बिहार विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र की ‘सुपारी’ दी और 10,000 रुपये बांटकर जीते?, पटना हाईकोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेता अमित टुन्ना, ऋषि मिश्रा, प्रवीण कुशवाहा, तौकीर आलम और शशांक शेखर

By एस पी सिन्हा | Updated: December 27, 2025 17:22 IST2025-12-27T17:21:32+5:302025-12-27T17:22:30+5:30

कांग्रेस का कहना है कि यह न केवल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। याचिकाकर्ताओं ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा किया है।

Bihar Assembly elections contract democracy distributing Rs 10,000 Congress Amit Tunna, Rishi Mishra, Praveen Kushwaha, Tauqeer Alam Shashank Shekhar reached Patna High Court | बिहार विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र की ‘सुपारी’ दी और 10,000 रुपये बांटकर जीते?, पटना हाईकोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेता अमित टुन्ना, ऋषि मिश्रा, प्रवीण कुशवाहा, तौकीर आलम और शशांक शेखर

file photo

Highlightsचुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर नकदी बांटी गई।मतदाता 10,000 रुपये तक दिए गए ताकि वोट को सत्ता पक्ष की ओर मोड़ा जा सके।मोबाइल फोन देने की योजना बना रही थी, तब आयोग ने तुरंत रोक लगा दी थी।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हुई करारी हार के बाद पार्टी के कई नेताओं ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई है। उनका आरोप है कि बिहार सरकार ने चुनाव के समय लोगों को 10,000 रुपये बांटे, लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं और पूर्व विधायकों ने एक साथ याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि इस चुनाव में लोकतंत्र की ‘सुपारी’ दी गई और धनबल के जरिए जनादेश को प्रभावित किया गया। कोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेताओं अमित टुन्ना, ऋषि मिश्रा, प्रवीण कुशवाहा, तौकीर आलम और शशांक शेखर ने अपनी याचिका में दावा किया है कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर नकदी बांटी गई।

नेताओं का आरोप है कि प्रति मतदाता 10,000 रुपये तक दिए गए ताकि वोट को सत्ता पक्ष की ओर मोड़ा जा सके। कांग्रेस का कहना है कि यह न केवल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। याचिकाकर्ताओं ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा किया है।

कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि आयोग ने सत्ताधारी सरकार को ‘अघोषित’ और गैर-कानूनी तरीके से मदद पहुंचाई। उन्होंने आयोग पर ‘दोहरे मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि तेलंगाना चुनाव के समय जब कांग्रेस मोबाइल फोन देने की योजना बना रही थी, तब आयोग ने तुरंत रोक लगा दी थी।

लेकिन बिहार में खुलेआम पैसे बांटे जाने की शिकायतों पर आयोग ने रहस्यमयी चुप्पी साधे रखी। याचिका में अदालत से अपील की गई है कि चुनावी अनियमितताओं की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि यदि चुनाव आयोग और प्रशासन की मिलीभगत से इस तरह के ‘खेला’ को बढ़ावा मिलता रहा,

तो भविष्य में निष्पक्ष चुनाव की कल्पना करना मुश्किल हो जाएगा। नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में न्याय नहीं मिला, तो जनता का लोकतांत्रिक संस्थाओं से भरोसा पूरी तरह उठ सकता है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र की हत्या की गई है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि वह इस मामले का संज्ञान ले और निष्पक्ष जांच कराए।

Web Title: Bihar Assembly elections contract democracy distributing Rs 10,000 Congress Amit Tunna, Rishi Mishra, Praveen Kushwaha, Tauqeer Alam Shashank Shekhar reached Patna High Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे