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पता नहीं किसकी भाषा बोल रहे हैं उपेन्द्र कुशवाहा, सीएम नीतीश ने कहा-बताइए उस आदमी को हम कितना बड़ा सम्मान दिया है? एमएलए और सांसद बनाया, तीसरी बार आया तो...

By एस पी सिन्हा | Updated: February 6, 2023 17:49 IST

जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने रविवार को पत्र जारी कर जदयू नेताओं की बैठक बुलाने की बात कही थी। ललन सिंह ने कड़े शब्दों में चिट्ठी का जवाब दिया था।

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ठळक मुद्देजदयू का शीर्ष नेतृत्व भी कुशवाहा को लेकर अपना स्टैंड साफ कर दिया है।उपेंद्र कुशवाहा पता नहीं किसकी भाषा बोल रहे हैं। केंद्र में सरकार बनी तो हमने तीन-चार मंत्री पद की मांग की।

पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ जदयू में जारी अंतर्कलह अब विस्फोटक रूप धारण करने लगा है। जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा अब आर-पार के मूड में आ गये हैं। उनके द्वारा जदयू नेताओं की अलगसे बुलाई गई बैठक के पार्टी में घमासान की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जदयू का शीर्ष नेतृत्व भी कुशवाहा को लेकर अपना स्टैंड साफ कर दिया है।

कुशवाहा ने रविवार को पत्र जारी कर जदयू नेताओं की बैठक बुलाने की बात कही थी। जिसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कड़े शब्दों में कुशवाहा की चिट्ठी का जवाब दिया था। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पता नहीं किसकी भाषा बोल रहे हैं। 

उपेन्द्र कुशवाहा पर तिलमिलाये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बांका में कहा कि उनको जहां जाना है चले जाएं, निर्णय उन्हीं को लेना है। उन्होंने कहा कि उसका दिल्ली के अखबारों में खबर छप रही है। उन्होंने कहा कि एक बात हम कह देते हैं, इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। आप पूछ रहे हैं, तब आज हमको कहना पड़ेगा।

बताईए उस आदमी को हम कितना बड़ा सम्मान दिया है? एमएलए बना दिए, अपनी तरफ से पार्टी का नेता बना दिए। इसके बाद फिर भाग गया। फिर आ गया, एक बार फिर उसको राज्यसभा बना दिए। फिर भाग गया, फिर तीसरा बार आ गया। तीसरी बार आया तो कहा कि हर हालत में रहेंगे। आजकल क्या बोल रहे हैं? जानते हैं ना, कोई भी आदमी कुछ बोलता है।

सब लोगों ने उन्हें खूब आदर दिया। हम खुद कुशवाहा को इज्जत देते रहें लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि वे ऐसी भाषा बोलने लगे। नीतीश कुमार ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि जब किसी का प्रचार हो रहा हो तो समझ जाइए कि कहां से प्रचार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सवेरे जब निकलते हैं तो 45-50 मिनट अखबार देखते है।

पहले हम एक डेढ़ घंटा अखबार देखते रहे हैं। लेकिन यात्रा की वजह से कम देख रहे हैं। आज देखे हैं दिल्ली का न्यूज, क्या मतलब है इन सब चीजों का। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 में जिसके साथ गठबंधन में आए उसने हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाया। 2019 में जब चुनाव लड़ना था तब तक तो सब ठीक ही था। लेकिन केंद्र में सरकार बनी तो हमने तीन-चार मंत्री पद की मांग की।

लेकिन एक ही मंत्री पद देने की बात कही जा रही थी, तब हमने इनकार कर दिया था। उसके बाद जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो उसमें भी हमारे उम्मीदवार के खिलाफ अभियान चलाया गया। लेकिन हमने उन लोगों को सपोर्ट लिया। नीतीश ने कुशवाहा को नसीहत देते हुए कहा कि साथ रहिएगा, काम कीजिएगा तो ठीक है, लेकिन रोज बोलिएगा तो इसका मतलब है कि कहीं और जाने का विचार हो गया है।  

टॅग्स :नीतीश कुमारबिहारउपेंद्र कुशवाहा
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