कोरोना कहर पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर कसा तंज, बोले-अफसर नहीं उठाते फोन, जदयू ने कहा- ट्विटर बबुआ
By एस पी सिन्हा | Updated: April 27, 2021 21:58 IST2021-04-27T18:22:45+5:302021-04-27T21:58:23+5:30
तेजस्वी ने कहा कि इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया. एक इंसान होने के नाते चाहकर गुहार लगा रहे. मदद मांग रहे. तड़प रहे सभी जरूरतमंदों की मदद नहीं कर पा रहा.

तेजस्वी यादव ने आज एक इमोशनल ट्वीट करते हुए लिखा है कि अधिकारियों को फोन लगवाओ तो फोन बजता रह जाता है.
पटनाः बिहार में जारी कोरोना के कहर के बीच विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलाबर रुख अख्तियार किए हुए है.
राजय में लॉकडाउन के समर्थन के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज एक इमोशनल ट्वीट करते हुए लिखा है कि अधिकारियों को फोन लगवाओ तो फोन बजता रह जाता है. कोई उठाता नहीं है. अधिकारी या तो मुख्यमंत्री की भी सुन नहीं रहे या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को व्यवस्था दुरुस्त करने में कोई रुचि ही नहीं?
उन्होंने कहा है कि कोई ऐसी डेडीकेटेड हेल्पलाइन नहीं है, जहां लोग फोन कर रीयल टाइम बेड, ऑक्सीजन या दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ले पाएं. तेजस्वी ने कहा कि इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया. एक इंसान होने के नाते चाहकर गुहार लगा रहे. मदद मांग रहे. तड़प रहे सभी जरूरतमंदों की मदद नहीं कर पा रहा.
अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है- "कुछ नहीं कर सकते सर! बेड नहीं है. इंजेक्शन नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है. कैसे मदद करें?” यहां बता दें कि इसके पहले नेता प्रतिपक्ष बिहार के लोगों के लिए खुला खत भी लिख चुके हैं. खत में वह बिहार के लोगों से हिम्मत और हौसला रखने की अपील कर चुके हैं.
हमने सर्वदलीय बैठक में सरकार को इस महामारी से निपटने के लिए 30 सकारात्मक सुझाव दिए थे पर एक पर भी अहंकारी सरकार ने अमल नहीं किया।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 27, 2021
नीतीश सरकार की आम लोगों की तकलीफ दूर करने की कोई मंशा ही नहीं है। सरकार बस विज्ञापन देकर और आँकड़ों को कम कर धूल झोंकने के फ़िराक में है।
उन्होंने कहा था कि संकट की इस घड़ी में सही फैसले से ही हम खुद को सुरक्षित रख पाएंगे. संक्रमित होने के बाद उपचार कराने से बेहतर है, हम संक्रमित ना होने के उपायों पर ध्यान दें. सहयोग, सक्रियता, साहस, सतर्कता और जागरूकता के साथ इस खतरे का सामना करना है.
वहीं, तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि वह उम्मीद करते हैं कि नेता प्रतिपक्ष यानी ट्विटर बबुआ जहां भी होंगे, कुशल से होंगे. उनका सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि ट्विटर बबुआ से यह अपेक्षा है कि वह कोरोना से राजनीति को नहीं जोड़ें. राजनीति के लिए तो उन्हें बहुत वक्त मिलेगा. अभी वक्त है अदृश्य दुश्मन से लड़ने का.
इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया। एक इंसान होने के नाते चाहकर भी गुहार लगा रहे, मदद माँग रहे, तड़प रहे सभी ज़रूरतमंदो की मदद नहीं कर पा रहा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 27, 2021
अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है- "कुछ नहीं कर सकते सर! बेड नहीं है। इंजेक्शन नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है। कैसे मदद करें?”
उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि बिहार में किसी भी आंकडे को सरकार छुपाती नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौबीस घंटे लोगों को बचाने में लगे रहते हैं. खुद से वह सभी चीजों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक लोगों को मुहैया कराए जाने को रात-दिन मेहनत कर रहे हैं.
ट्विटर बबुआ की बुरी आदत यह है कि उन्हें अगर कोई यह कहे कि कौवा कान लेकर चला गया तो अपना कान छोड वह कौवे के पीछे भागने लगते हैं. संजय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष यानी ट्विटर बबुआ जब जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं तो उन्हें झूठी अफवाह नहीं फैलानी चाहिए. महामारी के इस दौर में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता.
आपदा में अफवाह फैलाना तो पूर्णत: असंवैधानिक भी है. उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि कोरोना जैसी आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है. इसलिए वह बेवजह बयानबाजी करते हैं. कुछ भी बोलने से पहले बिहार आकर सच्चाई तो जान लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ट्विटर बबुआ को यह मालूम होना चाहिए कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से निरंतर बडे़ फैसले ले रही है. ऑक्सीजन की उपलब्धता का मामला हो या फिर रेमडेसिविर की किल्लत को कम करने का विषय. इन सभी मसलों पर सरकार के स्तर पर निरंतर काम हो रहा है. इस महीने की आखिर तक 40 हजार रेमडेसिविर वॉयल की आपूर्ति का कोटा तय हुआ है.