बिहार भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहा 'मुन्ना भाई', सर्किट अंदाज में बोले-गेट वेल सून भाई
By एस पी सिन्हा | Updated: October 13, 2022 16:20 IST2022-10-13T16:20:51+5:302022-10-13T16:20:51+5:30
बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने लिखा, "नीतीश जी अब नाराजगी के नहीं बल्कि दया के पात्र हो चुके हैं। मुझे उनपर मुन्ना भाई सिनेमा का डायलॉग ही याद आता है। गेट वेल सून भाई!"

बिहार भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहा 'मुन्ना भाई', सर्किट अंदाज में बोले-गेट वेल सून भाई
पटना:बिहार की सियासत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नही ले रहा है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के गृह मंत्री अमित शाह पर अपना निशाना साध रहे हैं, तो वहीं अब इसके जबाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर बने हुए हैं।
उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा है कि अच्छा है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना कर आश्रम खोलने का निर्णय कर लिया है। वरना जिस तरह की बातें वह कह रहे हैं उससे बिहार का भगवान भी मालिक नहीं रह पाएगा। इसके आगे उन्होंने नीतीश कुमार पर फिल्मी अंदाज में तंज कसते हुए उन्हें मुन्ना भाई करार दिया है।
डॉ. जायसवाल ने लिखा है कि नीतीश जी अब नाराजगी के नहीं बल्कि दया के पात्र हो चुके हैं। मुझे उनपर मुन्ना भाई सिनेमा का डायलॉग ही याद आता है। गेट वेल सून भाई! उल्लेखनीय है कि इससे पहले नीतीश कुमार ने अमित शाह पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्या अमित शाह को मालूम है कि जेपी का आंदोलन क्यों हुआ था? हमने जेपी आंदोलन में अपनी पहचान बनाई थी। मैं उन लोगों को कोई महत्व नहीं देना चाहता, जिनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत ही 20 साल पहले हुई थी।
क्योंकि अभी 170 वर्ष का कोई व्यक्ति बिहार में मौजूद नहीं है।
— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) October 13, 2022
नीतीश जी अब नाराजगी के नहीं बल्कि दया के पात्र हो चुके हैं। मुझे उनपर मुन्ना भाई सिनेमा का डायलॉग ही याद आता है ।
गेट वेल सून भाई !!!!!
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जिसके बाद इसके जवाब में संजय जायसवाल ने लिखा है कि कल बिहार के मुख्यमंत्री माननीय गृह मंत्री जी के इमरजेंसी के समय के योगदान पर चर्चा कर रहे थे। अर्थात 9 वर्ष की उम्र में गृह मंत्री जी क्यों नहीं इमरजेंसी आंदोलन में शामिल थे? ऐसे में अब जल्दी ही वह यह भी कहेंगे कि बिहार में स्वतंत्रता सेनानियों की चर्चा केवल वही करेंगे जो 100 वर्ष के ऊपर हैं और 1857 की लड़ाई के बारे में चर्चा करना बिहार में अपराध माना जाएगा क्योंकि अभी 170 वर्ष का कोई व्यक्ति बिहार में मौजूद नहीं है।