बिहार: लालू यादव को परोल पर रिहा करने की मांग बढ़ी, बेटे तेजस्वी यादव ने 'कोविड-19 खतरे' को लेकर जताई चिंता
By एस पी सिन्हा | Published: April 28, 2020 03:54 PM2020-04-28T15:54:19+5:302020-04-28T15:54:19+5:30
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष व लालू के छोटे लाल तेजस्वी यादव ने अपने पिता को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे पिताजी आदरणीय लालू प्रसाद जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने और उन्हें क्वारांटाइन करने संबंधित खबरों के बारे में जानना वास्तव में तनावपूर्ण और चिंताजनक है.
पटना: कोरोना के जारी कहर के बीच रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अब पैरोल पर रिहा किये जाने को लेकर दबाव बढ़ाया जाने लगा है. राजद ने कोरोनो वायरस के खतरे को देखते हुए लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर जेल से रिहा करने की मांग की है. राजद का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के जीवन को संकट में डालने का यह जानबूझ कर किया गया प्रयास है. उनके पहले की स्थिति को देखते हुए उनके स्वास्थ्य को खतरा है. कम-से-कम सरकार उन्हें पैरोल पर रिहा कर सकती थी.
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष व लालू के छोटे लाल तेजस्वी यादव ने अपने पिता को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे पिताजी आदरणीय लालू प्रसाद जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने और उन्हें क्वारांटाइन करने संबंधित खबरों के बारे में जानना वास्तव में तनावपूर्ण और चिंताजनक है. तेजस्वी ने कहा है कि मैं अपने 16 करोड झारखंड और बिहारवासियों की चिंताओं में खुद को सम्मिलित करते हुए इस तथ्य को सोचकर चिंतित हूं कि वो 72 वर्ष की उम्र में किडनी, हॉर्ट, शुगर जैसी अनेक क्रॉनिक बीमारियों से जूझते हुए कोरोना जैसी संक्रमित महामारी के लिए सबसे अधिक असुरक्षित हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के दौर में मेरे पिता लालू प्रसाद को अत्यधिक सुरक्षा और सावधानी चाहिए.
तेजस्वी ने कहा है कि जिस किसी के पास परिवार होता है वही ऐसे दर्द और तनाव को समझ सकता है जिससे हम गुजर रहे हैं. वहीं, राजद ने भी ट्वीटकर लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर रिहा करने की मांग की है. उसने कहा है कि यह समझ नहीं आता कि किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए अधिकारियों को क्यों रोका जा रहा है.
यहां बता दें कि रांची के रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में एक वृद्ध साधु कोरोना संक्रमित पाया गया. लालू प्रसाद यादव का इलाज करनेवाले डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में 12 मरीज इलाजरत हैं. सोमवार को कोरोना संदिग्ध व्यक्ति के मिलने के बाद यूनिट के 18 लोगों का सैंपल लिया गया है. इनमें सीनियर और जूनियर डॉक्टर सहित पारा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं. वहीं, वार्ड के मरीजों का सैंपल नहीं लिया गया है. कोरोना संक्रमित वृद्ध करीब तीन हफ्ते से वार्ड में भर्ती था. वृद्ध द्वारा खाना नहीं खाने पर डॉक्टर ने मनोचिकित्सालय की राय लेना उचित समझा. मनोचिकित्सक ने देखने के बाद वृद्ध को सीआइपी में भर्ती कराने की सलाह दी. इसके बाद वहां संपर्क किये जाने पर यूनिट इंचार्ज ने कोरोना जांच कराने की सलाह दी. साथ ही कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज को भर्ती किया जायेगा. इसके बाद संदिग्ध साधु की जांच कराई गई. जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रिम्स के विभिन्न वार्डों में करीब 500 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. ऐसे में मरीजों के परिजन खौफ में हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर और नर्स हर जगह ड्यूटी करते हैं. हर वार्ड में उनका आना-जाना होता है. इसलिए कौन-कौन संक्रमित होगा? इसकी जांच होनी चाहिए. डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में सेवा देनेवाले जूनियर डॉक्टर अपने वार्ड के अलावा सहयोगी जूनियर डॉक्टरों के साथ मिलते हैं. ऐसे में वह भी खौफ में हैं. वहीं, यूनिट की नर्स मेट्रान ऑफिस और अन्य सहकर्मी नर्स से भी मिलती है.
वहीं, रिम्स में उनका इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू प्रसाद ने टहलना बंद कर दिया है. उनका डायट पहले से कम हो गया है. करोना के बढते संकट को देखते हुए उनको एहतियात बरतने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि हम भी उनके पास सावधानी से जाते हैं और उनका हालचाल पूछते हैं. समस्या होने पर उनका इलाज भी किया जाता है. सेवादार को भी कमरे से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव पिछले एक महीने से लॉकडाउन के कारण अपने कमरे में हैं. अपने घर के लोगों व कार्यकर्ताओं से भी उनकी मुलाकात बंद है. इसबीच रिम्स के निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि इलाज कर रहे डॉक्टर अगर पॉजिटिव आते हैं, तो लालू प्रसाद यादव की भी कोरोना जांच करायी जायेगी. अगर लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डॉक्टर चाहेंगे कि उनकी भी जांच करा ली जाये, तो लालू प्रसाद यादव के सैंपल लेने का भी आदेश दे दिया जायेगा.
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू यादव चारा घोटाला के कई मामलों में सजा काट रहे हैं. रांची की विशेष सीबीआई अदालत चारा घोटाले में दुमका कोषागार से 3.13 करोड रुपये की अवैध निकासी के मामले में अदालत ने अलग-अलग सात-सात साल की सजा सुना चुकी है. इसके अलावे कोर्ट लालू यादव को चाईबासा से 37.37 करोड रुपये की निकासी के मामले में 5 साल की सजा, देवघर से 84.53 लाख रुपये निकासी के मामले में साढ़े तीन साल की सजा, चाईबासा के एक और मामले में 33.67 करोड रुपये की अवैध निकासी के मामले में पांच साल की सजा सुना चुका है.