विधायक के सदन से निलंबन से नाराज भाजपा विधायकों ने जताया विरोध, दो दिनों तक सदन की कार्यवाही में भाग नही लेने का किया ऐलान
By एस पी सिन्हा | Published: March 14, 2023 08:11 PM2023-03-14T20:11:56+5:302023-03-14T20:13:53+5:30
भाजपा विधायकों ने दो दिनों तक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने की बात कही। विधायक लखीन्द्र पासवान ने कहा कि सदन में बिहार की सेविका और सहायिका को सम्मान जनक वेतन देने का मांग किया था।
पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के द्वारा भाजपा विधायक लखीन्द्र पासवान को सदन की कार्यवाही से दो दिनों तक के लिए निलंबित किये जाने से नाराज भाजपा विधायकों ने विधानसभा पोर्टिको में धरना पर बैठ गये। भाजपा विधायकों ने इस दौरान जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने दो दिनों तक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने की बात कही। विधायक लखीन्द्र पासवान ने कहा कि सदन में बिहार की सेविका और सहायिका को सम्मान जनक वेतन देने का मांग किया था।
उन्होंने कहा कि बिहार भर में एससी एसटी के छात्रों को स्कॉलरशिप बंद किये जाने को लेकर वे प्रश्न कर रहे थे। हम पर माइक तोड़ने का आरोप लगाया। यदि माइक फूटा तो उसका फूटेज देख ले। माइक तोड़ते हुए कोई विजुअल नहीं है। मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
लखीन्द्र पासवान ने कहा कि बिहार के पासवान समाज के साथ अपमान किया जा रहा है। दलितों के मुद्दा उठाने वाले जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई की जा रही है। माले विधायक सत्ता में हैं, इसलिए उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक तरफा निर्णय लेकर लखेन्द्र पासवान का माथे पर थोपा गया है। बिहार की जनता देख रही है। दो दिनों तक भाजपा के एक भी विधायक सदन में नहीं जाएंगे। दलितों के उत्थान के लिए 200 दिनों के लिए निलंबित किया जाता है कि तो हम स्वीकार करेंगे।
वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या की गई है। सत्ता में बैठे भ्रष्टाचारियों के ईशारे पर आसन्न एक निर्दोष विधायक पर कार्रवाई का खेल खेला। एकतरफा खेल है। इन विधायक को बोलने नहीं दिया तीसरा पूरक में ही रोक दिया। उनके विधायक के द्वारा जिस तरह से अपशब्दों का बौछार हुआ गाली दिया और बेल में आकर जिस तरह से धमकी दे रहे थे पूरा बिहार देखा है।
विजय सिन्हा ने कहा कि पूरे बिहार की जनता और देश देखी है। जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, जिन्होंने विधानसभा के अंदर अपने बूटों से आसन्न को रौंदा था, क्या तमाशा बनाया था। आचार समिति की रिपोर्ट जिसपर कार्रवाई के लिए लिखकर दिया है और उस पर कार्रवाई करने के बजाये वे निर्दोंष विधायक पर कार्रवाई के लिए लिखते है और प्रस्ताव देते हैं यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।