आप ही हमेशा कृषि मंत्री बने रहेंगे क्या?, मंत्री विजय सिन्हा-अशोक चौधरी में टकराव, आपस में भिड़े नीतीश मंत्रिमंडल के 2 साथी

By एस पी सिन्हा | Updated: August 26, 2025 16:21 IST2025-08-26T16:20:09+5:302025-08-26T16:21:47+5:30

अशोक चौधरी ने व्यंग्य बाण छोड़ा  “आप ही हमेशा कृषि मंत्री बने रहेंगे क्या?” जवाब में विजय सिन्हा ने भी पलटवार कर दिया और देखते ही देखते ‘मंत्रिमंडल कक्ष’ ‘राजनीतिक कुश्ती मैदान’ में बदल गया।

bihar Conflict ministers Vijay Sinha Ashok Choudhary surfaced again 2 Nitish cabinet colleagues clashed building college agricultural farm land | आप ही हमेशा कृषि मंत्री बने रहेंगे क्या?, मंत्री विजय सिन्हा-अशोक चौधरी में टकराव, आपस में भिड़े नीतीश मंत्रिमंडल के 2 साथी

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Highlightsनीतीश कुमार बार-बार कहते आए हैं कि “जितनी जमीन दोगे, उतनी देंगे।बदले में कृषि विभाग को दूसरी जमीन नहीं मिलेगी, हस्तांतरण नामुमकिन है। पास खड़े एक वरिष्ठ मंत्री ने बीच-बचाव कर माहौल संभाल लिया।

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक खत्म होते ही उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा और ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी आमने-सामने आ गए। मामला था ‘कृषि फार्म की जमीन’ का। दरअसल, जदयू कोटे से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान अपने विधानसभा क्षेत्र चैनपुर में कॉलेज बनवाने के लिए जमीन तलाश रहे हैं। ऐसे में उनकी नजर कृषि विभाग की जमीन पर पड़ी। उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को आदेश देने का दबाव बना दिया। इस बीच अशोक चौधरी ने कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा से कहा कि कॉलेज के लिए कृषि फार्म की जमीन ट्रांसफर कर दीजिए। लेकिन विजय सिन्हा ने वहीं जवाब दोहराया, जो नीतीश कुमार बार-बार कहते आए हैं कि “जितनी जमीन दोगे, उतनी देंगे।

जब तक बदले में कृषि विभाग को दूसरी जमीन नहीं मिलेगी, हस्तांतरण नामुमकिन है।” इसके बाद अशोक चौधरी ने व्यंग्य बाण छोड़ा  “आप ही हमेशा कृषि मंत्री बने रहेंगे क्या?” जवाब में विजय सिन्हा ने भी पलटवार कर दिया और देखते ही देखते ‘मंत्रिमंडल कक्ष’ ‘राजनीतिक कुश्ती मैदान’ में बदल गया।

मामला जब ज्यादा गर्माने लगा तो पास खड़े एक वरिष्ठ मंत्री ने बीच-बचाव कर माहौल संभाल लिया। हालांकि यह पहला मौका नहीं जब एनडीए के भीतर के नेता आपस में भिड़े हों। इसके पहले भी एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान विजय कुमार सिन्हा ने मंत्री अशोक चौधरी को जमकर खरी खोटी सुनाई थी।

उस वक्त मामला था ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाने का। ऐसे में एनडीए के भीतर ही टकराव की स्थिति देखा जाने लगा है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार मंत्रियों को अनुशासन और सामूहिक जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन उन्हीं की आंखों के सामने उनकी टीम आपस में टकरा जा रही है।

ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब न विपक्ष है और न चुनावी समीकरण, बल्कि खुद उनकी ही ‘मंत्रिपरिषद टीम’ है जो आपस में ही एक-दूसरे से ‘कट्टर विरोधी’ बन बैठे हैं। राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं कहीं न कहीं नीतीश सरकार की ‘साख’ पर भी सवाल खड़े करती हैं। सवाल यह उठाया जाने लगा है कि जब मंत्री ही जमीन को लेकर भिड़ जाएंगे तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?

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