बिहार विधानसभा चुनावः 12 लाख युवा और विद्यार्थी मतदाताओं पर तेजस्वी यादव की नजर, पीके ने दिलाई राजद के लाठी भंजावन, तेल पिलावन रैली की याद
By एस पी सिन्हा | Updated: June 27, 2025 20:05 IST2025-06-27T20:04:06+5:302025-06-27T20:05:00+5:30
Bihar Assembly Elections: राजद के एक करोड़ दस लाख से अधिक सदस्यों में करीब सात लाख 18-20 साल के मतदाता हैं। जबकि जानकारों के अनुसार 18 से 20 साल की आयु वर्ग के करीब 12 लाख मतदाता बिहार में पंजीबद्ध हुए हैं।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य के युवा और विद्यार्थी मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि, राजनीति के जानकार पटना में आयोजित छात्र-युवा संसद के दौरान बेशक उनकी घोषणाएं चुनावी मान रहे हैं, लेकिन पार्टी की पूरी निगाह युवा मतदाताओं पर है। इसके पीछे की वजह खास है। दरअसल, राजद के ‘थिंक टैंक’ का मानना है कि 18-20 साल के युवा मतदाता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार-धंधा है। उसके लिए यह मतदाता सियासी ढाल की तरह है। यह वह मतदाता हैं, जो राजद के खिलाफ बहुप्रचारित जंगल राज के आरोप से पूरी तरह अछूते हैं। बताया जाता है कि राजद के एक करोड़ दस लाख से अधिक सदस्यों में करीब सात लाख 18-20 साल के मतदाता हैं। जबकि जानकारों के अनुसार 18 से 20 साल की आयु वर्ग के करीब 12 लाख मतदाता बिहार में पंजीबद्ध हुए हैं। अगर राजद के दावों पर भरोसा किया जाए तो उसके 18-20 साल के युवा सदस्यों की संख्या बिहार के कुल युवा मतदाताओं की संख्या से आधे से भी अधिक है।
राजद के सियासी रणनीतिकारों का मानना है कि यह वह मतदाता हैं, जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। इस बार भी करने जा रहा है। यह सारी बातें राजद के सदस्यता अभियान के दौरान सामने आई हैं। इससे राजद उत्साहित है। उसके इसी उत्साह की वजह से राजद ने अपने सियासी इतिहास में पहली बार छात्र-युवा संसद का आयोजन किया।
राजनीति के जानकारों के अनुसार बिहार में किसी युवा एवं छात्रों को पहली बार किसी पार्टी ने पेन बांटे हैं। इस बीच जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर तेजस्वी यादव को नौवीं फेल बताकर तीखा वार किया है। उन्होंने कहा है कि कलम बांटकर नौवीं फेल आदमी बिहार का राजा नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि कलम बांटना बेहतर शिक्षा की गारंटी नहीं है।
कलम रखने मात्र से कोई शिक्षित नहीं हो सकता है। शिक्षा के लिए बेहतर शिक्षा नीति चाहिए। प्रशांत किशोर ने कहा कि करीब 23 साल पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पटना में लाठी रैली निकाली थी। लालू प्रसाद की आवाज पर लाठी को तेल में डूबो कर गांधी मैदान में राज्य भर से बड़ी तादाद में राजद समर्थक पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे।
अब लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव युवा हाथों को कलम बाट रहे हैं। उसी कलम से तेजस्वी यादव अगर दसवीं की परीक्षा पास कर लेते, ताकि युवाओं को उन पर भरोसा हो, जो सामान्य परिवार के पढ़े लिखे बच्चे हैं वे दस साल पंद्रह साल पढ़ कर बेरोजगार हैं या मजदूरी कर रहे हैं। यह नौवीं फेल नेता के द्वारा कलम और कॉपी बांटने से पढ़ाई नहीं हो जाती। अच्छा स्कूल होना चाहिए, अच्छी पढ़ाई होनी चाहिए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव के माता और पिता दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रहे। फिर भी बेटे का नौवीं पास नहीं करना बताता है कि शिक्षा के प्रति इस आदमी में कितना लगाव है। प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू प्रसाद अगर अपने परिवार से बाहर किसी भी यादव या अन्य जाति के नेता को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बता दें तो जन सुराज लालू की पार्टी राजद के समर्थन में का करेगा।