बिहार विधानसभा चुनाव: प्रथम चरण, 1,064 प्रत्याशी, 244 पर आपराधिक मामले, जानिए किस दल में कितने उम्मीदवार
By भाषा | Published: October 20, 2020 08:24 PM2020-10-20T20:24:36+5:302020-10-20T20:24:36+5:30
राजद के 41 उम्मीदवारों में से 30 (73 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 22 (54 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
नई दिल्लीः एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मैदान में उतर रहे 1,064 उम्मीदवारों में से 30 प्रतिशत से अधिक ने हलफनामे में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
रिपोर्ट के अनुसार 23 प्रतिशत या 244 उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। गंभीर आपराधिक मामले पांच साल से अधिक की सजा के साथ ही गैर-जमानती अपराध हैं। उसने बताया कि करीब 328 या 31 प्रतिशत उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। रिपोर्ट के अनुसार कुल 375 या 35 फीसदी ने अपनी वित्तीय संपत्ति करोड़ों रुपये बतायी है जबकि पांच उम्मीदवारों ने शून्य संपत्ति घोषित की है।
उसके अनुसार विश्लेषण किए गए राजद के 41 उम्मीदवारों में से 30 (73 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 22 (54 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के विश्लेषण किए गए 29 उम्मीदवारों में से 21 (72 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की सूचना दी हैं और 13 (45 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से लगभग 12 (57 प्रतिशत), जद (यू) के 35 उम्मीदवारों में से 15 (43 प्रतिशत) और बसपा के 26 में से आठ उम्मीदवारों (31 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार विशलेषण किए गए कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से नौ (43 प्रतिशत), जद (यू) के 35 उम्मीदवारों में से 10 (29 प्रतिशत) और बसपा से विश्लेषण किए गए 26 उम्मीदवारों में से पांच (19 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। उसके अनुसार 29 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से तीन ने उनके खिलाफ बलात्कार से जुड़े मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
एडीआर और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ के संस्थापक सदस्य एवं ट्रस्टी जगदीप छोकर ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का ‘‘कोई असर नहीं पड़ा’’ है क्योंकि उन्होंने फिर से, टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया और लगभग 31 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। बिहार में पहले चरण में 28 अक्टूबर को 71 सीटों, दूसरे चरण में तीन नवम्बर को 94 सीटों और तीसरे चरण में सात नवंबर को 78 सीटों पर मतदान होगा। परिणाम 10 नवम्बर को घोषित किए जाएंगे।