बिहारः केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से सीएम नीतीश ने छिन लिया बंगला, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को आवंटित किया गया, जानें
By एस पी सिन्हा | Published: June 20, 2022 03:08 PM2022-06-20T15:08:42+5:302022-06-20T15:09:46+5:30
जदयू के विधान पार्षद संजय गांधी के नाम आवंटित इस बंगले में आरसीपी सिंह लगभग 12 साल से रह रहे थे. आरसीपी के सहयोगी ने बताया कि बीती रात लगभग 12 बजे उनके बंगले को जबरन खाली कराया गया.
पटनाः केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को राज्यसभा जाने से वंचित होने के बाद भी परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर जहां एक-एक कर उनके समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नीतीश सरकार ने पटना में आरसीपी सिंह के संजय गांधी वाले बंगला को भी छीन लिया.
रविवार देर रात इस बंगले को जबरन खाली करा दिया गया. यह बंगला अब बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को आवंटित किया गया है. बता दें कि जदयू के विधान पार्षद संजय गांधी के नाम आवंटित इस बंगले में आरसीपी सिंह लगभग 12 साल से रह रहे थे. आरसीपी के सहयोगी ने बताया कि बीती रात लगभग 12 बजे उनके बंगले को जबरन खाली कराया गया.
पिछले दिनों जदयू ने आरसीपी सिंह का राज्यसभा टिकट भी काट दिया था. उनकी जगह पार्टी ने खीरू महतो को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया और वे निर्विरोध निर्वाचित हो गए. राज्यसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ सकता है. हालांकि, अभी वह अधिकतम 6 महीने तक केंद्रीय मंत्री रह सकते हैं.
आरसीपी सिंह के बंगले के खाली किये जाने की खबर सियासी गलियारे व मीडिया में तेजी से फैली. लोग तरह-तरह की चर्चा करते दिखे. पार्टी के अंदर गुटबाजी की भी बातें सामने आईं. इसबीच, यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि आरसीपी सिंह पर को बंगले से बेदखल कर दिया गया, जबकि अन्य दो नेताओं पर यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
बताया जा रहा है कि जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ-साथ वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं. राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह पटना के हार्डिंग रोड स्थित सरकारी बंगले में रहते हैं. वह बंगला भी जदयू के एक विधान पार्षद के नाम पर आवंटित है. वशिष्ठ नारायण सिंह लंबे समय से उसी बंगले में रह रहे हैं.
वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वस्त माने जाते हैं. इसके साथ ही वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा न तो विधायक हैं और न हीं विधान पार्षद. फिर भी सरकारी बंगले में रहते हैं. बताया जाता है कि उमेश कुशवाहा जिस बंगले में रह रहे हैं, वह बंगला जदयू के विधान पार्षद ललन सर्राफ के नाम पर आवंटित है. उमेश कुशवाहा स्टैंड रोड स्थित 7-एम नंबर के बंगले में रहते हैं.
ऐसे में आरसीपी सिंह को बंगले से बेदखल किये जाने के बाद सवाल उठने लगा है. आरसीपी सिंह गुटे के नेता भी कह रहे हैं कि हमारे नेता को प्रताड़ित किया जा रहा है. अगर आरसीपी सिंह को हटाया गया दो अन्य दो नेताओं को क्यों नहीं हटाया जा रहा? क्या वही एकमात्र बंगला था को कि मुख्य सचिव को आवंतित किया जा सकता था?
फिर मुख्यमंत्री के नाते नीतीश कुमार तीन-तीन बंगलों में कैसे रह रहे हैं? पहले से एक, अणे मार्ग, मुख्यमंत्री के लिए कर्णांकित था, नीतीश कुमार ने दो, अणे मार्ग, वाले बंगले को भी उसमे मिला लिया. इससे भी मन नही भरा तो 7, सर्कुलर रोड बंगले को भी मुख्यमंत्री आवास के हिस्से में अधिसूचित करवा दिया गया. क्या यही न्याय है? हालांकि इस सवाल पर जदयू नेता इस मामले में चुप्पी साध ले रहे हैं.