बीजेपी के जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को सीएम नीतीश कुमार ने ठुकराया, कहा- सिर्फ कानून बना देने से कुछ नहीं होने वाला
By एस पी सिन्हा | Published: June 6, 2022 07:20 PM2022-06-06T19:20:00+5:302022-06-06T19:20:00+5:30
जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की कोई जरूरत नहीं है। सिर्फ कानून बना देने से कुछ नहीं होने वाला।
पटना: भाजपा के जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी चीज का सिर्फ कानून और नियम बना देने से हल नहीं निकलता। ऐसा काम होना चाहिए कि लोगों का स्वभाव ही उस तरह का बन जाए। जनसंख्या नियंत्रण को भी ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने लड़कियों की उच्च शिक्षा पर विशेष जोर दिया है, जिसके अच्छे परिणाम आए हैं। आने वाले पांच-छह सालों में बिहार का प्रजनन दर दो पर आने की उम्मीद है।
जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की कोई जरूरत नहीं है। सिर्फ कानून बना देने से कुछ नहीं होने वाला। चीन तो इसका उदाहरण है। पहले एक संतान का नियम बनाया। फिर दो किया और अब तीन करने वाला है।
उन्होंने अपने चीन दौरा की चर्चा करते हुए कहा कि वे एक सप्ताह के लिए वहां गए तो इन सब बातों का ही अनुभव किया। जिसके पास एक संतान था, वह परिवार का ध्यान ही नहीं रखता था। जो स्थानीय व्यक्ति उनके साथ, उसकी बातें सुनकर लगता था कि परिवार का ख्याल ही नहीं रहा। जरूरत है कि स्वभाव में इसको शामिल किया जाए। लड़कियां पढ़-लिख लेंगी तो स्वत: बदलाव हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का अपना-अपना विचार हो सकता है। लेकिन इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि इतना गरीब राज्य होने के बावजूद हमने प्रजनन दर 4.3 से तीन पर पहुंचा दिया। पांच-सात सालों में इसे दो पर ले आएंगे। फिर किसी कानून की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। लड़कियां शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर में खुद-ब-खुद कमी आएगी। इसलिए कानून का कोई फायदा नहीं है। फायदा इसी में है कि सबको सहमत करिए। जागरूक करिए।
वहीं, जातीय जनगणना के मामले पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में यह एक मिसाल बनने वाला है। इतना ही नहीं नीतीश ने यूपीए सरकार की तरफ से कराई गई जनगणना पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने साल 2010-11 में कराई गई जनगणना को लेकर सवाल खड़े किए हैं। जो जनगणना कराई गई, उसका ना तो कोई प्रारूप सामने आया और कई तरह की उसमें खामियां भी रहीं।
उन्होंने कहा कि बिहार के जो लोग बाहर में रहते हैं, उनकी भी गणना की जाएगी। उनके बारे में भी पूरी जानकारी ली जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर में एक परिवार के सभी सदस्यों के द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है और तत्काल संबंधित अधिकारियों को विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है।
इस दौरान नीतीश कुमार से जब यह पूछा गया कि जीतन राम मांझी एनडीए में घुटन महसूस करने की बात कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हे ऐसा नहीं लगता कि कोई घुटन वाली बात है, जीतन राम मांझी एनडीए के पार्ट हैं।