Bihar Vidhan Sabha Election 2020: रघुवंश प्रसाद ने किया था विरोध, मौत के बाद बाहुबली रामा सिंह की राजद में एंट्री, पत्नी को टिकट
By एस पी सिन्हा | Published: October 8, 2020 02:14 PM2020-10-08T14:14:09+5:302020-10-08T14:14:09+5:30
वैशाली जिले में रामा सिंह की गिनती लोजपा के बडे़ नेताओं में की जाती है और सवर्णों के बीच उनका बड़ा वोट बैंक है. यहां बता दें कि रामा सिंह ने वैशाली से लोकसभा चुनाव 2014 लोजपा से टिकट पर लड़ा था.
पटनाः बिहार में लोजपा के बाहुबली पूर्व सांसद राम किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह हां-ना और विरोध समर्थन के बीच आखिरकार राजद में प्रवेश पाने में सफल रहे. राजद में रामा सिंह की एंट्री का विरोध हो रहा था. लेकिन इसके बाद भी तेजस्वी यादव ने रामा सिंह को रात के अंधेरे में राजद का सिंबल दे दिया.
सिंबल मिलने के बाद मायूस रामा सिंह के चेहरे पर मुस्कान लौट गई. राजद ने रामा सिंह को टिकट न देकर उनकी पत्नी बीणा सिंह को महनार विधानसभा सीट से टिकट दिया है. वैशाली जिले में रामा सिंह की गिनती लोजपा के बडे़ नेताओं में की जाती है और सवर्णों के बीच उनका बड़ा वोट बैंक है. यहां बता दें कि रामा सिंह ने वैशाली से लोकसभा चुनाव 2014 लोजपा से टिकट पर लड़ा था.
इस दौरान उन्होंने राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी, लेकिन इसके बाद 2019 के चुनाव के दौरान पार्टी ने उनकी जगह वीणा देवी की टिकट दे दिया. तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि आने वाले दिनों में रामा सिंह लोजपा को अलविदा कहने के बाद कोई बड़ी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं.
रात के अंधेरे में चोरी चुपके रामा सिंह की राजद की सदस्यता
हालांकि रामा सिंह के राजद में शामिल होने के बाद जदयू नेता अभिषेक झा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि रात के अंधेरे में चोरी चुपके रामा सिंह की राजद की सदस्यता दिला कर और उनकी पत्नी को टिकट देकर तेजस्वी यादव जी ने स्वर्गीय रघुवंश बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि दी है.
बताया जा रहा है कि रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह महनार से चुनाव लड़ेंगी. रामा सिंह के राजद में शामिल होने को लेकर कई माह से लगे हुए थे. लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन उनके निधन के बाद भी उनके समर्थन रामा सिंह का विरोध कर रहे थे. लेकिन इन विरोधों के बीच रामा सिंह की मनोकामना पूरी हो गई.
वह राजद का सिंबल लेने में कामयाब हो गए. सिंबल मिलने से गदगद रामा सिंह ने कहा कि उनका कभी रघुवंश प्रसाद से कोई दुश्मनी नहीं रही है. उनका घर मेरे घर के पास ही है. अगर जरूरत पडी तो हम उनके परिजनों से भी वोट मांगने के लिए उनके दरवाजे पर जाएगे. रामा सिंह ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं. उनकी पत्नी महनार सीट से चुनाव लड़ेंगी. रामा सिंह ने दावा किया है कि उनके आने से पार्टी मजबूत होगी और महागठबंधन की सरकार बनेगी.
हर वक्त ताक पर रखने वाली पार्टी राजद का असली चेहरा एक बार फिर उजागर
इसबीच जदयू ने कहा है कि राजनीतिक सुचिता को हर वक्त ताक पर रखने वाली पार्टी राजद का असली चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. अभिषेक झा ने कहा कि रमा सिंह का विरोध लगातार रघुवंश बाबू कर रहे थे. जब वे जीवित थे तब भी राजद ने उनका अपमान किया. तेज प्रताप यादव ने तो उन्हें एक लोटा पानी के बराबर बता दिया था. लेकिन उनकी मौत के बाद पार्टी झूठी सहानुभूति बटोर रही है.
सहानुभूति के लिए नाटक किया जा रहा है. रघुवंश बाबू इन लोगों के रवैया से इतने आहत थे कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. रघुवंश बाबू के परिवार के लोगों ने उनका पार्थिव शरीर राजद कार्यालय तक नहीं आने दिया. लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार करके अंत में वही हुआ जो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी चाहते थे. तेजस्वी यादव जी को बताना चाहिए कि स्वर्गीय रघुवंश बाबू का जीते जी तो आप सम्मान नहीं कर पाए लेकिन उनके देहांत के उपरांत भी आपने उन्हें यह किस तरह की श्रद्धांजलि दी है?