शरजील इमाम की गिरफ्तारी पर बोले CM नीतीश कुमार, कहा- ऐसा कुछ नहीं करें जो राष्ट्र के हित में न हो, कोर्ट फैसला करेगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 28, 2020 03:49 PM2020-01-28T15:49:51+5:302020-01-28T15:49:51+5:30
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 'भड़काऊ' भाषण देने के आरोप में ये मामला दर्ज किया गया था।
जवाहरलाल विश्वविद्यालय (JNU) छात्र शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस ने बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी को भी कुछ ऐसा नहीं करना चाहिए जो राष्ट्र के हित में न हो। उन्होंने कहा कि शरजील इमाम के मामले में अब कोर्ट तय करेगी। बता दें कि इमाम पर पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 'भड़काऊ' भाषण देने के आरोप में ये मामला दर्ज किया गया था। शोध छात्र शरजील इमाम के खिलाफ कई राज्यों में गिरफ्तारी के लिये मुंबई, पटना और दिल्ली में छापेमारी की जा रही थी। बिहार निवासी इमाम की तलाश में अपराध शाखा के पांच दल लगाए गए थे।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar on JNU student Sharjeel Imam arrested in Jahanabad (Bihar) by Delhi Police: Nobody should do anything that is not in the interest of the nation. The accusations & the arrest, court will decide on the matter. https://t.co/niLq6ouavIpic.twitter.com/9k42VIR32V
— ANI (@ANI) January 28, 2020
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास अध्ययन केंद्र के पीएचडी छात्र इमाम को जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर ने भी तलब किया था। उन्होंने इमाम से तीन फरवरी तक प्रॉक्टोरियल समिति के समक्ष पेश होकर कथित भड़काऊ भाषण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
शाहीन बाग प्रदर्शन के शुरुआती आयोजकों में से एक इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा रविवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए, 153 ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा उसके खिलाफ 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दिए गए एक भाषण को लेकर शनिवार को राजद्रोह का मामला दर्ज किया।
असम पुलिस ने भी शरजील के भाषणों को लेकर उसके खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत एक मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शरजील इमाम के बिहार स्थित पैतृक आवास पर छापेमारी की लेकिन वह नहीं मिला था। आईआईटी- मुंबई से स्नातक करने के बाद इमाम जेएनयू के इतिहास अध्ययन केंद्र से शोध करने के लिए दिल्ली आ गया। भाषण में उसे यह कहते हुए सुना गया कि असम और पूर्वोत्तर को भारत से 'काटना' है।