बिहार: डेंगू से महिला सिपाही की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने काटा बवाल, अधिकारियों को पीटा
By एस पी सिन्हा | Updated: November 2, 2018 17:39 IST2018-11-02T17:39:05+5:302018-11-02T17:39:05+5:30
इस दौरान पटना सिविल लाइन थाने में गुस्साए पुलिसकर्मियों ने कमांडेंट मेजर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पहले ऑफिस में तोड़फोड़ की गई, फिर गुस्से में पुलिसकर्मियों ने कमांडेंट का सिर फोड़ दिया।

बिहार: डेंगू से महिला सिपाही की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने काटा बवाल, अधिकारियों को पीटा
बिहार की राजधानी पटना में एक महिला सिपाही की डेंगू से आज सुबह मौत हो जाने के बाद पुलिसकर्मी विद्रोह पर उतर आये। पटना सिविल लाइन थाने में पुलिसकर्मियों के बवाल के बाद दर्जनों राउंड फायरिंग की गई। कहा जा रहा है कि तोड़फोड़ कर रहे पुलिसकर्मियों को काबू में करने के लिए यह फायरिंग की गई है। मौके पर से एसपी और डीएसपी भागना पड़ा।
इस दौरान पटना सिविल लाइन थाने में गुस्साए पुलिसकर्मियों ने कमांडेंट मेजर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पहले ऑफिस में तोड़फोड़ की गई, फिर गुस्से में पुलिसकर्मियों ने कमांडेंट का सिर फोड़ दिया। पुलिककर्मियों को कंट्रोल में करने के लिए तमाम बडे़ अफसर मौके पर पहुंच गए। इसके बाद एसएसपी मनु महाराज समेत तमाम बडे़ अफसर मोर्चा संभाले हुए हैं। वे अंदर घुसने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, गेट बंद कर पुलिसकर्मी अंदर से पत्थरबाजी कर रहे हैं। इस दौरान दर्जनों गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है।
हंगामे के दौरान सार्जेंट मेजर सह डीएसपी मसलाउद्दीन, एसपी सिटी और एसपी ग्रामीण को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। सार्जेंट और डीएसपी की पिटाई के बाद पुलिस लाइन के आसपास के हालात ऐसे रहे कि पटना के एसएसपी मनु महाराज भी पुलिस लाइन में प्रवेश करने की हिम्मत नहीं कर पाए। वहीं, इस मामले में बिहार के डीजीपी ने कहा है कि ट्रेनी पुलिसवालों को किसी ने भड़काया है, जिसके बाद ऐसी घटना है। ये पूरा मामला जांच का विषय है। डीजीपी ने कहा है कि इस पूरे मामले में मैंने अपने अधिकारियों को नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने कहा कि महिला सिपाही की मौत किस कारण से हुई है, ये जांच का विषय है। लेकिन इस घटना के बाद जिस तरह का आक्रोश ट्रेनी पुलिसवालों ने दिखाया है वो गलत है।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस बनने वालों को पहले पुलिसिंग का सेंस समझने की जरूरत है क्योंकि कानून सबके लिए एक समान है। उन्होंने मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की भी बात कही। इससे पहले ट्रेनी सिपाही की मौत से नाराज पुलिसवालों ने पुलिस लाइन में विद्रोह कर दिया और किसी को नहीं छोडा। महिला पुलिसकर्मियों के उबाल को देखते हुए विधि-व्यवस्था के मद्देनजर आनन-फानन में पुलिस मुख्यालय में आपात बैठक बुलाई गई है
हालात ऐसे रहे कि पटना की सडकों पर वर्दी वाले गुडों ने मीडिया कर्मियों को भी दौडा दौडाकर पीटा, साथ ही अपना गुस्सा निकालने के लिए आम जनता को भी निशाना बनाया। साथी की मौत से गुस्साए पुलिसवालों ने सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी और डीएसपी और सार्जेंट समेत पुलिस के कई अधिकारियों को घेर का बुरी तरह पीटा। कई राउंड फायरिंग भी हुई है साथ ही मुहल्ले के लोगों के साथ भी पुलिसवालों ने मारपीट की।
एसएसपी मनु महाराज के मुताबिक स्थिति कंट्रोल में करने की कोशिश की जा रही है। वरीय अधिकारियों के साथ कई थानों के थानाध्यक्ष भी मौके पर मौजूद हैं। पूरा इलाका छावनी में तब्दील दिख रहा है। स्थानीय लोगों को सिविल लाइन के पास जाने से रोका जा रहा है। बताया जा रहा है कि सिविल लाइन के पास डीएसपी समेत कई पुलिस अफसरों को गंभीर चोट आई है। कई थानाध्यक्ष के सिर भी फटे हैं। वहीं, एसएसएपी मनु महाराज ने बताया कि जो भी आरोपी हैं। उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही छुट्टी नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि ये जांच का विषय है। इसके बाद ही कुछ कहा जाएगा। बताया जाता है कि आज सुबह से ही पटना सिविल लाइन थाने में पुलिसकर्मी एकजुट होने लगे। वे तमाम बडे अधिकारियों के विरोध में नारे लगाने लगे। ऑफिस के अंदर तोडफोड करते हुए कमांडेंट को दौडाने लगे। किसी तरह जान बचाकर सार्जेंट मेजर वहां से भाग निकले। इस घटना से आक्रोशित मृतक के सहयोगी पुलिसकर्मियों ने हंगामा करते हुए पुलिस लाइन के कमांडेंट मोहम्मद मसरुद्दीन के आवास का घेराव किया। पुलिसकर्मियों का आरोप है कि महिला सिपाही की तबीयत खराब होने के कारण वो छुट्टी मांगती रही, लेकिन उसे छुट्टी ना मिल सकने के कारण वो अपना इलाज सही से नहीं करा पाई और उसकी मौत हो गई।
वहीं, पुलिसकर्मियों का आरोप है कि उन्हें अफसरों की ओर से प्रताड़ित किया जाता है। छुट्टी मांगने पर नहीं दी जाती है। बीमार होने पर भी जबरन ड्यूटी कराया जाता है। इस मामले में मृतक की एक सहयोगी ने बताया कि 10-12 दिन पहले कारगिल चौक पर उनकी ड्यूटी लगी थी। वो हमारे साथ ड्यूटी कर रही थी। जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। लेकिन छुट्टी लेने जब वो यातायात थाने गई तो उसे वहां सीएल नहीं मिला और महज दिन 3 दिन का ही सिक लीव मिल सका। इतने कम समय में वो अपना सही से इलाज नहीं करा सकी।
जिस कारण उसकी मौत हो गई। मृतका की साथी महिला पुलिसकर्मियों ने पुलिस विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाया है। महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि छुट्टी मांगने पर हमें बेइज्जत किया जाता है। इज्जत की धज्जियां उडाई जाती है। सीनियर्स कहते हैं कि जीते जी तो कभी नहीं मिलेगी छुट्टी। मर जाने के बाद छुटटी मिलने की संभावना जरूर है। हम बीमार होकर मर जाएंगे। लेकिन यहां हमें देखने वाला कोई नहीं है। पुलिस विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा उनलोगों ने कहा कि ढाई महीने से एक भी छुट्टी नहीं मिली कि हम परिवार से मिल सके। उनका कहना है कि हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। छुट्टी की बात करने पर कहते हैं काम करने आई हो या छुट्टी लेने।
हमें बिना बताएं ट्रैफिक पुलिस में डाल दिया गया। विरोध कर रही पुलिसकर्मियों का कहना है कि हमें यहां काम नहीं करना है। पुलिसलाइन में महिला पुलिसकर्मी की मौत के बाद उसकी साथी पुलिस ने रो-रोकर अपनी आपबीती बताई। पुलिसकर्मियों ने बताया कि कैसे उन्हें छुट्टी के लिए परेशान किया जाता था। छुट्टी नहीं मिलने की वजह से ही उसकी पार्टनर की मौत हुई है। मृतका पुलिस की पार्टनर ने ये भी कहा कि पुलिस विभाग बहुत गंदा हो गया है। कोई साथ नहीं देता है। हमलोगों की बात भी नहीं सुनी जाती है। पुलिसकर्मियों का आरोप है कि महिला सिपाही की तबीयत खराब होने के कारण वो छुट्टी मांगती रही, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिली। वो इलाज सही से नहीं करा पाई और उसकी मौत हो गई।
बता दें कि पटना में डेंगू अपना कहर लगातार बरपा रहा है। अब तक नौ लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है। इनमें मासूम, सिपाही, नगर-निगम कर्मचारी, डॉक्टर और प्रशासनिक सेवा में काम करनेवाले अधिकारी भी शामिल हैं। डेंगू की चपेट में आने से ये सभी मौत के मुंह में चले गये। इन सभी नौ लोगों की मौत डेढ माह माह के अंदर हुई है। इनमें अधिकतर की मौत शहर के बडे प्राइवेट अस्पतालों में ही हुई है। ऐसे में लोगों के बीच हडकंप मचा हुआ है। लोग अस्पताल में जांच कराने पहुंच रहे हैं।
20 सितंबर को शहर के पंचवटी नगर के रहने वाले सत्येंद्र कुमार की डेंगू से मौत। सत्येंद्र नगर-निगम में कर्मचारी थे। 13 अक्टूबर को बाइपास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल के डॉ विजय कुमार की डेंगू से मौत हो गई थी। 15 अक्टूबर को गोपालगंज की डीपीओ संगीता कुमारी की पटना के एक निजी अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई थी। 24 अक्टूबर को फुलवारीशरीफ के रहनेवाले अफताब की मौत पटना के एक निजी अस्पताल में डेंगू से हुई थी। 26 अक्टूबर को पटना के माउंट कॉर्मल स्कूल में पढने वाली केजी टू की छात्रा कृति सिंह की डेंगू से मौत हुई थी। 27 अक्टूबर को नौबतपुर की रहने वाली इंदु कुमारी नाम की एक शिक्षिका की डेंगू से मौत हो गई थी।
31 अक्टूबर को सहरसा के एसडीओ सृष्टि राज सिन्हा की मौत शहर के एक बडे अस्पताल में डेंगू से हो गई। 01 नवंबर को फुलवारीशरीफ के बाबूचक गांव में मुजफ्फरपुर में सिपाही के चार वर्षीय इकलौते बेटे की डेंगू से मौत हो गई। वहीं, 02 नवंबर को आज महिला सिपाही की उदयन अस्पताल में इलाज के दौरान डेंगू से मौत हो गई। हालांकि हर बार स्वास्थ्य विभाग हर बार यह कहता है कि यह मौत डेंगू से नही हूई है।