बिहार: बीजेपी के दो नेता लड़ सकते हैं निर्दलीय चुनाव, जेडीयू के खाते में सीट जाने से नाराज हैं समर्थक
By विकास कुमार | Published: March 23, 2019 02:15 PM2019-03-23T14:15:59+5:302019-03-23T14:48:47+5:30
बांका से दिवगंत कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह की पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं. तो वहीं कटिहार से बीजेपी के एमएलसी अशोक अग्रवाल भी पार्टी के खिलाफ जा सकते हैं.
बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के उम्मीदवारों का एलान हो गया है. बांका सीट से जेडीयू के गिरधारी यादव और कटिहार से दुलाल चंद्र गोस्वामी उम्मीदवार बनाये गए हैं.
बांका लोकसभा सीट से बिहार के दिवगंत कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह की पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं. यह सीट इस बार जेडीयू के खाते में जाने से पुतुल कुमारी का पत्ता कट गया है.
लोकमत को सूत्रों से पता चला है कि कटिहार लोकसभा सीट से बीजेपी के एमएलसी अशोक अग्रवाल 26 मार्च को निर्दलीय पर्चा दाखिल कर सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू ने बांका सीट से पुतुल कुमारी की बेटी श्रेयसी सिंह को टिकट ऑफर किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया. श्रेयसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटर हैं और अगले साल होने वाले ओलंपिक्स की तैयारियों में जुटी हैं. उनके करियर की प्राथमिकताओं में खेल अभी भी सबसे ऊपर है.
2014 में बीजेपी की तरफ से पुतुल कुमारी को बांका सीट से उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन मोदी लहर में भी आरजेडी के उम्मीदवार जयप्रकाश यादव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
2010 में दिग्विजय सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी पुतुल कुमारी उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची थी. एक दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पुतुल कुमारी ने कहा था कि अभी वो पार्टी छोड़ने के बारे में नहीं सोच रही है. उनका लक्ष्य इस सीट से चुनाव जीतकर नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है.
पुतुल कुमारी ने बीते दिन एक मीटिंग में कहा, "स्थितियां 2009 के समान ही बन रही हैं. जब दादा (दिग्विजय सिंह) ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था. क्योंकि जेडीयू ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था. बांका के लोगों ने उनकी जीत को सुनिश्चित कर उनका मां रखता था. इस बार भी परिस्थितियां वहीं हैं इसलिए मुझे आपका समर्थन चाहिए इस युद्ध को जीतने के लिए".
कटिहार लोकसभा क्षेत्र भी इस बार जेडीयू के खाते में जाने पर कार्यकर्ताओं में नाराजगी बताई जा रही है. बीजेपी नेता और एमएलसी अशोक अग्रवाल ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि उन पर कार्यकर्ताओं की तरफ से निर्दलीय भी लड़ने का दबाव है. कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए अशोक अग्रवाल ने 19 मार्च को एक बैठक बुलाई थी.