बिहार चुनाव: तेजस्वी यादव ने किया दावा 14 नवंबर को होगी नीतीश सरकार की विदाई, 18 नवंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
By एस पी सिन्हा | Updated: November 10, 2025 16:38 IST2025-11-10T16:38:28+5:302025-11-10T16:38:35+5:30
तेजस्वी यादव ने एक संक्षिप्त साक्षात्कार में अपनी महागठबंधन के प्रदर्शन और वादों को पूरा करने की संभावनाओं पर खुलकर बात की। इस दौरान 'जंगलराज' के सवाल पर तेजस्वी यादव ने राजद के अतीत का बचाव करते हुए कहा कि असली 'जंगलराज' को बिहार में अभी है।

बिहार चुनाव: तेजस्वी यादव ने किया दावा 14 नवंबर को होगी नीतीश सरकार की विदाई, 18 नवंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को साल में एक बार एकमुश्त 30 हजार रुपए देने सहित कई वादों के साथ जनता के बीच गए राजद नेता एवं महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि इस बार उनकी सरकार बनने जा रही है। उन्हें अपार जनसमर्थन मिल रहा है और जनता इस निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है। 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद 18 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का उन्होंने किया दावा। तेजस्वी यादव ने एक संक्षिप्त साक्षात्कार में अपनी महागठबंधन के प्रदर्शन और वादों को पूरा करने की संभावनाओं पर खुलकर बात की। इस दौरान 'जंगलराज' के सवाल पर तेजस्वी यादव ने राजद के अतीत का बचाव करते हुए कहा कि असली 'जंगलराज' को बिहार में अभी है।
सवाल-पहले चरण के मतदान की समाप्ति और दूसरे चरण के लिए होने जा रहे मतदान के बाद आप अपने गठबंधन को कहां पाते हैं?
तेजस्वी यादव- पहले चरण के ही मतदान में जनता ने महागठबंधन के पक्ष में अपना समर्थन दे दिया है। जनता ने एनडीए को पूरी तरह नकार चुकी है। मुझे ऐसी जानकारी मिली है कि ये लोग सत्ता पर काबिज रहने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन ये लोग उसमें सफल नही होंगे। राज्य सरकार के अधिकारियों से अपील है कि वे बिना किसी के दबाव में आए काम करें। वर्तमान राज्य सरकार विदा हो रही है। ऐसे में अधिकारी संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत ही काम करें। उन्होंने कहा कि अभी सीएम आवास से बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के फोन जा रहा है। अधिकारियों को कहा जा रहा है कि महागठबंधन के कार्यकर्ताओं को पुलिस दूसरे चरण के मतदान तक रोक कर रखें। महागठबंधन समर्थित मजबूत बूथों को डिस्टर्ब करें। संबंधित रेंज के अधिकारी बैठक कर रहे है। लेकिन बिहार में बदलाव निश्चित है। इसलिए अधिकारी फोन करने वाले का स्क्रीनशॉट तक हमें भेज रहे हैं।
सवाल- चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आप पर जमकर हमला बोला। उन्हें जंगलराज सहित कई बातों का जिक्र किया। आप क्या कहना चाहेंगे?
तेजस्वी यादव- दो गुजराती किसी भी तरह बिहार पर कब्जा करना चाहते हैं। वे बिहार को अपना उपनिवेश बनाना चाहते है। बिहार की जनता संविधान विरोधी कार्य करने वाले सत्ताधारी नेताओं को कड़ा सबक सिखाने के लिए एक पैर पर खड़ी है। गणतंत्र की जननी बिहार में इनकी वोट चोरी हरगिज नहीं चलेगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता हर प्रकार से इनकी वोट चोरी और लोकतंत्र की डकैती रोकने के लिए तैयार है। पीएम मोदी जंगलराज की बात करते हैं, लेकिन मोकामा में क्या हुआ? यह उन्हें नहीं दिखता है। एनसीआरबी का आंकड़ा अगर पीएम मोदी खुद देख लें तो पता लगेगा कि बिहार हिंसा में टॉप-2 राज्यों में है। कानून-व्यवस्था यहां बद से बदतर है। अपराध के मामले में टॉप-5 राज्यों में भाजपा की सरकार है। अपराध के मामले में पहले नंबर पर यूपी है और फिर बिहार है। ऐसा कोई दिन बिहार में नहीं जाता जहां, 200 राउंड गोलियां न चलती हों। दुकानों में, अस्पतालों में घुसकर गोलियां मारी जा रही हैं। लोगों के घरों के बाहर फायरिंग हो रही है। ये जंगल राज नहीं है? मासूम बच्चियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है, ये जंगल राज नहीं है?" पीएम मोदी कुछ भी कहें, तेजस्वी यादव का एकमात्र ध्यान बिहार में बेरोजगारी से लड़ने में लगा है। हमारा युवा आगे बढ़े, इसपर हमारा ध्यान है।
सवाल-पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका है। गठबंधन के प्रदर्शन के बारे में आपका क्या अनुमान है?
तेजस्वी यादव- पहले चरण के मतदान में महागठबंधन को समाज के हर वर्ग से वोट मिला है। पहला चरण महागठबंधन सरकार के लिए एक ठोस आधार बना चुका है। यह तो बस शुरुआत है और यह गति दूसरे चरण में भी बनी रहेगी। मंगलवार को जनता बता देगी कि किसे वह अपना रहनुमा मानती है। 18 नवंबर को नवंबर को महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उस दिन मैं मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा। ऐसा जनादेश जनता देने जा रही है। हर घर को नौकरी-रोजगार का जो मैंने वादा किया है, वह तेजस्वी हर हाल में पूरा करेगा।
सवाल- आपके बडे भाई तेजप्रताप ने आपके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां तक कि आपके खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया, चुनाव प्रचार में भी आपके खिलाफ जमकर बोल रहे हैं? आप लोगों ने उन्हें पार्टी और घर से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया। आप क्या कहना चाहेंगे?
तेजस्वी यादव- हर व्यक्ति को अपनी राय और चुनाव लड़ने का अधिकार है। लोकतंत्र में विविधता ही ताकत है। पार्टी परिवार से बड़ी होती है। और परिवार में कोई मतभेद नहीं है। राजनीति कोई पारिवारिक व्यवसाय नहीं है। यह लोगों की सेवा करने का एक माध्यम है। जहां तक मेरे खिलाफ चुनाव प्रचार और बयानबाजी का मामला है, वह किसी का मोहरा बन गए हैं। वैसे दल में साथ रहने के दौरान भी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया कर उन्हें उन्हें हराने का काम करते थे। लेकिन पार्टी से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने अपना दल बनाकर वह चुनाव मैदान में है। जहां तक उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने का तो यह फैसला हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी ने निर्णय लिया है। उन्हें ऐसा लगा होगा कि उनकी गतिविधि ठीक नहीं है तो उन्हें ऐसा कठोर कदम उठाना पड़ा।
सवाल- आपके शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी सवाल उठाए जाते रहे हैं। आप क्या कहना चाहेंगे?
तेजस्वी यादव- मैंने क्रिकेट के लिए पढ़ाई छोड़ी, लेकिन राजनीति में आने के बाद निरंतर सीखता रहा। काम और नीयत ही असली योग्यता है। डिग्री नहीं, समझ और काम जरूरी होता है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वो नेता नहीं, कंसल्टेंट हैं। जनता के बीच कभी नहीं रहे। असली राजनीति जमीनी जुड़ाव से बनती है। वह किसके इशारे पर चुनाव मैदान में जनता भी जानती है। वह भाजपा के बी टीम की तरह काम कर रहे हैं। चुनाव परिणाम आने दिजिए। सब पता चल जायेगा कि कौन कितना पानी में है।
सवाल- आपकी पार्टी पर वंशवाद का भी आरोप लगता रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगभग हर चुनावी सभा में इसकी जिक्र कर कहते हैं कि लालू जी हट गए तो अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। फिर बेटा भी राजनीति में आ गया, बेटी को भी राजनीति में ले आए। आप क्या कहना चाहेंगे?
तेजस्वी यादव- एनडीए के नेता राजद पर वंशवाद की पार्टी होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन उनके नेताओं को देखिए। भाजपा में सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्रा, श्रेयसी सिंह, नीरज बबलू, संजीव चौरसिया से लेकर नितिन नवीन और कई अन्य, वंशवाद ऊपर से शुरू होता है। मैं यह दिखाना चाहता हूं कि राजद वंशवाद की नहीं, बल्कि लोकतंत्र और विकास की पार्टी है। हमारे पास दूरदर्शिता और काम करने की इच्छा शक्ति है। मैंने यह फैसला हर कार्यकर्ता को यह एहसास दिलाने के लिए लिया कि अवसर सभी के लिए हैं, सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं। अगर किसी में योग्यता है तो उसे राजनीति में आना चाहिए। स्व. रामविलास पासवान जी के पुत्र चिराग पासवान को आप देख ही रहे हैं। वह क्या हैं? जहां तक नीतीश कुमार की बात है तो अगर उनका बेटा सक्षम नही है तो दूसरा कोई क्या कर सकता है।
सवाल- आप युवाओं को लेकर कई वादे किए हैं। क्या आपको लगता है कि इस बार युवा मतदाताओं का रुझान आपके प्रति है?
तेजस्वी यादव- बिल्कुल है। युवा इस सरकार को बदलने के लिए इंतजार कर रहे हैं। मैं सोशल मीडिया पर लगातार उनसे संवाद कर रहा हूं। उन्हें पता है कि हमने वादे निभाए हैं। युवा अब अपने अधिकारों के लिए सजग हैं, और वही बदलाव लाएंगे। उन्होंने इस बार बढ़चढ़कर मतदान किया है। वह बदलाव के लिए है। युवा इस बार अपनी करिश्मा दिखा देंगे। चुनाव परिणाम का इंतजार किजिए।
सवाल- बिहार में नीतीश कुमार को 'सुशासन बाबू’ के रूप में जाना जाता है। आप क्या कहेंगे?
तेजस्वी यादव- एनडीए बीस साल से सत्ता में है, फिर भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है। हमारी प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है, बेरोजगारी सबसे ज्यादा है।अगर उन्होंने सच में इतना काम किया होता, तो हालात ऐसे क्यों हैं? अपराध चरम है। इसे कौन सा सुशासन कहेंगे? यह जनता के आंख में धुल झोंकने का जरिया बन गया है। बिहार में सबसे ज्यादा अपराध होने के बावजूद, नीतीश कुमार को 'सुशासन बाबू' का ठप्पा लगा दिया गया है और वे मीडिया की पूछताछ से बच निकलते हैं। हर दिन हत्याएं, लूटपाट और महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। मंत्रियों के काफिले पर हमले होते हैं और विधायकों पर गोलियां चलाई जाती हैं। ये किसका राज है? असली जंगलराज तो अभी चल रहा है। यौन उत्पीड़न से लेकर हत्या तक, भ्रष्टाचार से लेकर भर्ती घोटालों तक, हर तरह के अपराधी बिहार में पनाह पाते हैं। ये सिर्फ़ जंगलराज नहीं है, ये भाजपा-जदयू के राज में भ्रष्टाचार का भी राज है। ये असली डबल इंजन है। पेपर लीक, जमीन घोटाले, शराब माफिया, सब कुछ इनके राज में खुलेआम फल-फूल रहा है। जब ये जवाब नहीं दे पाते, तो जाति का कार्ड खेलते हैं। ये अपने 20 साल के शासन की बात नहीं करते और हमेशा पुराने जमाने के लोगों को अपने साथ ले जाने की कोशिश करते हैं।
सवाल- कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आपने वोट अधिकार यात्रा निकालकर चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया। दावा किया कि चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है। ऐसा आधार क्या था?
तेजस्वी यादव- बिहार में मतदाता सूची से योजनाबद्ध तरीके से नाम हटाए गए हैं, ताकि विपक्ष को नुकसान पहुंचे। बीच चुनाव में वोट प्रभावित करने के लिए सरकार महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये डाल रही है। हमने चुनाव आयोग से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा इन्हीं महिलाओं को चुनाव ड्यूटी पर लगा दिया गया। केंद्रीय मंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि 'जो हमारे लिए वोट नहीं देता, उसे वोट देने ही मत दो।' आयोग की भूमिका संदिग्ध है। पर जनता सब समझती है, खासकर युवा, वे हर चाल का जवाब देंगे। हमलोगों ने जनता को सब बातें बता दी है और मैं समझता हूं कि जनता भी इनके इरादों को भांप गई है और उन्होंने बढ़ चढ़कर वोट दिया है। यह वोट बदलाव के लिए है।
सवाल- इस बार प्रथम चरण के मतदान के दौरान महिला मतदाताओं ने काफी ज्यादा वोट किया है। क्या आपने 30,000 रुपये देने की घोषणा की थी उसके कारण अथवा नीतीश सरकार के द्वारा 10 हजार रुपए दिये जाने के कारण। आप किस रूप में इसे देखते हैं?
तेजस्वी यादव- हम हर महिला को 2,500 रुपये महीना देंगे यानी 30 हजार सालाना। ये एक स्थायी योजना है, चुनावी रिश्वत नहीं। हमारी सरकार बनते ही 14 जनवरी को 30 हजार रुपये महिलाओं को दिए जाएंगे, ताकि वे महंगाई से राहत पा सकें। इसका ही कारण है कि महिलाओं ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बढ़ चढ़कर महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया है।
सवाल- आपने युवाओं से वादा किया है कि हर एक परिवार से एक व्यक्ति को एक सरकारी नौकरी देंगे। क्या यह संभव है अथवा केवल चुनावी घोषणा है?
तेजस्वी यादव- युवाओं को नौकरी देना बिल्कुल संभव है। 2020 में जब मैंने 10 लाख नौकरियों की बात की थी, तब हंसी उड़ाई गई थी। लेकिन जब नीतीश जी हमारे साथ थे, हमने 18 महीनों में दिखाया कि पारदर्शी भर्ती कैसे की जाती है। हमारी तीन-स्तरीय योजना है- सभी रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और अगले 10 साल के लिए रोजगार की मांग के अनुसार योजना तैयार करना। हम सत्ता में आते ही इसकी अधिसूचना जारी कर देंगे। मैं जो वादा करता हूं उसे पूरा करता हूं। समय आने पर पता चल जायेगा। इंतजार किजिए।
दूसरे चरण से ठीक एक दिन पहले तेजस्वी यादव ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि राजद की टीम हर जिले में गई। बिहार इस बार नौकरी वाली सरकार लाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई, सिखाई, रोजगार, स्वास्थ्य की अच्छी व्यवस्था होगी। बिहार इतिहास रचने जा रहा है। बिहार में बदलाव आ रहा है। तेजस्वी यादव ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए वाली सरकार ने बिहार को पीछे छोड़ा है।
उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हुआ और आज 10 नवंबर 4 दिन बाद भी आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं कि कितने पुरुष और कितनी महिलाओं ने मतदान किया। कोई भी आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है। पहले भी मैन्युअली उसी दिन आंकड़ा सामने आता था और तकनीक का जमाना है फिर भी आंकड़ा क्यों छुपाया जा रहा है? 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान है और 14 नवंबर को परिणाम आएंगे लेकिन 14 तक पता ही नहीं चलेगा कि किस अनुपात में मतदान हुआ है। तेजस्वी यादव ने कहा कि ये गंभीर सवाल खड़ा हुआ है बंगाल झारखंड और तमिलनाडु से क्यों नहीं आया है? मेघालय और त्रिपुरा से आ रहा है, लेकिन बगल के राज्य से नहीं आ रहा है केरला से क्यों नहीं आ रहा है?
उन्होंने कहा कि 243 विधानसभा में 68 प्रतिशत ऑब्जर्वर बाहर से आए हैं। बावजूद इसके मतदान के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए। तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा पाप करती है और चुनाव आयोग पर्दा डालती है। स्ट्रांग रूम का सीसीटीवी बंद हो जा रहा है, इसपर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुल 208 कंपनियां भाजपा शासित राज्यों से सुरक्षाबल बुलाया गया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से कई सवाल है सरायरंजन मे वीवीपैट की पर्ची मिली है। सत्ता के लोग डरे हुए है गृहमंत्री को कोई काम नहीं है पटना में डेरा जमाए हैं। बड़े अधिकारी को बुलाया है कहा कहा डिस्टर्ब करना है लगातार फोन जा रहा है अधिकारी को निर्देश दिया जा रहा है।
बौखलाहट बता रहा है की ये जाने वाले है सूचना उन्हीं अधिकारी से मिली है जिनको फोन गया है। चार दिन हो गया है कितने पुरुष महिला ने वोट किया है पता नहीं चला है। तेजस्वी यादव ने कहा कि 14 नवंबर के बाद बिहार देश का नंबर वन राज्य बन जाएगा, जिसमें फूड-बेस्ड यूनिट्स, शिक्षा, दवा, रोज़गार और सिंचाई के लिए सही सिस्टम, सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, एजुकेशनल सिटी और आईटी हब होंगे। किसी भी बिहारी को दूसरे शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।