Bihar Election 2025: एनडीए और महागठबंधन के करीब 73 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति

By एस पी सिन्हा | Updated: October 25, 2025 14:02 IST2025-10-25T14:02:46+5:302025-10-25T14:02:51+5:30

Bihar Election 2025: ऐसे में हमारी पार्टी उम्मीदवार की हैसियत नहीं बल्कि कर्मठता देखती है। जबकि राजद धनबल और जोर वाले नेताओं को टिकट देती है।

Bihar Election 2025 73 percent of the NDA and india Alliance candidates are millionaires | Bihar Election 2025: एनडीए और महागठबंधन के करीब 73 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति

Bihar Election 2025: एनडीए और महागठबंधन के करीब 73 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति

Bihar Election 2025: बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में इस बार गरीब जनता का करोड़पति नेता नुमाइंदगी करने को बेताब दिख रहे हैं। दरअसल, गरीब उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में करोड़ों की संपत्ति वाले प्रत्याशी चुनावी मैदान पर हावी हैं। चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के मुताबिक एनडीए और महागठबंधन के करीब 73 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति हैं। एनडीए के 92 और महागठबंधन के 86 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में करोड़ों की संपत्ति घोषित की है।

अगर हम इनमें 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले उम्मीदवारों की बात करें, तो महागठबंधन में सबसे अधिक ऐसे 28 उम्मीदवार हैं, जबकि एनडीए में ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 22 हैं। 

इनमें सबसे अधिक राजद में 10 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले उम्मीदवार हैं। यानी राजद के 141 उम्मीदवारों में 15 प्रतिशत प्रत्याशियों की संपत्ति 10 करोड़ से अधिक है। एनडीए में 10 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले उम्मीदवार सबसे अधिक भाजपा में नौ हैं, जबकि जदयू में ऐसे उम्मीदवारों की सात हैं। भाजपा के उम्मीदवारों में सबसे अमीर पटना जिले की बिक्रम सीट से लड़ रहे सिद्धार्थ सौरभ हैं, जिनकी संपत्ति 42.87 करोड़ रुपये है। वह लगातार दो बार बिक्रम सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत रहे हैं।

पिछले साल वह भाजपा में आए। भाजपा के दूसरे सबसे अमीर प्रत्याशी मुंगेर के कुमार प्रणय हैं, जिनकी संपत्ति 17.78 करोड़ है। वहीं, जदयू में सबसे अमीर उम्मीदवार बरबीघा के डॉ कुमार पुष्पंजय हैं, जिनकी संपत्ति 71.57 करोड़ हैं। दूसरे नंबर पर बेलागंज से लड़ रहीं मनोरमा देवी हैं।

वह 45.87 करोड़ संपत्ति की मालकिन हैं। लोजपा के 29 प्रत्याशियों में चार की संपत्ति 10 करोड़ से अधिक है। यानी लोजपा में ऐसे उम्मीदवारों का प्रतिशत 14 है और इस लिहाज से वह राजद के बराबर है। लोजपा में ओबरा के प्रत्याशी प्रकाश चंद्रा सबसे अमीर हैं, जिनकी संपत्ति 31.22 करोड़ है। वहीं, हम के छह प्रत्याशियों में एकमात्र अतरी से उम्मीदवार रोमित कुमार हैं, जिनकी संपत्ति 18.42 करोड़ है।

वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमा में 10 करोड़ से अधिक संपत्ति वाला कोई उम्मीदवार नहीं है। रालोमो के सबसे अमीर उम्मीदवार उजियारपुर के लड़ रहे प्रशांत कुमार है, जिनकी संपत्ति 9.33 करोड़ हैं। राजद के सबसे अमीर प्रत्याशियों में हाजीपुर के देव कुमार चौरसिया (67 करोड़), नरपतगंज के दीपक यादव (42 करोड़) व बड़हरिया के उम्मीदवार अरुण गुप्ता (40.9 करोड़) हैं। वहीं, महागठबंधन के दूसरे बड़े घटक दल कांग्रेस के 10 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या तीन है। इनमें सुपौल के प्रत्याशी मिन्नतुला रहमान सबसे ऊपर है, जिनकी संपत्ति 37.19 करोड़ है। वीआईपी व आइआइपी के ऐसे एक-एक उम्मीदवार हैं, जबकि वामदलों में ऐसा एक भी प्रत्याशी है। 

वहीं, दूसरी ओर गरीब प्रत्याशियों की हालत बेहद कठिन है। भाकपा-माले के प्रत्याशी वृंदावन आरसी की कुल संपत्ति सिर्फ 37,000 रुपये बताई गई है। इसी तरह राजद के एक उम्मीदवार के पास मात्र 55,000 रुपये की संपत्ति है। सियासत के जानकारों का मानना है कि यह आंकड़ा बिहार की सियासत में आर्थिक असमानता का संकेत है-जहां एक ओर करोड़ों में खेलने वाले प्रत्याशी हैं, वहीं दूसरी ओर वे उम्मीदवार भी हैं जिनके पास प्रचार के लिए पर्याप्त संसाधन तक नहीं है। चुनाव आयोग के हलफनामे से यह भी पता चला है कि कई उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, लेकिन संपत्ति के मामले में सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवारों में प्रतिस्पर्धा दिखाई दे रही है।

चुनाव आयोग के हलफनामों ने न सिर्फ संपत्ति बल्कि आपराधिक मामलों का भी खुलासा किया है। कई प्रत्याशियों पर मुकदमे दर्ज हैं,फिर भी सभी प्रमुख दलों ने उन्हें टिकट दिया है। वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि हमारी पार्टी पैसा देखकर किसी को टिकट नहीं देती है। बल्कि उसपर पार्टी भरोसा जताती है जो जनता के हित में लगातार मैदान में रहता है।

ऐसे में हमारी पार्टी उम्मीदवार की हैसियत नहीं बल्कि कर्मठता देखती है। जबकि राजद धनबल और जोर वाले नेताओं को टिकट देती है। यह सर्वविदित है। उधर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए में पैसे वालों की पूछ है। जबकि हमारे दल से एक ऐसे भी व्यक्ति को टिकट दिया गया है। जिनके पास लाख की भी संपत्ति नही है। यही कारण है कि राजद जनता की पार्टी है, जबकि भाजपा कॉर्पोरेट कल्चर वाली पार्टी है।

Web Title: Bihar Election 2025 73 percent of the NDA and india Alliance candidates are millionaires

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