Bihar hooch tragedy: शराबबंदी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष की रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ बयाना ही जारी करता है, लेकिन उन्हें इस पर गंभीर होकर सरकार का साथ देना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने आज साफ कहा कि हमने डीजीपी को साफ कह दिया है कि शराब दो-तीन जिलों से पार कैसे कर रहा? इसका मतलब कि जांच नहीं हो रही है. वैसे जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे. वही इसे लेकर लोगों को जागरूक भी किया जाएगा. जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की.
उन्होंने बताया कि शराबबंदी की समीक्षा 16 नवम्बर को की जाएगी. 2016 में शराबबंदी कानून बिहार में लागू किया गया था, अधिकांश लोग तो शराब छोड़ चुके हैं. वहीं कुछ लोग बचे हैं, जो शराब का सेवन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शराब बुरी चीज है, इसे बचे हुए लोग ना ले इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा.
यदि कहीं पर भी शराबबंदी कानून के उल्लंघन की सूचना मिलती है, तो हेल्पलाइन नंबर पर इसकी जानकारी दें. यदि इस पर कार्रवाई नहीं होगी तब सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सबकी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों को जागरूक करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि दो नबंरी काम करने का यही नतीजा होता है.
इसके पहले भी 2-4 जगहों पर इस तरह के मामले सामने आये हैं. कई जगहों पर तो रोज पकड़ाता है. लेकिन जहां पर शराब पकडा जा रहा है, वह बाहर से आ रहा है. वह भी दो-चार जिलों में पकड़ाता है, लेकिन अन्य जगहों पर क्यों नहीं पकडाता है? इसलिए हमने डीजीपी और मुख्य सचिव को साफ-साफ कह दिया है कि एक-एक चीज पर नजर रखिये. कौन-कौन कर रहा है और कहां-कहां हो रहा है?
अगर जिम्मेदार अधिकारी ससमय कार्रवाई नहीं कर रहा तो उसे भी चिन्हित करें और कार्रवाई करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग हैं जो गडबड करते हैं. कार्रवाई और जागरूकता दोनों जरूरी है. हमलोग बराबर कहते रहे हैं कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिकायत के बाद सर्वसम्मती से इस कानून को बिहार में लागू किया गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान विपक्ष पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो लोग उस वक्त समर्थन में शामिल थे, वे आज शराबबंदी पर ही तरह-तरह का बयान दे रहे हैं. जबकि विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों की रजामंदी के बाद ही शराबबंदी कानून को लागू किया गया था. एक साथ खडे होकर सभी सदस्य ने संकल्प भी लिए थे.
नीतीश कुमार ने तेजस्वी का बिना नाम लिए ही उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग शराबबंदी को लेकर पेपर में स्टेटमेंट दे देते हैं, इससे कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह कानून 2016 में बहुत अनुसंधान के बाद बना था. उन्होंने कहा कि आज जो बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन जब सरकार में थे, तो उस समय शराबबंदी कानूना का हाथ उठाकर समर्थन करते थे.
लेकिन आज विपक्ष में है, तो इसका विरोध कर रहे हैं. इससे काम नहीं चलने वाला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि माल बटोरने वालों की अब खैर नहीं है. वही जहरीली शराबकांड पर कहा कि इसके लिए जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कोरोना पर कहा कि जो लोग यहां रहते है या जो पर्व त्योहार में बिहार आए हैं और अब तक टीकाकरण नहीं करा पाए हैं वे वैक्सीन ले लें. जो बच गये हैं उन्हें टीकाकरण कराया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इसमें लगी हुई है. फस्ट डोज और सेकंड डोज दोनों लगाया जा रहा है.