बिहार बजट 2022: आरसीपी टैक्स को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना, जानिए क्या है आरसीपी कर
By एस पी सिन्हा | Published: March 4, 2022 05:42 PM2022-03-04T17:42:31+5:302022-03-04T17:48:14+5:30
तेजस्वी यादव के अनुसार, आरसीपी टैक्स का मतलब है– रिजर्व कमीशन प्रिवलेज टैक्स। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में आरसीपी टैक्स लिया जाता है।
पटना: बिहार विधानसभा में आज बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि साल दर साल वही घिसा पिटा बजट पेश किया जाता है। इस दौरान उन्होंने मार्च लूट की बात कहते हुए बिहार की तुलना अन्य राज्यों से कर दी। तेजस्वी ने कहा कि सरकार खुद अपनी पीठ थपथपाती है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में आरसीपी टैक्स लिया जाता है।
तेजस्वी ने सदन में कहा कि यूं तो भारत की कर प्रणाली में इस प्रकार के किसी टैक्स का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन यह विशेष किस्म का टैक्स का सिर्फ बिहार में लिया जाता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वे आरसीपी सिंह की बात नहीं कह रहे हैं बल्कि आरसीपी का मतलब है– रिजर्व कमीशन प्रिवलेज टैक्स। सत्ता पक्ष की ओर से तेजस्वी की टिप्पणी पर मामूली नोकझोंक के बाद तेजस्वी फिर से बोलते रहे।
इस दौरान उन्होंने एक शायरी कहा कि ‘यहां तक आते आते सूख जाती हैं कई नदियां, मुझे मालूम है पानी कहां रुका है।’ उन्होंने नीति आयोग और सीएजी की रिपोर्ट दिखा दी। उन्होंने कहा कि बजट हर साल बढ़ रहा है, लेकिन हालात नहीं सुधर रहे हैं। बजट की बात कर रहे सीएजी की रिपोर्ट में अध्याय 5 में पेज 32 पर 19-20 साल का हिसाब दिया गया है, जिसमें लिखा है कि 80 हजार करोड़ खर्च नहीं कर पाए।
कृषि में 41 फीसदी खर्च नहीं, स्वास्थ्य में 31 प्रतिशत खर्च नहीं, अल्पसंख्यक कल्याण में 51 प्रतिशत खर्च नहीं किया गया है। ये बजट जो पेश करते हैं वो खर्च क्यों नहीं कर पाते। बेरोजगारी है इतनी तो खर्च क्यों नहीं कर रहे रोजगार देने में। इस दौरान उन्होंने राबड़ी देवी के शासनकाल की तुलना करते हुए कहा कि उनके शासन काल में विकास दर 32 था अब 34 है।
अब डबल इंजन की सरकार है तब ये हाल है। शिक्षा में केरल सबसे अच्छा बिहार सबसे पीछे, बिहार में सबसे ज्यादा बेरोजगारी, नीति आयोग की रिपोर्ट में सामने आया है कि 52 फीसदी आबादी गरीब है। बिहार के 38 जिलों में आधे से ज्यादा आबादी गरीब है। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय और जल-जीवन-हरियाली की पेचीदा प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय और जल-जीवन-हरियाली के नाम पर एक साथ कई कई विभागों को जोड़ दिया है।
इसका नतीजा है कि किसी भी सवाल का सही जवाब लोगों को नहीं मिल पाता। वे अपनी परेशानी को लेकर एक विभाग से दूसरे विभाग में घूमते रहते हैं। उन्होंने कहा कि 15 साल से डबल इंजन की सरकार है। वहीं मुख्यमंत्री और वही केंद्र में, लेकिन क्या स्थिति है बिहार की? यही लोग विषेश राज्य का दर्जा मांगते हैं, तो कैसा विकास है? क्यों पीठ थपथपा रहे हैं? तेजस्वी ने शायरी बोलते हुए कहा कि तुम्हरी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकडे झूठे हैं। ये दावा किताबी है।
वहीं मंत्री विजेंद्र यादव ने उठकर आपत्ति जताई, और कहा सीएजी सही रिपोर्ट नहीं देती। इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि आप लोग सीएजी पर ही सवाल उठा देते हैं। दरअसल, सच सुनने का ताकत नहीं है आपलोगों में।