Bihar assembly elections 2020: सीएम उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे करेंगे प्रचार, 22 स्टार प्रचारक की सूची जारी, देखिए लिस्ट
By एस पी सिन्हा | Published: October 9, 2020 05:56 PM2020-10-09T17:56:15+5:302020-10-09T17:56:15+5:30
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बिहार चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है. बताया जाता है कि उद्धव ठाकरे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए बिहार आयेंगे.
पटनाः बिहार विधानसभा के इस चुनावी समर में अब शिवसेना ने भी दिलचस्पी दिखाई है. वह भी अब अपने उम्मीदवारों को मैदान में ताल ठोकने की अनुमति दे दी है.
बिहार में चुनावी बिगुल बजने के बाद जहां एक तरफ बिहार में सभी पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है, वहीं अब अचानक शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बिहार चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है. बताया जाता है कि उद्धव ठाकरे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए बिहार आयेंगे.
जिसके चलते शिवसेना ने 22 नेताओं की सूची जारी की है, जो बिहार में चुनाव प्रचार करेंगे. चुनाव प्रचार करने वालों की सूची में उद्धव ठाकरे के अलावा उनके बेटे एवं राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम भी शामिल है. सूत्रों ने बताया कि शिवसेना करीब 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
वहीं बिहार में चुनाव प्रचार करने वाले शिवसेना नेताओं में सुभाष देसाई, संजय राउत, अनिल देसाई, विनायक राउत, अरविंद सावंत, प्रियंका चतुर्वेदी, राहुल शेवाले और कृपाल तुमाने समेत तकरीबन 60 नेता शामिल हैं. यहां बता दें कि बिहार में शिवसेना का अभी कोई अस्तित्व नहीं है. लेकिन अपनी बिहार में साख जमाने के लिए बिहार के चुनावी दंगल में उतरने वाले हैं.
हालांकि, उनकी फजीहत पहले ही सुशांत मामले को लेकर हो चुकी है. उनके पुतले तक फूंके जा चुके हैं. ऐसे में अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वे बिहार प्रचार करने आते हैं, तो क्या होता है ये देखने वाली बात होगी. बता दें कि गृह मंत्रालय ने नए दिशा निर्देश जारी करते हुए यह साफ कर दिया है कि अब 15 अक्टूबर से पहले भी राजनीतिक सभाएं की जा सकती हैं.
30 सितंबर को जारी दिशानिर्देश में राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक और खेलकूद से जुडे आयोजनों में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति दी गई थी. लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि निर्धारित शर्तों के साथ राज्य सरकारें 15 अक्टूबर से पहले कंटेनमेंट जोन के बाहर राजनीतिक सभाओं की अनुमति दे सकती हैं. राजनीतिक सभाओं की अनुमति केवल उन विधानसभा या लोकसभा क्षेत्रों के लिए होगी जहां चुनाव होने हैं.