सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर महागठबंधन में खींचतान?, राजद प्रमुख लालू यादव ने बेटे तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए कसी कमर, जनता से संपर्क

By एस पी सिन्हा | Updated: September 12, 2025 14:21 IST2025-09-12T14:20:30+5:302025-09-12T14:21:45+5:30

Bihar Assembly Elections: सियासत के जानकारों की मानें तो लालू यादव अब यह मान चुके हैं कि सीधे हस्तक्षेप के बिना न तो सीटों का समझौता संभव है और न ही महागठबंधन में तेजस्वी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जा सकता है।

Bihar Assembly Elections Tussle Mahagathbandhan seat sharing CM post RJD chief Lalu Yadav gears up  make son Tejaswi CM contacts public | सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर महागठबंधन में खींचतान?, राजद प्रमुख लालू यादव ने बेटे तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए कसी कमर, जनता से संपर्क

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Highlightsलालू की चिंता सिर्फ विरोधियों से नहीं, बल्कि महागठबंधन में सहयोगी कांग्रेस की ‘आनाकानी’ से भी है।राजद को महागठबंधन में ही पीछे धकेला जा सकता है।लालू यादव ने अपनी रणनीति को दोतरफा कर दिया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के अंदर जारी खींचतान और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने से कांग्रेस के इनकार के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उनकी एकमात्र प्राथमिकता अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाना है, जिसके लिए वे तमाम स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद वह लगातार इलाकों का दौरा करने निकल पड रहे हैं। इस बीच खबर है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन की ओर से पेश किए जाने के लिए लालू यादव कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिशें कर रहे हैं। लालू की चिंता सिर्फ विरोधियों से नहीं, बल्कि महागठबंधन में सहयोगी कांग्रेस की ‘आनाकानी’ से भी है।

जो सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय पैदा कर रही है। सियासत के जानकारों की मानें तो लालू यादव अब यह मान चुके हैं कि उनके सीधे हस्तक्षेप के बिना न तो सीटों का समझौता संभव है और न ही महागठबंधन में तेजस्वी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जा सकता है। उनकी सक्रियता इसलिए भी बढ़ी है।

क्योंकि उन्हें डर है कि अगर वे निष्क्रिय रहे तो कांग्रेस जैसा बड़ा सहयोगी दल बाद में कन्नी काट सकता है, जिससे राजद को महागठबंधन में ही पीछे धकेला जा सकता है। ऐसे में लालू यादव ने अपनी रणनीति को दोतरफा कर दिया है। एक तरफ, वे अपने पारंपरिक कोर वोट बैंक (मुस्लिम-यादव) को साधने के लिए आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं।

तो वहीं दूसरी तरफ, वे क्षेत्रीय अस्मिता और विकास के मुद्दों को उठाकर नए मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनके हमले लगातार तीखे होते जा रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने नीतीश सरकार के 20 साल के शासन को “दो पीढ़ियों को बर्बाद करने वाला” करार दिया था।

सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा था कि “ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में! यह गुजराती फॉर्मूला बिहार में नहीं चलेगा!” यह बयान बिहार के लोगों की भावना को जगाकर जनाधार का विस्तार करने का एक प्रयास माना जा रहा है। लालू की सक्रियता का एक और दिलचस्प पहलू धार्मिक और सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश है।

राहुल गांधी के सीतामढ़ी में जानकी मंदिर जाने के बाद, लालू सपरिवार गयाजी के विष्णुपद मंदिर पहुंचे। यह कदम ध्रुवीकरण की आशंकाओं को दूर करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि मुसलमानों के हिमायती राजद के लिए ध्रुवीकरण कभी भी फायदेमंद नहीं रहा है।

Web Title: Bihar Assembly Elections Tussle Mahagathbandhan seat sharing CM post RJD chief Lalu Yadav gears up  make son Tejaswi CM contacts public

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