पटनाः बिहार में अवैध बालू खनन के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए नीतीश सरकार ने पुलिस से लेकर प्रशासन के अधिकारियों को चलता कर दिया है.
बालू माफियाओं से मिलीभगत के चलते सरकार ने दो जिलों के एसपी के साथ-साथ दो अन्य जिलों के डीटीओ को भी हटा दिया है. सरकार ने एक एसडीओ का भी तबादला किया है. अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. भोजपुर और औरंगबाद के एसपी समेत पांच अफसरों को हटा दिया गया है.
दोनों जिलों के एसपी को बिहार पुलिस मुख्यालय बुलाया गया है. वहीं एक एसडीओ और 2 जिला परिवहन पदाधिकारियों को भी हटाया गया है. भोजपुर के एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान देने को कहा गया है.
इन दोनों के स्थानांतरण के बाद तत्काल प्रभार की आंतरिक व्यवस्था के लिए डीजीपी को प्राधिकृत किया गया है. बता दें कि सिर्फ तीन महीना पहले ही भोजपुर में एसपी राकेश कुमार दुबे को पदस्थापित किया गया था. 6 अप्रैल को सरकार ने राज्य के 3 आईपीएस अफसरों का तबादला किया था.
जिसमें बिहार कैडर के नए आईपीएस अधिकारी राकेश कुमार दूबे को भोजपुर पुलिस का कमान सौंपा गया था. काफी तेजतर्रार और जाने माने अधिकारी राकेश कुमार दूबे पहली बार किसी जिले के एसपी बनाये गए थे. इससे पहले राकेश दूबे बिहार के राज्यपाल के एडीसी थे. वहीं एक एसडीओ और 2 जिला परिवहन पदाधिकारियों को भी हटाया गया है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. डेहरी अनुमंडल के एसडीओ सुनील कुमार सिंह को पद से हटाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग में वेटिंग फॉर पोस्टिंग किया गया है. वहीं औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा को भी पद से हटाया गया है.
सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने को कहा गया है, जबकि पटना के डीटीओ पुरुषोत्तम को भी हटा दिया गया है. उन्हें भी सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने का आदेश दिया गया है. बताया जा रहा है कि बालू के अवैध खनन-परिवहन में विभागीय मिलीभगत के आरोप में इन पांचों अधिकारियों को हटाया गया है.