बिहारः आनंद मोहन सहित 26 कैदी होंगे रिहा, भाजपा सांसद अजय निषाद ने कहा-राजद ने कर दिया खेला, खास वर्ग के लोगों को फायदा!
By एस पी सिन्हा | Published: April 26, 2023 04:29 PM2023-04-26T16:29:44+5:302023-04-26T16:30:57+5:30
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 10 लोकसभा सीट ऐसे हैं, जहां राजपूत निर्णायक रोल में हैं। यहां 3-4 लाख राजपूत वर्ग के मतदाता हैं। जबकि 28 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां इनकी आबादी एक लाख से ज्यादा है।
पटनाः बिहार सरकार द्वारा पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित 27 कैदियों को स्थायी तौर पर रिहा किये जाने के मुद्दे को लेकर सियासत गर्मा गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने पहले ही आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश सरकार को घेरा है। वहीं, भाजपा को आनंद मोहन के नाम पर तो ऐतराज नहीं है, लेकिन इस आड़ में 26 अन्य कैदियों की रिहाई को लेकर पार्टी हमलावर है और इसे राजद का ‘खेल’ करार दे रही है।
भाजपा सांसद अजय निषाद ने आनंद मोहन की रिहाई पर कहा कि यह चुनी हुई सरकार का फैसला है, इसलिए इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, इसकी आड़ में खेल दिख रहा है वह निंदनीय है। एक खास वर्ग के लोगों को फायदा देने के लिए आनंद मोहन को बलि का बकरा बनाकर गेम हो गया है।
जदयू और राजद बेमेल का गठबंधन है, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी दबाव में हैं और वे स्वयं निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं। ये दबाव में लिया गया ही निर्णय है जो बिहार के हित में नहीं है। भाजपा सांसद ने कहा कि पहले 27 लोगों की सूची देखिए और यह भी देखिये कि उनपर क्या गंभीर आरोप हैं। ऐसे लोगों को रिहाई नहीं मिलनी चाहिए जिससे बिहार के आवाम को खतरा हो।
बता दें कि आनंद मोहन के साथ जिन कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है इसको चुनावी दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। सरकार पर आरोप है कि इसमें भी माय (एमवाय) यानी मुस्लिम-यादव समीकरण का ध्यान रखा गया है। इन 27 कैदियों में 13 ‘माय’ समीकरण वाले हैं।
सरकार की सूची में बेऊर सेंट्रल जेल में बंद शिवजी यादव, लखीसराय जेल में बंद अशोक यादव, भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद किरथ यादव, बक्सर के ओपेन जेल में बंद राज बल्लभ यादव उर्फ बिजली यादव, पतिराम राय और किशुनदेव राय, वहीं बिहारशरीफ जेल में बंद खेलावन यादव के साथ-साथ भागलपुर के स्पेशल जेल में बंद मो. खुदबुद्दीन, अलाउद्दीन अंसारी, हलीम अंसारी, चन्देश्वरी यादव और अख्तर अंसारी अररिया जेल में बंद दस्तगीर खान का नाम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 10 लोकसभा सीट ऐसे हैं, जहां राजपूत निर्णायक रोल में हैं। यहां 3-4 लाख राजपूत वर्ग के मतदाता हैं। जबकि 28 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां इनकी आबादी एक लाख से ज्यादा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, बिहार की जनसंख्या 10.38 करोड़ थी।
इसमें 82.69 फीसदी आबादी हिंदू और 16.87 फीसदी आबादी मुस्लिम समुदाय की थी। हिंदू आबादी में 17 फीसदी सवर्ण, 51 फीसदी ओबीसी, 15.7 फीसदी अनुसूचित जाति और करीब एक फीसदी अनुसूचित जनजाति है।
मोटे-मोटे तौर पर यह कहा जाता है कि बिहार में 14.4 फीसदी यादव समुदाय, कुशवाहा यानी कोइरी 6.4 फीसदी, कुर्मी 4 फीसदी हैं। सवर्णों में भूमिहार 4.7 फीसदी, ब्राह्मण 5.7 फीसदी, राजपूत 5.2 फीसदी और कायस्थ 1.5 फीसदी हैं। ऐसे में महाराजगंज, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, वैशाली, शिवहर, बक्सर, आरा और बांका सीट पर राजपुत मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं।