इससे प्लाज्मा डोनर को किसी तरह की परेशानी नहीं होती और न ही कमजोरी होती है. 110 प्लाज्मा डोनरों ने अब तक पटना एम्स में प्लाज्मा दान किया है. इससे 58 अति गंभीर संक्रमित कोरोना मरीज का इलाज किया गया है. प्लाज्मा थेरेपी के इलाज से अब तक 34 अति गंभीर मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.