बिहार में शराबबंदीः गांव में जारी है देसी शराब की बिक्री, बेखौफ अपराधियों का तांडव, सरकार और पुलिस परेशान

By एस पी सिन्हा | Updated: December 29, 2020 18:30 IST2020-12-29T18:28:58+5:302020-12-29T18:30:31+5:30

5 अप्रैल 2016 को नीतीश सरकार के निर्णय के बाद से बिहार के शहरी और देहाती इलाके में सभी तरह के शराबों की बिक्री पर पाबंदी लग गई है.

bihar dry state complete liquor ban complicated decision cm nitish kumar police patna crime | बिहार में शराबबंदीः गांव में जारी है देसी शराब की बिक्री, बेखौफ अपराधियों का तांडव, सरकार और पुलिस परेशान

थाना प्रभारी शराब की बिक्री और निर्माण पर अंकुश लगाने के बजाये शराबबंदी के नाम पर भयादोहन के धंधे में संलिप्त बताये जा रहे हैं. (file photo)

Highlightsबिहार की तेजतर्रार पुलिस अब अपराधियों को खोजने की बजाए शराब खोजने में जुटी हुई है.बिहार की राजधानी पटना से लेकर पूरा राज्य अपराधियों के भय से त्राहिमाम कर रहा है. शराबबंदी कानून के नाम पर केवल खानापूर्ति के सिवाय कुछ नहीं हो रहा है.

पटनाः बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को धत्ता बताते हुए बेखौफ अपराधियों का तांडव बदस्तूर जारी है. अपराधियों के दुस्साहस से आम लोग भय के साये में जी रहे हैं.

हालात ये है कि पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने के बदले शराबबंदी के नाम पर अब लोगों का भयादोहन के धंधे में मशगूल दिखती है. बिहार की तेजतर्रार पुलिस अब अपराधियों को खोजने की बजाए शराब खोजने में जुटी हुई है. पुलिस शराब की कुछ बोतलें बरामद कर अपने आप को तुर्रमखां साबित करने में जुटी है. बावजूद इसके गांवों खुलेआम शराब का निर्माण और बिक्री जारी है.

बिहार की राजधानी पटना से लेकर पूरा बिहार अपराधियों के भय से त्राहिमाम कर रहा है. अब तो बिहार के लोगों को लगने लगा है कि पुलिस पर मुखिया नीतीश कुमार के फरमान का भी कोई असर नहीं हो रहा. हालात ये है कि शराबबंदी कानून के नाम पर केवल खानापूर्ति के सिवाय कुछ नहीं हो रहा है.

भोजपुर जिले के केवल नारायणपुर थाने की बात करें तो यहां के कई गांवों में थाने से महज कुछ गज की दूरी पर स्थित सहयोगी टोला, बरुणा मुसहर टोली, चिरौली, डिलियां आदि दर्जनों गांवों में खुलेआम शराब का निर्माण और बिक्री की जा रही है.

नारायणपुर के थाना प्रभारी निकुंज भूषण के जानकारी में यह धंधा फलफूल रहा है

जानकारों की मानें तो नारायणपुर के थाना प्रभारी निकुंज भूषण के जानकारी में यह धंधा फलफूल रहा है. लेकिन थाना प्रभारी शराब की बिक्री और निर्माण पर अंकुश लगाने के बजाये शराबबंदी के नाम पर भयादोहन के धंधे में संलिप्त बताये जा रहे हैं.

इसकी बानगी सोमवार दिनांक 28 दिसंबर को सामने आया, जब कुंडवा टोला निवासी राम विजय सिंह मोटरसाइकिल से जब घर जा रहे थे तो उनके सामने अचानक एक साईकिल सवार व्यक्ति सामने आ गया. ऐसे में उसके अचानक सामने आ जाने से दोनों सड़क पर गिर गये.

इसी दौरान उधर से गुजर रहे थाना प्रभारी निकुंज भूषण दोनों को उठाकर थाना पर ले आये और मोटरसाइकिल सवार राम विजय सिंह पर शराब के नशे में होने का दबाव बनाकर पैसों की मांग कर भयादोहन करने लगे. इस संबंध में राम विजय सिंह ने बताया कि थाने में उनसे पांच बार ब्रेथ एनालाइजर मशीन पर फूंक मरवाया गया, लेकिन जब कुछ सामने नही आया तो उन्हें अगिआंव स्थित पीएचसी पर ले जाया गया. लेकिन वहां भी जांच में अल्कोहल निगेटिव आया. 

साइकिल सवार ने किसी प्रकार की शिकायत उनके खिलाफ नहीं की थी

राम विजय सिंह ने बताया कि इसके बाद भी उन्हें थाने पर लाकर बैठाये रखा गया. बावजूद इसके कि साइकिल सवार ने किसी प्रकार की शिकायत उनके खिलाफ नहीं की थी. इसके बाद उन्हें छोडने के नाम पर उनके बेटे से पांच हजार रुपये की राशि ले ली गई. जबकि उनके खिलाफ किसी तरह का मामला नही बन रहा था.

वह खुद भी घायल थे और उनके कंधे में काफी चोट आई थी और वह दर्द से कराह रहे थे. जब वह दर्द से कराह रहे थे तो थाना प्रभारी निकुंज भूषण उनके साथ गाली-गलौज करते हुए दुर्व्यहार कर रहे थे. उनके द्वारा पांच हजार रूपये लेने के बाद ही उन्हें घर जाने दिया गया. यह महज कुछ उदाहरण मात्र है.

जानकारों की मानें तो थाना का यह धंधा बन गया है कि शराबबंदी के नाम पर लोगों से भयादोहन किया जाता है. ऐसी कहानी केवल नारायणपुर थाने की नही है बल्कि बिहार के अधिकतर थाने में शराबबंदी के नाम पर अवैध वसूली अभियान पूरे जोर(तेजी) पर है.

अपराधों की लगातार घटनाओं को लेकर राज्य सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर

इधर, हाल के दिनों में हत्या, डकैती, अपहरण और अन्य अपराधों की लगातार घटनाओं को लेकर राज्य सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है. सोमवार से लेकर मंगलवार अब तक पूरे बिहार में क्राइम से कोहराम मचा है. पटना के खगौल में बेखौफ अपराधियों ने घर में घुसकर दानापुर रेल मंडल के लोको पायलट को गोलियों से भून दिया.

सीने और सिर में तीन गोलियां लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई. अपराधियों ने उनके बेटे को भी गोली मार दी। कमर में गोली लगने से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं, अररिया के फारबिसगंज में बडे व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

जनता मेडिकल हॉल के मालिक पवन केडिया की गोली मारकर हत्या कर दी

सोमवार की रात लगभग आठ बजे अज्ञात अपराधियों ने शहर के चर्चित दवा व्यवसायी जनता मेडिकल हॉल के मालिक पवन केडिया की गोली मारकर हत्या कर दी. वे अपनी दवा दुकान से भाई ललित केडिया के साथ स्कूटी पर बैठकर स्टेट बैंक के समीप स्थित अपना घर जा रहे थे. इसी बीच बैंक के समीप स्थित गली में अज्ञात अपराधियों ने उन्हें दो गोली मारी.

एक गोली उनके बायें कंधे से नीचे व दूसरी गोली बायीं जांघ पर लगी. गोली मारने के बाद अपराधी वहां से भाग गए. लोगों ने खून से लथपथ दवा व्यवसायी को अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया. जहां इलाज के क्रम में चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद डीएसपी व थानाध्यक्ष को स्थानीय लोगों व व्यवसायियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

इसके अलावे मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, समस्तीपुर, जमुई, कैमूर समेत कई अन्य जिलों में अपराध की कई बडी वारदात हुई है. ऐसे में बिहार के लोग जहां अपराधियों के खौफ से सहम गए हैं, वहीं पुलिसकर्मी केवल शराबबंदी के नाम पर धंधे में संलिप्त देखे जा रहे हैं. इसतरह से बिहार में अब लगने लगा है कि कानून का राज खत्म हो गया है और पुलिस केवल शराबबंदी के नाम पर अपना कारोबार करने में जुटी हुई है.

Web Title: bihar dry state complete liquor ban complicated decision cm nitish kumar police patna crime

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे