बिहारः टॉयलेट इस्तेमाल करने पर सरकार देगी रुपए
By भाषा | Published: April 2, 2018 08:58 PM2018-04-02T20:58:10+5:302018-04-02T20:58:10+5:30
मंत्री श्रवण ने बताया कि प्रदेश में एक करोड़ 60 लाख परिवार हैं जिनके घरों में शौचालय नहीं है और पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान करीब 32 लाख व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया गया जा चुका है।
पटना, 2 अप्रैलः बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब किसी वार्ड के 75 प्रतिशत लाभार्थियों द्वारा व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण एवं उपयोग किए जाने के बाद नियमानुसार प्रोत्साहन राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। बिहार विधान परिषद में सोमवार को जदयू सदस्य रामवचन राय द्वारा इंदिरा आवास योजना से संबंधित पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में श्रवण ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं लोहिया स्वच्छता योजना के कार्यान्वयन के लिए 5 अगस्त 2016 को एक पत्र जारी कर विस्तृत दिशानिर्देश दिए गये थे।
इस दिशानिर्देश में ग्राम पंचायतों के वार्ड को खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जाने के उपरांत ही संबंधित वार्ड के लाभार्थियों के बीच प्रोत्साहन राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों से प्राप्त सुझावों के समीक्षोपरांत उपरोक्त प्रावधान में संशोधन करते हुए किसी वार्ड के 75 प्रतिशत लाभार्थियों द्वारा व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण एवं उपयोग किये जाने के बाद नियमानुसार प्रोत्साहन राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
श्रवण ने बताया कि प्रदेश में एक करोड़ 60 लाख परिवार हैं जिनके घरों में शौचालय नहीं है और पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान करीब 32 लाख व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया गया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि बिहार में वर्तमान में 32 प्रखंड, 1240 ग्राम पंचायतों और 4814 गांव को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। रामवचन राय द्वारा मधुबनी जिला के खुटौना प्रखंड अंतर्गत 8 मई 2015 को हुए अग्निकांड में जले कई घर मालिकों को इंदिरा आवास उपलब्ध कराने को लेकर पूछे गए एक अल्पसूचित प्रश्न का उत्तर देते हुए श्रवण ने बताया कि केन्द्र सरकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में वित्तीय वर्ष 2016-17 से इंदिरा आवास योजना के स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
श्रवण ने बताया कि इसमें योजना के कार्यान्वयन का आधार बीपीएल सूची के स्थान पर सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के भारत सरकार से प्राप्त आवासविहीन परिवारों को बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रश्नगत मामलों में जिला पदाधिकारी मधुबनी द्वारा आवास का लाभ प्रदान करने के लिए विशेष परियोजना प्रस्ताव विभाग को उपलब्ध कराया गया है जो इंदिरा आवास योजना के तहत निर्धारित बीपीएल सूची के आधार पर तैयार की गयी थी।