बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने फिर से उठाया रामचरितमानस पर सवाल, कहा-दर्जनों दोहों पर अभी उठाएंगे सवाल
By एस पी सिन्हा | Published: February 28, 2023 03:33 PM2023-02-28T15:33:37+5:302023-02-28T15:33:37+5:30
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि अभी तो कुछ ही दोहों पर सवाल खड़ा किया है, जबकि दर्जनों ऐसे दोहे हैं, जिन पर आने वाले समय में सवाल खड़ा करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं कोई नई बातें नहीं कह रहा हूं।
पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर अपने दिए गए बयान को विधानसभा परिसर में एकबार फिर से दोहराया और कहा कि मुझे मनुवंश से सीखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के कुछ दोहे कचरा हैं, जिन्हें हटाया जाना चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तो कुछ ही दोहों पर सवाल खड़ा किया है, जबकि दर्जनों ऐसे दोहे हैं, जिन पर आने वाले समय में सवाल खड़ा करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं कोई नई बातें नहीं कह रहा हूं। इस सवाल को पहले भी कई महापुरुषों ने उठाया है। मैंने तो सिर्फ एक दोहा को इंगित किया है, जबकि रामचरितमानस में इस तरह के कई दोहे हैं जिस पर सवाल उठना लाजमी है।
बजट सत्र के दौरान सदन से बाहर निकलने पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस का श्लोक पढ़ते हुए कहा कि अभी एक श्लोक पढ़े हैं, अभी तो दर्जनों ऐसे श्लोक रामचरितमानस में लिखे गए हैं। उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर दलितों को अपमानित करना बंद होना चाहिए। रामचरितमानस में कही गई आपत्तिजनक बातों का अमृत कैसे समझ लें? देश को जो लोग चला रहे हैं, उनके सामने सवाल उठाया है। इसे बदलवाना मेरे बस में नहीं है। लेकिन रामचरितमानस में जो कचरा है, उसे हटाना जरूरी है। हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि रामचरितमानस में बहुत सी अच्छी बातें भी हैं, लेकिन जो कूड़ा-कचरा है उसे हटाना चाहिए।
मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि मैं वही बात बोल रहा हूं जो रामचरितमानस में लिखा हुआ है। एक समय था जब शूद्र वर्ग के लोग पढ़े-लिखे नहीं होते थे। इसलिए उनको कई मामले में प्रतिबंधित किया जाता था। लेकिन अब समय बदल गया है। शुद्र समाज के लोग भी अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत पढ़ रहे हैं। इसलिए अब पहले की मानसिकता को बदलना चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है तो भाजपा रामचरितमानस का मुद्दा सदन के अंदर उठाए। मैंने जो सत्य कह दिया है, उसपर किसी को सवाल उठाने का हैसियत नहीं है। जो लोग ज्ञान बांट रहे हैं, उनको चुनौती है।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कुमार विश्वास का नाम लिए बिना कहा कि चैरिटी शो के जरिए ज्ञान को बेचने वाले लोग आने वाले तो थे, किया हुआ। उल्लेखनीय है कि रामचरितमानस पर प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान का भाजपा पहले से ही विरोध कर रही है और हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिक्षा मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुकी है।