बिहार: चौकीदार को उठक-बैठक कराने वाले अधिकारी को किया गया निलंबित, कृषि मंत्री ने कहा-सबका सम्मान हमारी नैतिक जिम्मेदारी
By एस पी सिन्हा | Updated: April 28, 2020 18:58 IST2020-04-28T18:35:14+5:302020-04-28T18:58:32+5:30
चौकीदार से उठक बैठक कराने के मामले में एक पुलिस अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया था. लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का सरकार ने तबादला कर दिया था. वहीं, कार्रवाई नहीं होने पर बिहार दफादार चौकीदार पंचायत ने एलान किया था कि कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर अविलंब कार्रवाई नहीं हुई तो 5 मई से हड़ताल पर चले जाएंगे.

ररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने अपनी रौब दिखाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक चौकीदार को सड़क पर बेइज्जत किया था.
पटना: बिहार के अररिया जिले में लॉकडाउन में चौकीदार से उठक-बैठक कराने वाले तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया है. कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के आदेश पर पूरे मामले की जांच चल रही थी. इसके बाद आज कृषि विभाग ने आरोपी जिला कृषि पदाधिकारी को निलंबित कर दिया है. इस मामले में मनोज कुमार को बचाने के सभी प्रयास असफल साबित हुए हैं और उन्हें सरकार ने निलंबित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है.
यहां बता दें कि चार दिन पहले मामले का खुलासा होने के बाद सरकार ने अररिया डीएम-एसपी से जांच कराई थी. जांच के बाद जिला कृषि पदाधिकारी के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था. साथ हीं कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने उन्हें अररिया डीएओ से हटाकर पटना वापस बुला लिया था. कृषि मंत्री ने बताया कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को एक पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी की वीडियो प्राप्त हुई थी, जिसपर संज्ञान लेकर मैंने तुरन्त शोकॉज नोटिस, और जांच का आदेश दिया था ताकि जांच कार्य प्रभावित न हो इसके लिए उनकों वहां से हटा दिया गया था. हमलोग जांच रिर्पोट का इन्तजार कर रहें थे. जांच रिर्पोट आते ही तुरन्त अररिया के तत्कालिन जिला कृषि पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वारियर्स का सम्मान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इस संक्रमण के काल में जिस तरह अपने परिवार और अपने जान की परवाह किये बिना निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे प्रत्येक कर्मी चाहे वह छोटे पद पर हो या बड़े पद पर हो सबका सम्मान हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है और हमारा धर्म भी है. ऐसे योद्धाओं के साथ गलत आचरण करने वाले किसी भी शक्स को बक्सा नहीं जायेगा चाहे वह कितने भी बड़े पद पर हो.
यहां उल्लेखनीय है कि चौकीदार से उठक बैठक कराने के मामले में एक पुलिस अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया था. लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का सरकार ने तबादला कर दिया था. वहीं, कार्रवाई नहीं होने पर बिहार दफादार चौकीदार पंचायत ने एलान किया था कि कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर अविलंब कार्रवाई नहीं हुई तो 5 मई से हड़ताल पर चले जाएंगे. पंचायत के सचिव डॉ संत सिंह ने कहा था कि सरकार दोषी कृषि पदाधिकारी पर तुरंत कार्रवाई करे. उधर बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने भी मनोज कुमार पर कार्रवाई नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा था कि सरकार की तरफ से सजा को लेकर अपनाया जा रहा दोहरा मापदंड ठीक नहीं.
यहां बता दें कि यह विवाद अररिया जिले के कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से जुड़ा हुआ है. अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने अपनी रौब दिखाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक चौकीदार को सड़क पर बेइज्जत किया था. चौकीदार का कसूर केवल इतना था कि उसने लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी की गाड़ी रोक डाली थी. वह यह जानकारी लेना चाह रहा था कि गाड़ी किसकी है और उसका पास है या नही. लेकिन इतनी सी बात पर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार भड़क गए थे और उन्होंने चौकीदार की ऐसी की तैसी कर दी थी.