दहेज एक सामाजिक बुराई और इसे खत्म करना हम सबकी जिम्मेदारी, सीएम नीतीश ने लोगों से पूछा कि क्या लड़का-लड़का से बच्चा पैदा होगा?
By एस पी सिन्हा | Published: February 23, 2022 06:26 PM2022-02-23T18:26:51+5:302022-02-23T18:27:55+5:30
बिहार में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान स्थगित कर दिया गया था.
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन दिनों समाज सुधार यात्रा पर हैं. इस दौरान जमुई में दहेज प्रथा एवं बाल-विवाह के अलावे नशा मुक्ति के लिए लोगों को जागरूक किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि बताइए लड़का-लड़का में शादी हो सकती है क्या? क्या लड़का-लड़का से बच्चा पैदा होगा?
बिना लड़की के बच्चा पैदा नहीं हो सकता. फिर भी लड़की से दहेज लेते हो. उन्होंने कहा कि यह प्रथा बंद होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने लोगों से अंर्तजातीय विवाह को भी बढ़ावा देने की अपील की. इस दौरान मंच पर शादी का जोड़ा पहने दूल्हा-दुल्हन पहुंच गये, जिन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर बिना दहेज वाली शादी की है. इस बात का संदेश देने वह शादी के जोडे़ में ही मंच पर पहुंच गये.
मुख्यमंत्री ने इन जोड़ों को आशीर्वाद भी दिया और एक लाख रुपये का चेक भी दिया. बबीता पासवान और राहुल कुमार मांझी ने बताया कि उन्होंने परिवार वालों के खिलाफ जा कर दहेज मुक्त विवाह किया है. पहले तो लड़के की मां ने इसका बहुत विरोध किया और और बबीता को स्वीकार नहीं किया. पर बाद में वह भी मान गई.
नीतीश कुमार ने कहा कि दहेज एक सामाजिक बुराई है और इसे खत्म करना सबकी जिम्मेदारी है. एक महीने से अधिक के अंतराल के बाद अपने सामाजिक सुधार अभियान की शुरुआत करते हुए कुमार ने कहा, “दहेज प्रथा आज के समाज में सबसे खराब प्रथाओं में से एक है. इसे खत्म करना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसे रोकने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए, तभी समाज में सुधार हो सकता है.”
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें यह जानकर अच्छा लगा कि लड़की पासवान जाति की है और लड़का मांझी जाति का. हमलोग अंर्तजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को पुरस्कार देते हैं. इस जोड़े को आज ही एक लाख रुपये का पुरस्कार देने को कहा है. उन्होंने कहा कि समाज सुधार निरंतर चले हम यही चाहते हैं.
वहीं नशा मुक्ति पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत पर सफाई देते हुए कहा कि जहरीली शराब पीने से पहले भी लोग मरते थे. हाल के दिनों में जब जहरीली शराब से मौत हुई तो कुछ लोगों ने कहा कि शराबबंदी कानून की वजह से लोग जहरीली शराब का सेवन कर रहे. कुछ लोग इस पर सवाल खड़े करने लगे.
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में शराबबंदी कानून लागू नही है, उन राज्यों में तो बिहार से भी ज्यादा लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में जब शराबबंदी कानून लागू किया था तो सभी कमिश्नरी में गए थे, लोगों को जागरूक किया था. इस बार 12 जगहों पर कार्यक्रम किया जा रहा है.
हमलोग हमेशा से शराब के खिलाफ थे. कुछ लोग गड़बड़ होते ही है वो गड़बड़ करेगा ही. लेकिन 10 फीसदी से नीचे के लोग महा गड़बड़ करता है. कुछ बडे़-बडे़ लोग हैं, उसमें कुछ लिखने वाले लोग हैं वो अपने आप को काबिल समझते हैं. कुछ लोग हमसे बडे़ नाराज हैं. पर हमसे क्यों नाराज हैं? शराब से कितना नुकसान है? फिर भी हमसे नाराज हैं.