पटेल समाज के सबसे बड़े दुश्मन, मुझे मंत्रिमंडल से हटवाया, पूर्व मंत्री आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर किया हमला
By एस पी सिन्हा | Updated: September 21, 2022 15:48 IST2022-09-21T15:47:12+5:302022-09-21T15:48:10+5:30
अपराध के मामले में बिहार में 25वें नंबर पर है। आरसीपी सिंह ने कहा कि महागठबंधन में जदयू के 45 विधायक हैं और 165 विधायकों के भरोसे महागठबंधन की सरकार चल रही है।

बिहार में कोई सुरक्षित जगह नहीं मिल रही है, इसलिए नया स्थान तलाश रहे हैं। (file photo)
पटनाः पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अपने जदयू से निष्कासन पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुझे पार्टी से निष्कासित करने वाला कोई पैदा हीं नहीं हुआ है। मैंने खुद पार्टी छोड़ी है। आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह पटेल समाज के सबसे बडे़ दुश्मन हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार-झारखंड से एक मात्र पटेल समाज के नेता के रूप में मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया था, लेकिन यह भी नीतीश कुमार को बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझे मंत्रिमंडल से हटवा दिए। मोतिहारी में बुधवार को आरसीपी ने कहा कि नीतीश कुमार सरदार पटेल का फोटो दिखाकर पटेल समाज का बड़ा नेता दिखना चाहते हैं।
इस समाज का वोट लेना चाहते हैं, लेकिन उनका आचरण इसके उलट है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी हालत कैसी हो गई है, आप लोग देख नहीं रहे हैं। बिहार छोड़कर यूपी के फूलपुर में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उन्हें बिहार में कोई सुरक्षित जगह नहीं मिल रही है, इसलिए नया स्थान तलाश रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की चर्चा पर कहा कि यह कोरी कल्पना है। आरसीपी सिंह ने सवाल पूछा कि आगामी लोकसभा चुनाव में जदयू कितनी सीटों पर चुनाव लडे़गा? नीतीश सरकार में कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एनसीआरबी के आंकडे़ का हवाला देते हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था एनसीआरबी की रिपोर्ट से नहीं, जनता के परशेप्शन से चलता है। बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद लूट, हत्या अपहरण, छिनतई व दुष्कर्म की वारदात बढ़ गई है।
आम जनता अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है, लेकिन सरकार के मंत्री कहते हैं कि अपराध के मामले में बिहार में 25वें नंबर पर है। आरसीपी सिंह ने कहा कि महागठबंधन में जदयू के 45 विधायक हैं और 165 विधायकों के भरोसे महागठबंधन की सरकार चल रही है।
इसलिए महागठबंधन में एक लोकसभा सीट के लिए चार विधायक पर एक टिकट मिल सकता है तो जदयू के हिस्से में महज 12 सीटें आ सकती हैं। इनके चार सांसद को फिर से टिकट मिलने की संभावना कम है। ऐसे में अब जनता फैसला करेगी कि ये 12 में से कितनी सीटें जीतेंगे। क्या दस से कम संख्या में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनेंगे? आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू डूबता हुआ जहाज है, उस सवार नेताओं का भविष्य अंधकारमय है।