बिहार: कोरोना बरपाने लगा कहर, जनता दरबार में आधा दर्जन संक्रमित मिले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गले में खराश
By एस पी सिन्हा | Published: January 3, 2022 03:22 PM2022-01-03T15:22:28+5:302022-01-03T15:26:04+5:30
राज्य में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आकड़े पर पर जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब यह पूछा कि क्या बिहार में लॉकडाउन लगेगा? तब उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमंण के बढ़ते मामले की समीक्षा करने के बाद ही लॉकडाउन पर फैसला लिया जाएगा.
पटना:बिहार में कोरोना की तीसरी लहर जबर्दस्त तरीके से फैलता जा रहा है. इसमें डॉक्टर से लेकर पुलिसकर्मी तक संक्रमित हो गए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर आये लोगों में से आधा दर्जन फरियादी संक्रमित पाए गए हैं. इसको लेकर हड़कंप मच गया है.
जनता दरबार में कोरोना की खबर फैलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी कुर्सी से खड़े हो गये और खड़े-खड़े ही फरियादियों की शिकायत सुनने लगे.
दरअसल, मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आने वाले फरियादियों की कोरोना जांच कराई जाती है. इसी दौरान आज 6 फरियादियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई फरियादियों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद जनता दरबार कार्यक्रम हुआ की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं.
मांझी की जनता दरबार स्थगित करने की मांग
वहीं, अब इसको लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी एक ट्वीट कर जनता दरबार स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि जनता दरबार कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित रखा जाए, राज्यहित में यह कारगर फैसला होगा.
फिलहाल लॉकडाउन नहीं लगेगा
इधर, राज्य में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आकड़े पर पर जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब यह पूछा कि क्या बिहार में लॉकडाउन लगेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके बारे हम कल बैठक करके निर्णय लेंगे. कोरोना संक्रमंण के बढ़ते मामले की समीक्षा करने के बाद ही लॉकडाउन पर फैसला लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन बेहद जरूरी है. इधर, केस बढ़े हैं. अभी लंबा लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता, लेकिन 5 से 7 दिन सख्ती करके संक्रमण को रोकने की कोशिश की जाएगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गले में खराश
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गले में भी खराश की बात भी सामने आई है. जनता दरबार के दौरान मुख्यमंत्री बार-बार गले में खराश की शिकायत कर रहे थे और उन्होंने अपने कर्मचारियों से गर्म पानी पिलाने के लिए भी कहा. मुख्यमंत्री खुद यह कहते नजर आए की गर्म पानी पिलाईये गले में दिक्कत है. पानी पीने के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत चाय भी मंगाई.
24 घंटे के अंदर राज्य में 352 लोगों में कोरोना की पुष्टि
उधर, पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. बीते कुछ दिनों में लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण फिर राज्य में मई-जून जितने केस मिलने लगे हैं.
जून के बाद बीते 24 घंटे के अंदर राज्य में 352 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है. बीते 10 दिनों से जिस हिसाब से कोरोना बढ़ रहा है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले 10 से 15 दिनों में पटना में प्रतिदिन एक हजार मरीज मिल सकते हैं. आंकड़ों के अनुसार ,पटना में बीते 10 दिनों में कोरोना ने 20 गुना से अधिक की रफ्तार पकड़ी है.
दूसरे राज्यों और विदेश से लौटकर आने वाले यात्रियों से बढ़ा खतरा
बता दें कि कोविड के नियमों में लापरवाही से राजधानी में कोरोना तेजी से फैल रहा है. सबसे ज्यादा मुसीबत दूसरे राज्यों और विदेश से लौटकर आने वाले यात्रियों की वजह से बढ़ रही है.
पटना के 56 मुहल्लों से 142 नये मामले सामने आये हैं. इनमें 16 ऐसे यात्री थे, जो बाहर से पटना आये थे. नये संक्रमितों में 83 पुरुष व 59 महिलाएं शामिल हैं. इनमें नौ बच्चे व किशोर हैं. उस समय हड़कंप मच गया, जब जांच के बाद बड़ी संख्या में डॉक्टर पॉजिटिव पाये गये.
एनएमसीएच के 96 डॉक्टर अब तक संक्रमित
रविवार को मेडिकल के छात्र, जूनियर व सीनियर डॉक्टर व रेसिडेंट सहित 194 लोगों की आरटी-पीसीआर जांच कराई गई, जिनमें 84 डॉक्टर संक्रमित पाये गये. शनिवार को 12 डॉक्टर संक्रमित पाये गये थे. इस तरह इस एनएमसीएच के 96 डॉक्टर अब तक संक्रमित हो चुके हैं. इनमे से पांच डॉक्टरों को भर्ती किया गया है.
संक्रमितों में एनएमसीएच के 84 जूनियर व एमबीबीएस डॉक्टर, एम्स पटना के पांच डॉक्टर व 10 स्वास्थ्यकर्मी, पीएमसीएच के चार डॉक्टर, दो स्वास्थ्यकर्मी, आईजीआईसी में तीन डॉक्टर, दो स्वास्थ्यकर्मी समेत पांच संक्रमित शामिल हैं.
आईजीआईसी के निदेशक डॉ. सुनील कुमार, उनके पुत्र व एक अन्य चिकित्सक पॉजिटिव पाए गए हैं. जीजीएस अस्पताल सिटी के हेल्थ मैनेजर भी संक्रमित मिले हैं.
27 गुना से अधिक रफ्तार से बढ़ रहे मामले
स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार 24 दिसंबर को पटना में मात्र सात कोरोना के मरीज मिले थे. वहीं दो जनवरी को यह आंकडा 142 पहुंच गया. पूरे बिहार में यह रफ्तार 27 गुना से अधिक है.
राज्य में 24 दिसंबर को मात्र 13 मरीज मिले थे. वहीं दो जनवरी को 352 नये मरीज मिले हैं. राज्य में यह रफ्तार 27 गुना से अधिक है.
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि अधिकांश मरीज विदेश या फिर दूसरे राज्यों की यात्रा से लौटने के बाद संक्रमित पाये गये हैं. 40 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं, जिनकी हिस्ट्री ली गई तो पता चला कि कोई दिल्ली, मुंबई व कोलकाता से संक्रमित होकर लौटा है.
कुछ ऐसे भी मरीज हैं जो अमेरिका, इंग्लैंड, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर आदि देश से दिल्ली व मुंबई के रास्ते पटना आये हैं.
12 छोड़ सभी एक्टिव मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में हो रहा है. 24 घंटे में 16 ऐसे मरीज मिले हैं जो यात्रा कर लौटे हैं.
रोकथाम व नियंत्रित किये जाने के मामले पर हाईकोर्ट सख्त
इस बीच, पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी के नए वैरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोकथाम व नियंत्रित किये जाने के मामले पर सुनवाई की.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा है कि कोरोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार ने बताया कि अगली सुनवाई में राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों के संबंध में पूरा ब्यौरा बुकलेट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.